- पद्मश्री गीता महालिक ने पेश किया ओडिसी नृत्य

ALLAHABAD: चेहरे के भाव और हाथ की मुद्राएं वाद्ययंत्रों की ताल के साथ इस तरह लयबद्ध होकर प्रस्तुत हो रहे थे कि कृष्ण लीला का कालिया मर्दन प्रसंग मंच पर साकार हो उठा। दो हजार वर्ष पुरानी नृत्य कला ओडिसी की प्रख्यात नृत्यांगना पद्मश्री गीता महालिक ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में कार्यक्रम पेशकर छात्र-छात्राओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।

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स्पिक मैके के सहयोग से इंस्टीट्यूट के मल्टीपर्पज सभागार में आयोजित ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति पद्मश्री गीता महालिक ने मंगलाचरण के साथ की। नृत्य का समापन जमुना तट पर कृष्ण का ग्वाल बालों के साथ गेंद खेलना, कृष्ण का जमुना में गेंद खोजना और फिर कालिया मर्दन के साथ हुआ। उन्होंने बताया कि दो हजार वर्ष पुराना यह नृत्य पूर्व में पुरी के जगन्नाथ मंदिर में हुआ करता था। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो। प्रशान्त अग्रवाल, पूर्व निदेशक प्रो। जीके राय, आशा राय, कोर्स कोआर्डिनेटर धनंजय चोपड़ा आदि मौजूद रहे।