स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 के लिए 29 दिसंबर से 80 वार्डो में शुरू होगा स्वच्छता अभियान

सीटी बजाकर घर-घर से कचरा उठाएंगे नगर निगम कर्मचारी, हरी-भरी की लापरवाही का होगा विकल्प

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PRAYAGRAJ: स्वच्छ वार्ड काम्पटीशन में बेस्ट पोजिशन पाने के बाद प्रयागराज नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पूरे शहर को स्वच्छ बनाने के साथ ही नया रूप दिया जाएगा। पेंट माई सिटी के बाद 29 दिसंबर से पेंट माई वार्ड शुरू होगा। स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी और अपर नगर आयुक्त ऋतु सुहास ने पत्रकारों को दी।

हरी-भरी हुआ फेल

मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने कहा कि घर-घर से कचरा न उठना शहर की सबसे बड़ी समस्या है। इसे दूर करने में हरी-भरी पूरी तरह से फेल साबित हुआ है। इसलिए नगर निगम घर-घर से कचरा उठाने के लिए अब अपनी व्यवस्था करने जा रहा है। इसके लिए लोगों को अलग से एक रुपया भी नहीं देना होगा। बस केवल जागरुक होकर समय से कचरे को घर के बाहर रख देना होगा।

कचरा उठा कर ले जाएंगे कर्मचारी

शहर के सभी 80 वार्डो में अब नगर निगम कर्मचारी जाएंगे और सीटी बजाकर सफाई करने के साथ ही झाड़ू लगाएंगे। हाथ गाड़ी वाले कर्मचारी भी सीटी बजाएंगे। ताकि लोग अपने घर का कचरा बाहर रख दें और कर्मचारी उठा कर ले जाएं। पायलट प्रोजेक्ट के तहत अलोपीबाग और कटरा में इस अभियान की शुरुआत कर दी गई है, जो सफल साबित हो रहा है।

बैंक भी कर रहे हैं मदद

पेंट माई वार्ड के तहत शहर के सभी 80 वार्ड में स्कूलों, रामलीला पार्क, टॉयलेट आदि सार्वजनिक स्थानों व अन्य दीवारों पर पेंटिंग कराई जाएगी। इसके लिए सीएसआर फंड से पैसा मिल गया है। पीएनबी के साथ ही अन्य बैंक भी सहयोग कर रहे हैं। 2000 लीटर पेंट खरीदा गया है। अभियान में स्कूलों के टीचर्स के साथ ही स्टूडेंट्स को भी शामिल किया जाएगा, जो नगर निगम द्वारा निर्धारित डिजाइन को पेंट कर सकेंगे। इस दौरान प्लांटेशन कराया जाएगा। साथ ही कबाड़ से जुगाड़ का भी काम होगा। बुद्धिजीवी रिटायर्ड लोगों को अभियान से जोड़ते हुए शहर को स्वच्छ बनाने का प्रयास होगा।

पशुपालक हैं सबसे बड़े बाधक

शहर तभी स्वच्छ हो पाएगा जब पब्लिक अपनी जिम्मेदारी समझने लगेगी। लोगों से यही अपील की जा रही है कि वे स्वच्छता अभियान में सहयोग करें। कचरा यहां-वहां न फेंके। झाड़ू लगने के बाद कचरा न फेंके। पशुपालक सफाई में सबसे बड़े बाधक हैं, जो सड़कों व गलियों में पशु बांधते हैं और गोबर नाला-नाली में फेंक देते हैं। कुंभ मेला के लिए कुल 2500 कर्मचारी रखे जा रहे हैं। इनमें से 300 कर्मचारी मिल चुके हैं। उन्हें दलेल के कार्य में लगाया गया है।