-पिछले 24 घंटे में 250 से अधिक बना चुके हैं कैरीकेचर

-11 नवंबर को सुबह सात बजे तक कैरीकेचर बनाने का संकल्प

गिनीज व‌र्ल्ड बुक में नाम दर्ज कराने का दिल में जज्बा लिए गाजीपुर नवोदय विद्यालय का छात्र हरिओम कुमार सिंह अपने मंजिल की ओर लगातार बढ़ रहा है। पिछले 24 घंटे में हरिओम 250 से अधिक कैरीकेचर बना चुके हैं। कनाडा के रोनाल्ड फ्रांसिस हैबरलिंग के 61 घंटे 55 मिनट का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए हरिओम ने 11 नवंबर को सुबह सात बजे तक लगातार कैरीकेचर बनाने का संकल्प लिया है। आठ नवंबर को शाम पांच बजे राजकीय क्वींस इंटर कॉलेज में लांगेस्ट मैराथन ड्राइंग कैरिकेचर्स बनाने का क्रम जो शुरू हुआ वह लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। पिछले 24 घंटे में उन्होंने बीच-बीच में पांच-पांच मिनट का ब्रेक लिया है। इस प्रकार अब तक वह 45 मिनट का ब्रेक ले चुके हैं। मैराथन ड्राइंग कैरीकेचर की निगरानी के लिए सीसीटीवी के साथ ही जनपद के 62 प्रशासनिक और शैक्षिक अधिकारियों की टीम लगाई गई है। दो-दो अधिकारी चार-चार घंटे तक ड्यूटी करेंगे। ये अधिकारी बतौर साक्ष्य होंगे।

एक घंटे में पांच मिनट का ब्रेक

गिनिज बुक के नियमानुसार एक घंटे में पांच मिनट का ब्रेक ले सकते हैं। एक घंटे कोई ब्रेक न लेने की स्थिति में बाद में पांच मिनट जोड़कर ब्रेक लिया जा सकता है। हालांकि दूसरे दिन गुरुवार को भी हरिओम के चेहरे पर चमक बरकरार रही।

बीएचयू के छात्र बढ़ा रहे हौसला

हरिओम का हौसला बढ़ाने नवोदय विद्यालय, गाजीपुर से बड़ी संख्या में छात्र बनारस आए हुए हैं। वह क्वींस कॉलेज के हॉस्टल में रूककर हरिओम का हौसला बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं विद्यालय के पि्रंसिपल मुख्तार आलम, कला की अध्यापिका मधुलिका वर्मा, निर्मला कश्यप, आकाश तिवारी, सतीश कुमार सहित अन्य अध्यापक भी गाजीपुर से बनारस आए हुए हैं। इसके अलावा बीएचयू के छात्र भी पूरी रात जगकर हरिओम का हौसला बढ़ाते रहे।

माता-पिता भी साथ-साथ

हरिओम के पिता रमेश सिंह व माता गीता देवी भी क्वींस कॉलेज में डटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि हरिओम ने 2016 में ही 24 घंटे में 261 पोर्टेट बनाकर अपना नाम लिम्का बुक में दर्ज करा लिया है। उस समय उम्र कम थी लिहाजा उन्हेंने गिनिज बुक में नाम दर्ज कराने से अपना कदम पीछे खींच लिया।

जूस का कर रहे सेवन

हरिओम जूस व सोयाबीन का सेवन कर रहे हैं। नींद न आए इसके लिए उन्हें कोई ठोस पदार्थ खाने में नहीं दिया जा रहा है।