महान भारतीय बल्लेबाज

पाकिस्तान की अंग्रेजी प्रेस ने अपने संपादकीय में महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर की तारीफों के पुल बांधते हुए लिखा है, 'उनके बिना क्रिकेट निश्चित रूप से दरिद्र हो जाएगा. हालांकि उर्दू प्रेस में उनके बारे में ज्यादा कुछ नहीं लिखा गया है, लेकिन अंग्रेजी के अखबारों ने तेंदुलकर के अगले महीने 200वां टेस्ट खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बारे में काफी कुछ लिखा और उनकी उपलब्धियों की तारीफ की है.

नहीं टूटेगें रिकॉर्ड

डॉन ने लिखा कि तेंदुलकर के संन्यास से सचमुच उनके यादगार करियर का अंत हो जाएगा जो लगभग 25 साल तक चला. अखबार ने लेख में लिखा, 'आलोचकों और समकालीन क्रिकेटरों ने उन्हें क्रिकेट का महान खिलाड़ी माना है. तेंदुलकर ने 1989 में पाकिस्तान में कराची में अपने पदार्पण मैच के बाद शानदार बल्लेबाजी कौशल से रिकॉर्ड बुक अपना नाम लिखाना जारी रखा. उनके 100 अंतरराष्ट्रीय शतक और 15,000 टेस्ट रन का रिकॉर्ड हैं जिनके कई वर्षों तक टूटने की संभावना नहीं है. तेंदुलकर अब 40 वर्ष के हैं और भारत में उन्हें भगवान का दर्जा हासिल है. उन्होंने कभी भी इस सफलता को अपने सिर पर नहीं चढऩे दिया और वह विवादों से भी दूर रहे. उनकी छवि मैदान के अंदर और बाहर बेहतरीन है. जब क्रिकेट विवादों से भरा हो तब इस उम्र में उनकी यह उपलब्धि दुर्लभ है.'

पीढी़ दर पीढी़ कियी प्रेरित

अखबार ने लिखा, 'तेंदुलकर की सफलता ने राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, विराट कोहली और शिखर धवन जैसे प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की पीढ़ी को प्रेरित किया है. यह सच है कि वह क्रिकेट कौशल का फायदा कप्तानी में नहीं उठा सके, लेकिन फिर भी उन्होंने भारतीय टीम के कप्तान के रूप में थोड़ी सफलता हासिल की थी. वह हाल के वर्षों में फॉर्म से जूझ रहे थे, जिसके बाद उसके संन्यास की अटकलें शुरू हो गईं, ताकि नए खिलाडिय़ों को टीम में शामिल किया जा सके. उनके सर्वश्रेष्ठ क्षण में उनका भारत की 2011 विश्व कप जीत में योगदान भी शामिल है. क्रिकेट का खेल सचिन तेंदुलकर के बिना निश्चित रूप से दरिद्र होगा.'

एकमात्र खिलाड़ी

'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' और 'डेली टाइम्स' ने तेंदुलकर को अपने समय का पूर्ण बल्लेबाज करार दिया, जिसकी किताब में प्रत्येक शॉट हैं और उनके पास किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाने की क्षमता है और वह टीम की जरूरत के हिसाब से अपना नैसर्गिक आक्रामक नियंत्रण करता है. ट्रिब्यून ने तेंदुलकर के आकंड़ों की तारीफ करते हुए लिखा. तेंदुलकर ने अपने करियर में 34,000 अंतरराष्ट्रीय रन जुटाए हैं, वह एकमात्र खिलाड़ी है जिसने 100 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़े हैं तथा वह टेस्ट और वनडे में सर्वाधिक रन बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं.

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