वक़ार युनुस ने कहा कि ऐसा वो निजी और स्वास्थ्य के कारणों से कर रहे हैं। उन्तालीस साल के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ने लाहौर में एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा, "मैंने बोर्ड को पिछले हफ़्ते अपना त्यागपत्र दे दिया है और ज़िम्बाब्वे का दौरा मेरा आख़िरी दौरा होगा। "मैंने ये फैसला निजी कारणों से लिया है। मेरा स्वास्थ भी इसकी एक वजह है। किसी के साथ मेरा कोई मतभेद नहीं है। मेरा त्यागपत्र मंज़ूर हो गया है."

वक़ार युनुस ने पाकिस्तानी टीम के कोच का पद 18 महीने पहले ही संभाला था और बोर्ड के साथ समझौते के मुताबिक़ उनका कार्यकाल साल 2012 तक था। लेकिन ख़बर थी कि हाल के वेस्ट इंडीज़ के दौरे के बीच उनकी और शाहिद आफ़्रीदी के बीच अनबन हो गई थी। शाहिद आफ़्रीदी पाकिस्तान की एक दिवसीय क्रिकेट टीम के कप्तान थे।

नए कोच की तलाश

ख़बर ये भी थी कि उनके और मुख्य चयनकर्ता मोहसिन ख़ान के बीच मतभेद थे। उनके कार्यकाल में पाकिस्तानी टीम विवादों में घिरी रही।

टीम के भीतर आपसी रंजिश और कुछ लोगों पर भ्रष्टाचार और सट्टेबाज़ी का आरोप भी लगा था। सट्टेबाज़ी के आरोप के बाद पाकिस्तान के तीन खिलाड़ियों - सलमान बट, मोहम्मद आसिफ़ और मोहम्मद आमिर के ऊपर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर सुबहान अहमद ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि वो नहीं चाहते थे कि वक़ार युनुस अपना पद छोड़े लेकिन उन्हें इलाज के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना था।

सुबहान अहमद ने कहा, "हम उनके शुक्रगुज़ार हैं कि उन्होंने ज़िम्बाब्वे जाने की ज़िम्मेदारी क़बूल कर ली है। अब हम कोच के पद के लिए दूसरे उम्मीदवार की तलाश शुरू करेंगे."

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