पाकिस्तान में जन्मे जेहादी संगठन

संसदीय समिति की सुनवाई के दौरान रैंड कॉरपोरेशन में इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस पॉलिसी सेंटर के निदेशक सेथ जोंस ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर जैसे क्षेत्रों में अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए छद्म संगठनों का सहारा लिया है। इसका अर्थ है कि वह हक्कानी नेटवर्क और तालिबान जैसे संगठनों को मदद दे रहा है। यह छद्म युद्ध है। लॉन्ग वार जर्नल के संपादक बिल रोगिओ ने भी जोंस की बातों का समर्थन किया। रोगिओ ने कहा पाकिस्तान हर बात को भारत के खिलाफ युद्ध के नजरिये से देखता है। दुर्भाग्य से जो जिहादी संगठन भारत से लडऩे के लिए पाकिस्तान के प्रयासों से जन्मे थे अब वही पाकिस्तान को काटने लगे हैं।

अमेरिका ने दी है पाकिस्तान को सहायता

जब तक पाकिस्तानी सरकार नेता व सैन्य खुफिया एजेंसियां इनको नियंत्रित नहीं कर लेतीं तब तक यह समस्या बनी रहेगी। पाक-अफगान पर सुनवाई की अध्यक्षता करने वाले सांसद टेड पोए ने बताया कि हालिया वर्षों में अमेरिका ने पाकिस्तान को सहायता के तौर पर 33 अरब डॉलर करीब 1925 अरब रुपए से ज्यादा की रकम दी है। पाकिस्तान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर हक्कानी नेटवर्क का समर्थन करता है। इस आतंकी संगठन ने किसी अन्य संगठन की तुलना में सबसे ज्यादा अमेरिकियों को निशाना बनाया है। हमें ऐसे देश को पैसे नहीं देने चाहिए जो अमेरिकियों को निशाना बनाने वाले संगठनों का समर्थन करता है।

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