- दो सौ जिला और 1461 क्षेत्र पंचायत सदस्यों की किस्मत का फैसला बैलट बॉक्स में हुआ कैद

- प्रशासन की मुस्तैदी से खुराफातियों की योजनाएं हुई धराशाई, शांतिपूर्ण रहा चुनाव का दूसरा चरण

BAREILLY:

आखिरकार पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी का ही नतीजा रहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का दूसरा चरण शांतिपूर्ण ढंग से निपट गया। लेकिन पहले चरण की अपेक्षा दूसरे चरण में मतदाताओं को जोश धीमा रहा। मतदाताओं ने 12 वॉर्डो के लिए 200 जिपं प्रत्याशी और 272 क्षेपं वॉर्डो में 1461 क्षेत्र पंचायत सदस्य के भविष्य का फैसला बैलेट बॉक्स में बंद किया। पोलिंग के दौरान कई मतदान केंद्रों पर छिटपुट घटनाएं भी हुई। मीरगंज के दो मतदान केंद्रों पर परिसीमन के विवाद को लेकर करीब 3 घंटे तक मतदाताओं ने वोटिंग का बहिष्कार किया। लेकिन अधिकारियों के समझाने पर मतदाताओं ने क्षेत्र के विकास के लिए मत महादान किया।

नवरात्र की वजह से सुबह रही धीमी

त्रिस्तरीय चुनावों में ट्यूजडे को 3 ब्लॉक फतेहगंज पश्चिमी, मीरंगज और शेरगढ़ में मतदाताओं ने मत प्रयोग किया। सभी ब्लॉकों पर नवरात्र होने से सुबह करीब 10 बजे तक बूथों पर नाममात्र की उपस्थिति रहीे। आंकड़ों के मुताबिक सुबह 10 बजे तक केवल 12 परसेंट ही मतदाता ने मत प्रयोग किया। लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद मतदाताओं का हुजूम उमड़ने लगा। जिसका नतीजा रहा कि देर शाम तक करीब 66.66 फीसदी वोट पड़ गए। चुनावों में आमतौर पर सुबह के समय महिला वर्ग का सर्वाधिक वोट पड़ता था, लेकिन इस बार नवरात्र होने की वजह से सुबह केवल 4 परसेंट महिलाओं ने मत प्रयोग किया।

बाधाएं पर भारी मतदाता

'प्रत्याशी जीतने के बाद गांव के लिए कोई सराहनीय काम नहीं करते, लेकिन वह अपना कर्तव्य भूल जाएं तो जरूरी नहीं कि मतदाता भी अपने अधिकार का वाजिब प्रयोग न करें' यह कहना था अगरास के राजकीय इंटर कॉलेज में वोट डालने पहुंची 60 वर्षीय लीलावती का। उन्होंने बताया कि करीब माह भर पहले पांव पर कुल्हाड़ी गिर जाने से काफी गहरा घाव हो गया था। चुनाव में वोट डालने के लिए उनके परिजनों ने मना किया था, लेकिन परिजनों के न होने पर वह अपनी बहू सरिता को मनाकर वोट डालने पहुंच गई। कुछ इसी तरह के जुमले से नवाजते हुए 72 वर्षीय पीरबक्श ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बता दें कि बुजुर्गवार पीरबख्श के पैरों में 6 वर्षो से फालिस से पीडि़त होने के बावजूद सभी चुनावों में मतदान कर रहे हैं।

वोट पड़ जाने से मचा हंगामा

माधोपुर मतदान केंद्र पर वॉर्ड 7 और 9 के प्रत्याशियों का चुनाव हो रहा था, लेकिन दोपहर करीब 3 बजे 30 वर्षीय आफरीन का वोट पड़ जाने से हंगामा मच गया। महिला ने वोट पड़ जाने पर चिल्लाना शुरू किया, लेकिन मौजूद लोगों ने उसे समझा-बुझाकर वापस भेज दिया। बात करने पर महिला ने बताया कि वह परिवार समेत दिल्ली में रहती है। मंडे शाम को वोट डालने के लिए शहर पहुंची थी। लेकिन वोट डालने बूथ संख्या 1180 पर पहुंची तो वहां पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि वोट पड़ चुका है। आफरीन का लोकसभा चुनाव में भी किसी खुराफाती ने पहले ही वोट डाल दिया था। इस बार भी दो मिनट की नाराजगी के बाद एजेंट के समझाने पर घर को लौट गई। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के पहले चरण में भी कई बूथों पर वोट पड़ जाने से हंगामा हुआ था।

धीरे-धीरे चढ़ा चुनावी रंग

सुबह करीब 11 बजे तक 293 मतदान केंद्र और 643 मतदान बूथों पर महज 12 परसेंट ही वोट डाले गए थे। आरओ शिवसहाय अवस्थी के मुताबिक वहीं 12 बजे तक मतदाताओं को हुजूम उमड़ने लगा और उन्होंने महज एक घंटे के भीतर 28 परसेंट मतदान हो गया। इसके बाद 1 बजे तक 43 परसेंट और 3 बजे तक 54 परसेंट की वोटिंग हुई। वहीं, शाम पांच बजे मतदान समाप्त होने के बाद प्राप्त डाटा के मुताबिक 66.66 परसेंट मतदान 3 ब्लॉक में हो गया। हालांकि 383643 मतदाताओं में से केवल 2,53,336 मतदाताओं ने मत प्रयोग किया। जबकि पहले चरण के चुनाव में 71 परसेंट वोटिंग करने के बाद बरेली ने प्रदेश के टॉप टेन जिलों में नाम शुमार कर लिया था।

प्लस केंद्रों पर मौजूद रही फोर्स

दूसरे चरण में शेरगढ़ के 14, मीरगंज के 10 और फतेहगंज पश्चिमी में 18 चिह्नित किए गए मतदान केंद्रों पर प्रशासन के निर्देश पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पोलिंग सेंटर से करीब 2 सौ मीटर पहले बैरिकेडिंग के जरिए बिना पास के वाहनों के प्रवेश पर अंकुश लगा दिया गया था। केंद्र में फोर्स ने मोर्चा संभाल रखा था। गौरतलब है कि मीरगंज के फिरोजपुर प्लस मतदान केंद्र में पहली बार मतदान करने पहुंचे आदिल धूप में खड़े रहने की वजह से बेहोश होकर गिर पड़ा। जिसे मौजूद परिजनों ने तत्काल उसे लेकर हॉस्पिटल चले गए।

वोटिंग परसेंटेज

ब्लॉक 11 बजे 1 बजे 3 बजे 5 बजे कुल

मीरगंज 11 25 42 53 68

शेरगढ़ 13 31 47 59 66

फतेहगंज पश्चिमी 11 27 41 50 66

घर बैठने की बजाय मतदान ज्यादा जरूरी लगा। बहू को साथ लेकर मतदान स्थल पहुंचकर वोट डाला है।

धनदेवी, 80 वर्ष

प्रशासन की अनदेखी की वजह से मतदाताओं को टै्रक्टर ट्राली के सहारे मतदान केंद्र पहुंचकर मत प्रयोग करना पड़ा है।

ननुकी लाल, 78 वर्ष

कम्प्यूटर के युग में गांव आज भी पीछे हैं। प्रत्याशी ने विकास का वायदा किया था, जिसे देखते हुए वोट दिया है।

इशरत खां, 20 वर्ष

ज्यादातर प्रत्याशी जीतने के बाद वायदे भूल जाते हैं। अबकी जिसे वोट दिया है, उससे बहुत उम्मीदें हैं।

मोहम्मद उमर, 19 वर्ष

मुझे प्रत्याशी को परखने की क्षमता नहीं है। इसीलिए पेरेंट्स ने जिसे कहा उसे वोट दे दिया है।

फरहीन, 18 वर्ष

पहली बार वोट डालकर अच्छा लगा। पेरेंट्स ने पसंदीदा प्रत्याशी को वोट देने के लिए कहा था।

नगमा, 20 वर्ष