छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा स्टील के एमडी (भारत व दक्षिण पूर्व एशिया) टीवी नरेंद्रन ने कहा कि आज क्लाइमेंट चेंज पर दुनिया भर में राजनीति व आर्थिक बहस हो रही है। उन्होंने कहा कि करीब एक दशक पहले ही टाटा स्टील ने इसे समझ लिया था। हमने उसी समय सस्टेनेबिलिटी को फोकस एरिया में शामिल कर लिया था। हालांकि अब भी इसे पूरी गंभीरता से समझने और व्यवहार में लाए जाने की जरूरत है। टीवी नरेंद्रन बुधवार को बेल्डीह क्लब में टाटा नेटवर्क फोरम के पैनल डिस्कशन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान के लिए यह आवश्यक पहलू है। हमें अपने काम का तरीका बदलने की जरूरत है, खासकर संस्थान के लिए। हमें सतत स्थायित्व को कायम रखने के लिए गंभीरता से अपनाना होगा।

निभा रही अहम भूमिका

वहीं टाटा ग्रुप के चीफ एथिक्स आफिसर मुकुंद राजन ने 'टाटा सस्टेनेबिलिटी जर्नी' पर प्रकाश डालते हुए कहा कि टाटा ग्रुप वैश्रि्वक पर्यावरण के मुद्दे में अहम भूमिका निभा रही है। टाटा ग्रुप कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश कर रही है। टाटा एंगेज भारत में बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है। इसी कड़ी में राजन ने कहा कि टाटा स्टील ने झारखंड के जनजातियों के विकास में सराहनीय कार्य किया है। इसी क्रम में एक्सेंचर स्ट्रेटेजी-इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर (सस्टेनेबिलिटी) विश्वेष प्रभाकर ने सस्टेनेबिलिटी पर एक्सेंचर द्वारा कराए गए सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि सस्टेनेबिलिटी को वैल्यू क्रिएशन के लिहाज से अहम माना जा रहा है।

इन्होंने भी किया संबोधित

पैनल डिस्कशन के दूसरे सेशन में टाटा पावर के चीफ सस्टेनेबिलिटी आफिसर विवेक तलवार, तनिष्क के चीफ मैन्यूफैक्च¨रग आफिसर संजय रानावडे, सीडीपी-इंडिया के डायरेक्टर दमनदीप सिंह, एक्सेंचर स्ट्रेटेजी एंड सस्टेनेबिलिटी के प्रमुख संदीप सिंह आदि ने विचार रखे, जबकि इन सत्रों का संचालन टाटा स्टील के चीफ (कारपोरेट स्ट्रेटेजी) सिद्धार्थ शाह, चीफ (प्रोक्योरमेंट, बल्क कमोडिटीज) अमिता खुराना, हेड (क्लाइमेट चेंजज एंड स्ट्रेटेजिक प्लानिंग) शिवज्योति दत्ता व चीफ (मार्केटिंग एंड सेल्स, आइबीएमडी) योगेश बेदी ने किया।