-गुड़गांव की एक कंपनी में काम करने वाली 25 साल की युवती के साथ रेप

-इस घटना के बाद वीमेन सेफ्टी को लेकर फिर से सवाल उठने लगे

-सिटी की महिलाओं और स्कूल ग‌र्ल्स ने आई नेक्स्ट से शेयर की मन की बात

JAMSHEDPUR: फिर एक लड़की हवस का शिकार बन गई। फिर एक वहशी की दरिंदगी सामने आई। वीमेन सेफ्टी पर फिर सवाल उठे। निर्भया कांड के बाद भी रेप की घटनाओं पर रोक नहीं लग रही है। घिनौनी मानसिकता वालों के मन में जरा भी डर नहीं। ऐसा करने वालों पर लंबे समय तक कोर्ट की कार्यवाही न हो। इन्हें तुरंत सजा मिले और वह भी मौत की सजा। गुड़गांव की एक कंपनी में काम करने वाली ख्भ् साल की युवती के साथ रेप की घटना सामने आने के बाद शहर की महिलाएं गुस्से में हैं। वे उस कैब ड्राइवर को पकड़कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के पक्ष में हैं। सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि स्कूल गोइंग ग‌र्ल्स ने एक बार फिर से वीमेन सेफ्टी पर सवाल उठाए। जेआरडी स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स के पास स्थित जुबिली ऑफिसर्स फ्लैट में जब हम पहुंचे तो महिलाओं ने अपने मन की बात हमसे शेयर की। उन्होंने और क्या कहा, आइए जानते हैं उन्हीं की जुबानी

मानसिकता बदलने की जरूरत

रेप की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहीं हैं। महिलाओं की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल उठ गया है। मानसिकता बदलने की जरूरत है। हम टीवी पर देखते हैं कि महिलाओं को एक ऑब्जेक्ट के रूप में दिखाया जाता है। इसपर रोक लगनी चाहिए और इस तहर की घिनौनी हरकत करने वालों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

-स्मिता मेहता

पुरुषों की मानसिकता पर सवाल

लड़के जब चाहें घर से निकलें, जहां चाहें वहां जाएं। लड़कियां ऐसा क्यों नहीं कर सकतीं। अगर घर से निकलने के बाद लड़कियां सेफ नहीं हैं, तो यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है पुरुषों की मानसिकता पर और साथ ही सरकार द्वारा महिलाओं को सुरक्षा दिए जाने को वादे पर भी।

- बबिता

लड़कों की सोच में कमी

मुझे लगता है कि इस तरह की घिनौनी हरकत करने वाले लड़कों को फैमिली से संस्कार मिलने में कमी रह जाती है। लड़कों को उनके पैरेंट्स क्यों नहीं समझाते कि उसकी मां-बहन की तरह ही दूसरों की भी मां बहन होती है। कमी लड़कियों के कपड़ों में नहीं बल्कि लड़कों की सोच में है।

- राधा

टीनएजर्स पर ध्यान दें पैरेंट्स

टीनएजर्स पर पैरेंट्स को खास ध्यान देने की जरूरत है। हम देख रहे हैं कि रेप जैसी घटना में कम उम्र के लड़के भी शामिल होते हैं। कम उम्र में ही उनकी सारी बातें मान लेना और स्मार्ट फोन देकर उनपर ध्यान नहीं रखना आगे चलकर खतरनाक साबित हो सकता है।

- मौसमी

लड़कों पर नजर रखी जाए

लड़के तो कम उम्र में ही गलत रास्ते पर दिखने लगते हैं। स्कूलों में भी उनपर नजर रखनी चाहिए। ग‌र्ल्स को तो उनके पैरेंट्स काफी हद तक कंट्रोल में रखते हैं, लेकिन ब्वॉयज के मामले में ऐसा कम ही देखा जाता है। इस तरफ ध्यान देना चाहिए।

- डॉल्फी श्रीवास्तव

विल पावर की कमी

मेरा मानना है कि रेप जैसी घटनाओं के बाद गवर्नमेंट एक्टिव होती है, लेकिन विल पावर की कमी की वजह से इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। मन में डर होने पर ही कोई रेप जैसी घटना को अंजाम देने से खुद को रोकेगा।

- रंजीता

तो खत्म हो जुवेनाइल एक्ट

जुवेनाइल एक्ट को पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए। कोई लड़का ऐसी हरकत करता है, तो उसे कैसे बच्चा कहा जा सकता है। रेप जैसी घटना में जुवेनाइल एक्ट की जरूरत नहीं होनी चाहिए। जो भी ऐसा करे उसे कठोर सजा मिले चाहे वह किसी भी उम्र का हो।

- अनुष्का

हो सामाजिक बहिष्कार

रेप की विक्टिम को ही हर जगह अपमान सहना पड़ता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। रेप में शामिल पुरुषों का सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए। आखिर इसमें महिला की क्या गलती होती है। सामाजिक अपमान से बचने के लिए ही कई बार महिलाएं अपनी जुबान तक नहीं खोलती।

- विकासा

मौत की सजा िमलनी चाहिए

पैरेंट्स और बच्चों के बीच अगर क्वालिटी टाइम स्पेंड हो, तो कई तरह की प्रॉब्लम का सॉल्यूशन निकल आता है। बच्चों को समझाना जरूरी है कि उनके लिए क्या सही और क्या गलत है। बच्चों के फ्रेंड्स पर भी पैरेंट्स को नजर रखनी चाहिए। जो भी ऐसी घिनौनी हरकत करे उसे मौत की सजा मिलनी चाहिए।

- युविका

मिलकर करना पड़ेगा विरोध

हम देखते हैं कि रेप की घटना में अगर कोई नाबालिग लड़का शामिल होता है, तो ह्यूमन राइट्स वाले उनके फेवर में सामने आ जाते हैं। ऐसा क्यों होता है? विक्टिम और उसके फैमिली वालों को क्या झेलना पड़ता है यह पता होता है क्या उन ह्यूमन राइट्स वालों को। समाज और सरकार को मिलकर इसका विरोध करना होगा।

- स्मिता गायकवाड़