-बजट पर आई नेक्स्ट के पैनल डिस्कशन में शामिल हुए डिफरेंट फिल्ड से जुड़े लोग

-जेटली के बजट पर लोगों की मिश्रित राय सामने आई, किसी ने अच्छा तो किसी ने कहा एवरेज

-टैक्स छूट का दायरा नहीं बढ़ाए जाने से मिडिल क्लास की नाराजगी दिखी, सर्विस टैक्स बढ़ाने को भी गलत कहा

JAMSHEDPUR: मिडिल क्लास के लोगों को इस आम बजट से क्या मिला? इसे आम बजट नहीं खास बजट कहना चाहिए। इसमें आम लोगों के लिए कम और खास के लिए ज्यादा है। लेकिन बजट में कुछ अच्छी बातें भी हैं। इसका असर आने वाले समय में दिखेगा। सर्विस टैक्स बढ़ाकर क्या कर दिया, ऐसा क्यों किया? घर का सपना और अब और दूर होगा। किचन को राहत नहीं मिली। होटल में खाना भी महंगा हो गया। अरुण जेटली के बजट पर बात करने के लिए आई नेक्स्ट द्वारा आयोजित पैनल डिस्कशन में कुछ ऐसे ही रिएक्शन सामने आए। इस डिस्कशन में हमने फाइनांस मिनिस्टर वर्सेस होम मिनिस्टर्स के तहत सात लोगों को जिनमें, हाउस वाइफ, प्रोफेशनल, स्टूडेंट, बिजनेसमैन, प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के इंप्लॉई, सीनियर सिटीजन के साथ ही आर्थिक विशेषज्ञ शामिल किया।

मिडिल क्लास को परेशान किया

टैक्स स्लैब की बात करें तो इससे लोग खुश नहीं। अरुण जेटली के बजट में इनकम टैक्स में किसी तरह का बदलाव तो नहीं किया गया, पर सर्विस टैक्स क्ख्.फ्म् से बढ़ाकर क्ब् परसेंट कर देने से मिडिल क्लास के लोग खुश नहीं। बिजनेसमैन मनोज का कहना था कि सर्विस टैक्स बढ़ने की वजह से होटल में खाना, जिम और सलोन जाना महंगा हो जाएगा। हाउस वाइफ रूबी भी सर्विस टैक्स बढ़ाए जाने से खुश नहीं थीं। इसके अलावा इनकम टैक्स में छूट का दायरा नहीं बढ़ाया जाना भी लोगों को निराश कर गया। पब्लिक सेक्टर में जॉब करने वाले पंकज का कहना था कि मिडिल क्लास खासकर सैलरीड पर्सन को यह उम्मीद थी कि इनकम टैक्स की छूट का दायरा ख्.भ् लाख से बढ़कार कम से कम तीन लाख किया जाएगा पर ऐसा नहीं हो पाया।

घर का सपना अब नहीं अपना

अपना एक आशियाना हो, ऐसा तो हर कोई चाहता है। पर वह पूरा हो पाएगा या नहीं यह बहुत कुछ सरकार की नीतियों पर डिपेंड करता है। क्योंकि देश का सबसे बड़ा तबका यानी मिडिल क्लास के लोगों के लिए घर का सपना तभी पूरा हो पाता है जब वह बैंक से लोन लेता है। ऐसा कहना था प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने वाले अविनाश सिंह का। उन्होंने कहा कि इस बजट में होम लोन को सस्ता करना तो दूर, सर्विस टैक्स बढ़ा देने की वजह से घर का सपना पूरा होना तो और भी मुश्किल हो गया है। सीनियर सिटीजन के तौर पर पैनल डिस्कशन में प्रजेंट प्रेम कुमार का भी कहना था कि मिडिल क्लास के लोगों के लिए घर खरीदना अब ज्यादा महंगा साबित होगा। यानी कुल मिलाकर घर के सपने को पूरा करता नहीं दिखा जेटली का बजट।

एजुकेशन में ओवरऑल अच्छा पर स्टेट के लिए कुछ नहीं

बात एजुकेशन की करें, तो इसमें अरुण जेटली के बजट को ज्यादातर लोगों ने सराहा। हायर एजुकेशन के लिए आसान और सस्ते लोन अवेलबल कराए जाने की घोषणा और इसके साथ ही देश भर में हायर एजुकेशन के कई इंस्टीट्यूशंस की स्थापना को सही कदम बताया गया। हायर एजुकेशन की तरफ कदम बढ़ा रही श्रेया का कहना था कि एजुकेशन लोन को सस्ता करने की घोषणा सराहनीय है। श्रेया का कहना था कि मिडिल क्लास के स्टूडेंट्स के लिए हायर एजुकेशन कंप्लीट करने का एक ही माध्यम होता है जो लोन है। हायर एजुकेशन को झारखंड के संदर्भ में देखा जाए तो लोगों को निराशा ही हाथ लगी। धनबाद स्थित आईएसएम को आईआईटी का दर्जा भर दिए जाने से लोग खुश नहीं। झारखंड और जमशेदपुर जैसी जगहों पर और इंस्टीट्यूशंस की उम्मीद लिए थ्ो लोग।

किचन में महंगाई देगी दस्तक

जेटली के बजट का किचन पर पड़ने वाले प्रभाव पर हाउस वाइफ रूबी का कहना था कि इस बजट से किचन को राहत तो नहीं मिली, लेकिन थोड़ी और महंगाई वहां तक पहुंच जाएगी। उन्होंने बताया कि सर्विस टैक्स में बढ़ोत्तरी का असर हर किचन में दिखेगा क्योंकि सर्विस टैक्स बढ़ने से काफी चीजें महंगी हो जाएंगी। पेशे से एडवोकेट काकोली महतो का कहना था कि जेटली के इस बजट को किचन के संदर्भ में देखा जाए तो इसमें कुछ भी नहीं। उन्होंने कहा कि सीधे तौर पर बजट में ऐसा कुछ नहीं है जिससे किचन पर महंगाई का असर दिखे पर इनडायरेक्टली कुछ ऐसी घोषणाएं हैं जिसका असर आने वाले समय में किचन पर दिखेगा। हालांकि एलपीजी पर सब्सिडी में किसी तरह का बदलाव नहीं किए जाने का स्वागत भी किया गया।

चलो कुछ तो सस्ता हुआ

लाइफस्टाइल से जुड़े सवालों पर डिस्कशन में शामिल सभी लोगों ने बजट को अच्छा बताया। एलइडी, फ्रीज, होम मेड मोबाइल के सस्ते होने से लोगों ने राहत की सांस ली। सरकारी जॉब करने वाले पंकज ने कहा कि मिडिल क्लास फैमिली के लिए गजेट्स सस्ता होना अच्छी बात है। प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने वाले अविनाश ने भी कुछ चीजें सस्ती होने पर खुशी जाहिर की। हालांकि ओवरऑल लाइफस्टाइल की बात करने पर होटल में खाना और रहना महंगा होना फिर से मिडिल क्लास के लिए परेशानी की तरह सामने आ गया। मनोज का कहना था कि मिडिल क्लास वाले महीने में एक या दो बार बाहर खाना खाते हैं जो अब महंगा हो जाएगा। यानी अब बाहर खाने से पहले मिडिल क्लास फैमिली को सोचना पड़ेगा।

निराशा ही लगी हाथ

ऑटोमोबाइल्स की बात करें तो आम लोगों को कोई राहत नहीं मिली। फोर व्हीलर और बाइक्स पर पिछली सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी पर इस सरकार ने कोई राहत नहीं दी। बिजनेसमैन मनोज यादव ने बताया कि मोदी सरकार बनने के बाद एक्साइज ड्यूटी में पिछली सरकार की कटौती को नई सरकार ने म् महीने के लिए एक्सटेंड किया था, पर वह भी अब खत्म हो गया। यानी कार और बाइक की खरीद पर लोगों को कोई राहत नहीं मिलने वाली। एक राहत वाली घोषणा यह रही कि आगे चलकर गवर्नमेंट ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स लागू करने का मन बनाया है जिससे डिफरेंट स्टेट में गाडि़यों की कीमत में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। यानी कुल मिलाकर ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में बजट से उत्साह नहीं।