JAMSHEDPUR: क्या पुलिस एक्टिव है। ग‌र्ल्स कॉलेजेज और स्कूलों के आस-पास पुलिस एलर्ट क्यों नहीं दिखती। डिफरेंट एरियाज के पुलिस बूथ खाली क्यों रहते हैं। बस और ऑटो में ग‌र्ल्स खुद को सिक्योर नहीं फील करतीं। बस और ऑटो ड्राइवर्स को आईडी कार्ड क्यों नहीं अवेलबल कराया जा रहा। किसी तरह की घटना हो जाने पर महिलाएं कहां रिपोर्ट करें। डायल क्00 पर कॉल किया पर रिस्पांस क्यों नहीं मिला। सवालों की झड़ी के बीच सिटी एसपी कार्तिक एस कभी पुलिस को डिफेंड करते नजर आए, तो कभी महिला सुरक्षा को लेकर कुछ नया करने की बात करते दिखे। मौका था डिमना रोड स्थित दैनिक जागरण के ऑफिस में आई नेक्स्ट द्वारा 'अनसेफ ग‌र्ल्स' पर चलाए जा रहे अभियान के तहत ऑर्गनाइज किए गए पैनल डिस्कशन का। इस पैनल डिस्कशन में पुलिस ऑफिशियल के अलावा डॉक्टर, वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल्स, एडवोकेट, झारखंड ह्यूमेन राइट्स के मेंबर्स और गर्ल स्टूडेंट्स ने पार्टिसिपेट किया। दैनिक जागरण जमशेदपुर के यूनिट हेड प्रवीण कुमार ने गेस्ट्स का वेलकम किया और कार्यक्रम का संचालन किया आई नेक्स्ट के अमित चौधरी ने।

पुलिस तो नजर ही नहीं आती

बात जब वीमेन सेफ्टी की हो तो सबसे पहले पुलिस की तैनाती पर सवाल उठते हैं। डिस्कशन के दौरान ज्यादातर पार्टिसिपेंट्स ने शहर के डिफरेंट एरियाज में पुलिस की विजिबिलिटी पर ही सवाल खड़े कर दिए। फ्राइडे को ही आई नेक्स्ट में पब्लिश हुई खबर पर ज्यादातर महिलाओं ने सिटी एसपी से पूछा कि रात में सड़कों पर पुलिस क्यों नहीं दिखती। उन्होंने पूछा कि अगर रात के समय कोई घटना हो जाए, तो जिम्मेवारी किसकी होगी। इसपर सिटी एसपी कार्तिक एस ने कहा कि रात में पुलिस की ड्यूटी लगाई जाती है पर फिलहाल मैन पावर की कमी की वजह से प्रॉब्लम हो रही है।

पुलिस क्या कर रही है?

कॉलेज गोइंग ग‌र्ल्स का कहना था कि ऑटो और बस में ट्रैवल करने से उन्हें डर लगता है। अंबिका ने अपना एक्सपीरिएंश शेयर करते हुए कहा कि ऑटो ड्राइवर अश्लील गाने बजाते हैं और कहने पर भी बंद नहीं करते। उन्होंने यह भी बताया कि रात के समय ऑटो में एक बार जा रही थी तो ऑटो ड्राइवर ने लाइट ऑफ कर गाना बजा दिया, काफी कहने पर गाना बंद किया पर लाइट ऑन नहीं किया। सिटी एसपी ने भरोसा दिलाया कि बहुत जल्दी ऑटो और बस की मनमानी पर रोक लगाई जाएगी।

डायल क्00 के साथ ही महिला सेल का नंबर भी होर्डिग्स पर होंगे

पुलिस के डायल क्00 नंबर पर भी कई सवाल उठे। रागिनी, कंचन और गुनागर ने कहा कि इस नंबर पर कॉल करने के बाद भी रिस्पांस नहीं मिलता और समय पर पुलिस नहीं पहुंचती। एसपी ने इस मामले में पुलिस को डिफेंड करते हुए कहा कि क्00 पर प्रॉपर रिस्पांस दिया जाता है लेकिन कई कॉल्स फेक भी आते हैं। महिलाओं ने उनके लिए पुलिस का स्पेशल नंबर जारी की डिमांड की तो एसपी ने कहा कि महिला ऐसा उन शहरों में किया जाता है जहां क्00 नंबर ज्यादातर बिजी हो पर यहां ऐसा नहीं है। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि महिला सेल का नंबर भी डिफरेंट एरियाज के होर्डिग्स पर डिस्प्ले किया जाएगा।

मेडिकल फैसिलिटी भी िमलनी चाहिए

घर से बाहर लड़कियों या महिलाओं के साथ किसी तरह का इंसीडेंट हो जाने पर उन्हें मेडिकल फैसिलिटी अवेलबल कराने की भी डिमांड की गई। इस डिमांड पर पुलिस ऑफिशियल ने कहा कि इसके लिए जमशेदपुर एक्सीडेंट रिस्पांस एंड मेडिकल एसिस्टेंस (जरमा) है। उन्होंने कहा कि कॉल करने पर यह फैसिलिटी क्0 मिनट के अंदर प्रोवाइड करा दी जाएगी।

प्वॉइंट टू बी नोटेड

और किस तरह की बातें अाईं सामने

- पुलिस को एलर्ट रहना होगा, डिफरेंट एरियाज में पुलिस की तैनाती होनी चाहिए।

- स्कूल्स और ग‌र्ल्स कॉलेजेज में छुट्टियों के समय पुलिस जरूर रहे।

- स्ट्रीट लाइट की प्रॉपर व्यवस्था होनी चाहिए, अंधेरे का फायदा असमाजिक तत्व उठाते हैं।

- बस और आटो ड्राइवर्स के पास आईडी कार्ड हों।

- ट्रैफिक पुलिस को अपनी रिस्पांसिबिलिटी निभानी चाहिए

- क्00 डायल के अलावा महिला सेल के नंबर के बारे में भी महिलाओं को बताना चाहिए।

- थानेदारों को आम लोगों से बिहेव करने करने का तरीका बताना चाहिए।

- पुलिस द्वारा सेफ्टी ड्रिल कंडक्ट कराना चाहिए, जिससे महिलाओं को पता चले कि जरूरत पड़ने पर उन्हें क्या करना है।

<द्गठ्ठद्द>द्घश्रह्म ब्श्रह्व द्धद्गद्यश्च

ग‌र्ल्स के लिए भी कुछ सुझाव सामने आए, इनका ध्यान रखकर वे किसी तरह की अनहोनी को टाल सकती हैं

- ग‌र्ल्स घर से निकलें तो पूरी तैयारी के साथ।

- पास में कुछ थानों का नंबर जरूर रहें।

- पुलिस के बड़े अधिकारियों का भी नंबर पास में रखें।

- जिस भी ऑटो में बैठें उसका नंबर नोट कर लें या मोबाइल में पिक्चर क्लिक कर लें।

- किसी तरह का संदेह होने पर तुरंत पुलिस को कॉल करें।

- पास में पेपर स्प्रे कैरी करें, जरूरत पड़ने पर काम आएगा।

- घर से बाहर कहीं जा रही हों, तो घर वालों को उस जगह के बारे में जरूर बताएं।

- रात के समय अकेले कहीं दूर जाने को अवॉइड करें।

- और कोई नहीं तो मां से अपनी बातें शेयर करें।

- कॉलेज की टीचर और प्रिंसिपल का भी नंबर अपने पास रखें।

माई सेफ्टी इज माई कंसर्न

अपनी सुरक्षा के लिए दूसरों से आशा करने के बजाय पहले हमे खुद तैयार होना होगा। लड़कियों और महिलाओं के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी सुरक्षा के लिए अपने स्तर से तैयारी करें। घर से निकलते वक्त लड़कियों के पास नजदीकी थाने सहित किसी मुसीबत के वक्त काम आ सकने वाले सभी जरूरी नंबर होने चाहिए। पुलिस को नंबर के अलावा कंप्लेन दर्ज कराने के लिए एसएमएस और ई-मेल का भी ऑप्शन लोगों को देना चाहिए।

-डॉ उषा शुक्ला, प्रिंसिपल, ग्रेजुएट कॉलेज

वीमेन सेफ्टी के लिए जरूरी है पुख्ता इंतजाम

महिलाओं के लिए बना असुरक्षा का माहौल समाज की विकृत मानसिकता को दर्शाता है। इसे दूर करने के लिए सरकार और पुलिस द्वारा सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। शहर में आमतौर पर पुलिस की पेट्रोलिंग दिखाई नहीं देती। किसी समस्या को लेकर थाना जाने पर वहां भी मामला दर्ज करने में आनाकानी की जाती है। इन सारी समस्याओं को दूर किए जाने की जरूरत है।

-डॉ सुमिता मुखर्जी, पि्रंसिपल, वीमेंस कॉलेज

दिमाग से शुरू करना होगा स्वच्छता अभियान

आज हमें वीमेन सेफ्टी पर क्यूं बात करनी पड़ रही है यह खुद में काफी सोचने वाली बात है। महिला-पुरुष दोनों समान हैं फिर ये महिलाओं के लिए ये असुरक्षा का माहौल क्यूं? इस स्थिति मे बदलाव की जरूरत है। आज देश भर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है की पहले दिमाग को स्वच्छ किया जाए ताकि एक ऐसा वातावरण बने जहां महिलाओं खुद को सेफ महसूस करे।

-डॉ वनिता सहाय, गाइनिकोलॉजिस्ट, एमजीएमसीएच

सेल्फ डिपेंडेंट होना है जरूरी

महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए जरूरी है कि उन्हें शिक्षित और सेल्फ डिपेंडेंट बनाया जाए। आज भी महिलाओं में लिटरेसी रेट काफी कम है, सेल्फ डिपेंडेंट ना होने की वजह से वे खुद से कोई स्टेप नहीं ले पातीं। शादी के लिए मिनिमम क्8 साल एज की ही तरह मिनिमम क्वालिफिकेशन ग्रेजुएशन कर देना चाहिए।

-सुरभि गुप्ता

बेहतर को-ऑर्डिनेशन की जरूरत

सड़क पर किसी लड़की या महिला के साथ छेड़छाड़ जैसी कोई घटना होती है, तो उस पर कारवाई करना सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है। अगर मौके पर कोई ट्रैफिक पुलिस भी मौजूद है तो चाहिए कि वो पुलिस को अपनी स्तर से फौरन सारी जानकारी दे, ताकि दोषी पर फौरन कारवाई की जा सके। इसके लिए इन विभागों में बेहतर को-ऑर्डिनेशन की जरूरत है। पुलिस को भी सेंसिटाइज करने की जरूरत है।

-संगीता झा, एडवोकेट

पुलिस व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत

वीमेन सेफ्टी के लिए पुलिस की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाना चाहिए। महिलाओं के लिए वीमेन सेल बने जहां उन्हे सिक्योरिटी के साथ-साथ मेडिकल और अन्य सुविधाएं भी मिले। इसके साथ ही महिलाओं के प्रति पुलिस का बिहेवियर भी अच्छा होना चाहिए, ताकि किसी तरह की समस्या होने पर वे बेझिझक सहायता के लिए पुलिस के पास जा सके।

गुनागर

महिलाअों के साथ हो अच्छा बर्ताव

समाज में आज भी बेटा-बेटी को लेकर भेदभाव बरता जाता है। इस भेदभाव को दूर किए जाने की जरूरत है। लड़कियों को समान अवसर मिलना चाहिए, ताकि वे हर परिस्थिति का सामना करने के लिए सक्षम हो सकें। महिलाओं के प्रति पुलिस के रवैये में भी बदलाव की जरूरत है। किसी समस्या को लेकर पुलिस के पास जाने पर उनके साथ अच्छा बर्ताव होना चाहिए।

-लवली ओझा, स्टूडेंट

लॉ एंड ऑर्डर में हो सुधार

महिला सुरक्षा के लिए लॉ एंड ऑर्डर में सुधार की जरूरत है। पुलिस पेट्रोलिंग वैन की संख्या बढ़नी चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर पुलिस फौरन मौके पर पहुंच सके। पुलिस पिकेट्स बढ़ाए जाने चाहिए साथ ही ऑटो-बस में पुलिस हेल्पलाइन नंबर लिखा हो, इसके साथ ही ऑटो में म्यूजिक बजाए जाने पर भी सख्ती से पाबंदी लगाए जाने की जरूरत है।

पूवर्1ी घोष, सोशल वर्कर

स्कूलों के आस-पास लगे पुलिस की ड्यूटी

स्कूलों में छुट्टी के समय गुंडे टाइप लड़के आस-पास पहुंच जाते हैं। ग‌र्ल्स की सेफ्टी का ध्यान रखते हुए स्कूल्स में पुलिस की तैनाती जरूर होनी चाहिए। उन जैसे लड़कों की दबंगई को रोकना जरूरी है। हमने पुलिस को स्कूलों के आस-पास नहीं देखा है जो गलत है।

- कंचन मिश्रा, एडवोकेट

ा कहने की आदत डालें

मेरा मानना है कि लड़कियों या महिलाओं को न कहने की आदत डालनी होगी। किसी भी तरह के गलत हरकत का विरोध करें और खुद पर भरोसा जरुर रखना चाहिए। इसके साथ ही पैरेंट्स पर बेटियों पर भरोसा करें, अगर वे कुछ कहना चाहती हों तो पैरेंट्स उसे गंभीरता से सुनें।

- निभा शुक्ला

ट्रैफिक पुलिस को ज्यादा एक्टिव रहना पड़ेगा। अगर किसी तरह की छेड़खानी या दूसरी कोई घटना होती है तो मौके पर ट्रैफिक पुलिस ही होती है। ऐसे में गलत करने वालों को पकड़ना आसान होगा। मैंने एक बार जरत पड़ने पर क्00 डायल किया था पर काफी देर तक रिस्पांस नहीं मिला।

- झरना चंदा

क्00 डायल के प्रति अभी भी महिलाओं को अवेयर करने जरुरत है। खासकर रिमोट एरियाज में। पुलिस डिपार्टमेंट को इसपर ध्यान देना चाहिए और साथ ही थानों और महिला सेल का नंबर भी डिफरेंट एरियाज में होर्डिग्स में डिस्प्ले करना चाहिए।

- रिया बनर्जी

हम जब वीमेन सेफ्टी की बात करते हैं तो उसमें पुलिस की तैनाती के साथ ही मेडिकल एसिस्टेंस अवेलबल कराना भी जरूरी हो। अगर किसी महिला के साथ किसी तरह का कोई इंसीडेंट हो जाए तो उसे तुरंत मेडिकल फैसिलिटी मिले।

- रागिनी सिन्हा

सबसे पहले तो ऑटो और बस पर पुलिस को नजर रखनी होगी। ऑटो वाले बहुत मनमानी करते हैं। ड्राइवर्स के पास कोई आईडी कार्ड भी नहीं होता है। कुछ गलत होने पर उनकी पहचान भी मुश्किल हो जाएगी। पुलिस को जितना एक्टिव होना चाहिए उसका ख्भ् परसेंट ही वे एक्टिव होते हैं।

- अंबिका, स्टूडेंट

क्राइम अगैंस्ट वीमेन को रेाकने के लिए पुलिस पूरी कोशिश कर रही है। मुख्य चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ग‌र्ल्स कॉलेज को भी कैमरे की जद में लाया जा रहा है। स्कूल और कॉलेजेज में छुट्टियों के समय पुलिस की ड्यूटी लगाई जाती थी। अभी मैन पावर की कमी है, फिर से ड्यूटी लगाई जाएगी। ऑटो और बस के मामले में भी पुलिस एक्शन लेगी।

- कार्तिक एस, सिटी एसपी, जमशेदपुर