फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जारी की नई गाइड लाइन

नेशनल सर्वे स्टडी में हुआ मेटल व अन्य तरीके से होने वाले नुकसानों का खुलासा

Meerut। खाने के सामान को अब अखबार, एल्यूमिनियम व अन्य मेटल आइटम में पैक नहीं किया जा सकेगा। लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी एफएसएसएआई ने फूड पैकिंग को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी खाद्य कारोबारियों के मानक पूरे करने के लिए अथॉरिटी ने निश्चित समय तय किया है। इसके बाद इन निर्देशों का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

यह है निर्देश

एफएसएसएआई ने निर्देश दिए हैं कि लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी तरह की पैकिंग का इस्तेमाल खाद्य कारोबारी नहीं कर सकेंगे। इसके तहत ऐसे किसी भी मेटल का प्रयोग पैकेजिंग के लिए नहीं होगा, जिससे सेहत को नुकसान होता है। वहीं अखबार, री-साइकिल किया हुआ प्लास्टिक भी पैकिंग में प्रयोग नहीं किया जा सकेगा।

ऑर्गेनिक के नाम पर लूट नहीं

एफएसएसएआई ने न केवल फूड पैकेजिंग को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं बल्कि खाद्य पदार्थों पर होने वाली लेबलिंग और मिलावट को लेकर भी गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत ऑर्गेनिक के नाम की लेबलिंग करके कंपनियां अब ग्राहकों को लूट नहीं सकेगी। ऑर्गेनिक फल, सब्जियां व अन्य फूड आइटम की लेबलिंग में शत-प्रतिशत सत्यता होनी चाहिए। अब हर छोटी-बड़ी कंपनी को फूड लेबलिंग सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा।

मिलावट पर भी सख्ती

खाद्य पदार्थो में होने वाली मिलावट पर भी अथॉरिटी ने अपनी निगाहें टेढ़ी कर दी हैं। इसके मद्देनजर दाल, दलहन, शहद, तेल आदि में मिलावट की कई शिकायतें मिलने पर विभाग ने इनके मानक भी तय कर दिए हैं। इसके तहत इन पदार्थो में टॉक्सिक नहीं होने चाहिए व सर्टिफिकेशन होना भी बेहद अनिवार्य होगा।

इसलिए हुए लागू

एफएसएसएआई ने खाने की पैकिंग व लेबलिंग में प्रयोग होने वाले कई आइटमों के मानक और सेहत की सुरक्षा को देखते हुए नेशनल सर्वे कराया था। जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिसके बाद ही अथॉरिटी ने नए दिशा-निर्देश लागू किए हैं। पहला सर्वे विभाग ने पैकिंग में प्रयोग होने वाले हैवी मेटल पर किया। इस दौरान 1250 सैंपलों की जांच इंडियन इंस्ट्ीट्यूट ऑफ पैकेजिंग, मुंबई में हुई। जिसमें प्लास्टिक पाउच, हैवी मेटल के लिड, मेटल कंटेनर, बॉटल, लेमिनेटिड बैग, एल्मूनियम फॉयल में सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले तत्व पाएं गए। इसके अलावा लूज पैकिंग में प्रयोग होने वाले मैटेरियल के 1760 सैंपल की जांच नेशनल टेस्ट हाउस कोलकाता में हुई। जांच रिपोर्ट के मुताबिक सबसे खतरनाक रंगीन कैरी बैग निकले, इसके अलावा काला कैरी बैग, एल्मूनियम कोटिंग वाले डिस्पोजेबल कंटेनर, स्वीट बॉक्स, पेपर प्लेट, पॉलीथिन पाउच, चाय पीने वाले प्लास्टिक के कप व शाइंनिग कोटिंग वाली प्लास्टिक चम्मच में सेहत के लिए खतरनाक अवयव मिले।

अथॉरिटी ने पैकिंग, लेबलिंग आदि को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं। इनका सख्ती से पालन करवाया जाएगा।

अर्चना धीरान, डीओ, एफएसडीए, मेरठ