- सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा

- संविधान और पर्यावरण के प्रश्नों ने किया परेशान

- माइनस मार्किंग न होने से सबने हल किस सभी प्रश्न

LUCKNOW:

प्रतियोगी परीक्षा के दौरान ऐसा प्रश्न पत्र पहली बार देखने को मिला। इस पेपर में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, संस्कृत समेत कई विषयों के प्रश्न पूछे गए। खास बात यह है कि पेपर में ऑब्जेक्टिव के साथ ही थ्योरी वाले प्रश्न भी शामिल थे। पेपर देखकर कई अभ्यर्थियों के पसीने छूटे तो बहुतों को पेपर आसान लगा। रविवार को आयोजित बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। पेपर देकर निकले अभ्यर्थियों ने बताया कि पहली बार इस तरह का प्रश्न पत्र देखने को मिला है। पेपर का यह बदला स्वरूप किसी के टफ था तो कईयों ने राहत की सांस ली।

मैथ्स, रीजनिंग, इंग्लिश तो आसान थी। लेकिन संस्कृत के आने की तो उम्मीद नहीं थी। ओवलआल पेपर ईजी था। लेकिन जिस तरह से स्टूडेंट्स तैयारी करते हैं, पेपर उस तर्ज पर नहीं आया था। जनरल नॉलेज जिस लेवल की आई थी, उसके बारे में बहुत कम जानकारी लोगों को रही।

प्रियंका त्रिपाठी, लखनऊ

पेपर में इतिहास से लेकर कंम्यूटर तक सब कुछ पूछा गया गया। पेपर का पैटर्न चेंज था लेकिन कुछ भी ऐसा नहीं आया था जो इंटर तक के कोर्स में स्टूडेंट्स ने न पढ़ा हो। पेपर काफी आसान आया है। लेकिन इसमें सफल वही कैंडीडेट होंगे जिन्होंने इसकी प्रॉपर तैयारी की होगी।

रानू सिंह, राजाजीपुरम

पेपर इतना टफ होगा, उम्मीद नहीं थी। माइनस मार्किंग नहीं है ऐसे में छात्र सभी क्वेश्चन अटैम्पट कर सके। पेपर में थ्योरी की तो उम्मीद ही नहीं थी। हर बार ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन ही आते है। लेकिन यहां पर पेपर का पैटर्न बदला हुआ था। जिससे कुछ परेशानी हुई।

अंजू साहू, मलिहाबाद

पोयट्री की तो उम्मीद ही नहीं थी। थ्योरी के क्वेश्चन भी आसान नहीं थे। इस पेपर में मैरिट बहुत हाई जाएगी। माइनस मार्किंग ना होने के कारण छात्रों ने सभी क्वेश्चन किए हैं। पेपर में इतिहास के क्वेश्चन भी शामिल थे। ओवरऑल पेपर ठीक रहा।

ज्योति

पेपर बहुत अच्छा लगा। ऐसा कुछ नहीं था जो सिलेबस के बाहर का रहा हो। संविधान से जुड़े प्रश्नों ने जरूर परेशान किया। लेकिन रीजनिंग, मैथ्स और अंगे्रजी के प्रश्नों से राहत मिली। हर किसी ने 140 प्रश्नों तक हल किए होंगे।

आदित्य कुमार मौर्य, रायबरेली

ओवरऑल पेपर बहुत अच्छा था। संस्कृत, अंग्रेजी और हिंदी के प्रश्न सामान्य आए। पर्यावरण और स्वच्छ भारत के प्रश्न देख कर सभी हैरान जरूर थे लेकिन ये सभी आसान ही रहे। थ्योरी के हिस्से ने भी लोगों को परेशान जरूर किया।

रोहित कुमार, रायबरेली

अंगे्रजी बेहद आसान थी। गणित के प्रश्न भी आसान रहे। पेपर के लिए दिया गया समय भी अधिक लग रहा था। कांस्टीट्यूशन और जनरल नॉलेज के प्रश्नों ने सभी को परेशान किया। लेकिन पेपर बहुत ही अच्छा रहा।

जतिन भंडारी, दिल्ली

ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन होते तो पेपर और भी अच्छा होता। थ्योरी वाले पेपर बहुत कम ही आते हैं। अंगे्रजी, गणित और विज्ञान के साथ जनरल नॉलेज तो सभी के लिए आसान रही। लेकिन संस्कृत और पर्यावरण के प्रश्नों ने हैरत में डाल दिया।

शिखा, डॉलीगंज