आई-इनवेस्टिगेट
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मेरठ। देशभर में हाइवे से शराब के ठेके हटाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का अलग ही असर देशभर खासकर यूपी में दिखाई दे रहा है। हाइवे से हटाकर कई ठेकों को आबादी में शिफ्ट कर दिया गया, जिसका खासा विरोध हो रहा है। इसके अलावा, पहले से ही आबादी में खुले ठेकों के खिलाफ भी महिलाओं ने मोर्चा खोल रखा है। शुक्रवार को भी मेरठ में ठेकों के विरोध के मामले सामने आए। इस विरोध के बीच दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने यह जानने की कोशिश की कि कहीं इन ठेकों को खोले जाते समय तो कोई खेल नहीं हुआ।
कहां से मिली एनओसी?
पड़ताल में सामने आया कि बड़ी संख्या में शराब के ठेके मिलीभगत कर अवैध रूप से खुलवा दिए गए हैं, जिनके लिए नगर निगम या कैंट से एनओसी ली ही नहीं गई। मेरठ शहर में इन विभागों द्वारा ठेकों के लिए जारी एनओसी और आबकारी विभाग द्वारा बांटे गए लाइसेंस की संख्या में खासा अंतर है, ऐसे में मिलीभगत की आशंका गहरा रही है।
बढ़ सकता है राजस्व
नगर निगम और आबकारी विभाग के लाइसेंस की संख्या एक जैसी होती, तो निगम के राजस्व में लाखों रुपये का इजाफा मुमकिन था।
निगम की एनओसी की सालाना फीस
देसी शराब के ठेके- 6000 रुपये
अंग्रेजी- 12000 रुपये
बीयर- 6000 रुपये
मॉडलशॉप- 12000 रुपये
(आबकारी विभाग लोकेशन के हिसाब से अलग-अलग लाइसेंस शुल्क लेता है)
नगर निगम की एनओसी के बिना हम ठेकों और लीकर शॉप का लाइसेंस जारी नहीं करते हैं। हमें जिन दुकानदारों ने निगम की एनओसी लाकर दिखाई, केवल उन्हें ही लाइसेंस जारी किया गया है।
प्रदीप दूबे, जिला आबकारी अधिकारी
नगर निगम द्वारा समय-समय पर चेकिंग अभियान चलाया जाता है। जो नियमानुसार कागजी कार्रवाई पूरा करता है। केवल उसे ही लाइसेंस जारी किया जाता है।
दिनेश यादव, संपत्ति एवं कर निर्धारण अधिकारी
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फोटो 508
ब्रह्मापुरी: शराब के ठेके पर महिलाओं का हल्लाबोल
- महिलाओ का उग्र रूप देखकर सेल्समैन भागे
- महिलाओं ने शराब पी रहे लोगों को दौड़ाया
Meerut : ब्रह्मापुरी में सैंकड़ों महिलाओं ने शराब ठेके पर विरोध जताया.महिलाओं का उग्र रूप देख सेल्समैन भाग खड़े हुए। इसके बाद महिलाओं ने ठेके जमकर तोड़-फोड़ की। गुस्साई महिलाओं ने मौके पर शराब पी रहे लोगों को दौड़ा लिया। पुलिस ने तुरंत मौके पर महिलाओं को शांत कर ठेके को बंद करा दिया। महिलाओं ने किसी भी सूरत में ठेका न चलने देने की चेतावनी दी है।
ये है मामला
ब्रह्मापुरी थाने के पास कई सालों से देशी शराब का ठेका खुला है। शुक्रवार की शाम को भगवतपुरा और आसपास इलाकों की महिलाओं ने ठेके पर धावा बोल दिया। महिलाओं की भीड़ आती देखकर ठेके के सेल्समैन भाग निकले। महिलाओं ने वहां शराब पी रहे लोगों को दौड़ा लिया। शराब कैंटीन में भी तोड़फोड़ की। हंगामा होते देख इंस्पेक्टर ब्रह्मापुरी दिनेश सिंह पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और महिलाओं को शांत कराने का प्रयास किया।
ठेका हटवाने की मांग
उग्र महिलाएं यहां से ठेका हटवाने की मांग पर अड़ गई। उन्होंने कहा कि घनी आबादी के बीच ठेका होने के चलते माहौल खराब हो रहा है।
यहां भी हंगामा
परतापुर क्षेत्र के छज्जूपुर गांव में भी महिलाओं ने देशी शराब ठेके पर हंगामा कर दिया। ठेके में तोड़फोड़ की कोशिश की। ।
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कई हफ्ते से चल रहा विरोध
- 7 अप्रैल को शराब के ठेका शिफ्ट करने को लेकर पल्लवपुरम थाने में महिलाओं ने हंगामा किया
- 5 अप्रैल को माधवपुरम में ठेका बंद करने को लेकर सड़क पर उतरी महिलाएं, जमकर हंगामा
- 5 अप्रैल को टीपीनगर में शराब का ठेका बंद करने को लेकर हंगामा हुआ था
- 4 अप्रैल को लिसाड़ी गांव में महिलाओं ने देशी शराब के ठेके को आग के हवाले कर दिया था। जिसमें 300 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा दर्ज हुआ था
-2 अपै्रल को गंगानगर में शराब के ठेके की शिफ्ििटंग को लेकर बवाल हुआ था। सैंकड़ों लोगों ने थाने का घेराव किया था।
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