RANCHI : सूबे में एक तरफ पारा टीचर्स अपनी स्ट्राइक वापस लेने को राजी नहीं हो रहे हैं तो दूसरी तरह सरकार भी एक्शन लेने पर अड़ी हुई है। सरकार द्वारा हड़ताल तोड़ने के लिए दिया गया अल्टीमेटम मंगलवार को समाप्त हो गया, लेकिन पारी टीचर्स ने आंदोलन वापस नहीं लिया। ऐसे में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत स्कूलों में टेट पास और बीएड तथा डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को प्रतिदिन के मानदेय पर नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा जिलों में सेवानिवृत्त शिक्षकों की सूची भी तैयार कर ली गई है। जिला शिक्षा पदाधिकारी बाइस नवंबर से इनकी तैनाती स्कूलों में कर सकेंगे।

बर्खास्तगी की चेतावनी

स्कूली शिक्षा विभाग की ओर से हड़ताल पर गये पारा शिक्षकों को 20 नवंबर तक काम पर वापस लौटने का निर्देश दिया गया था। इसके अलावा15 नवंबर को स्पष्ट निर्देश के बावजूद अपने स्कूलों से अनुपस्थित रहने वाले पारा शिक्षकों से लिखित रूप से यह मांगा गया था कि पुन: वे इस तरह की गलती नहीं करेंगे। लेकिन, पारा टीचर्स इसे न्नजरअंदाज कर आंदोलन जारी रखा है। ऐसे में सरकार की ओर से इन्हें बर्खास्त करने की चेतावनी दी गई है।

जेल भरो आंदोलन शुरु

पारा शिक्षकों की ओर से आज जेल भरो आंदोलन शुरू किया गया है। जिसके तहत विभिन्न जिलों के पारा शिक्षक अपने परिवार के सदस्यां समेत गिरफ्तारी देने का अभियान शुरू कर रहे है। देवघर में भी आज प्रदेश स्तर पर पारा शिक्षक जेल भरो अभियान में शामिल हु। वहीं पारा शिक्षकों के हड़ताल के कारण राज्यभर के प्राथमिक स्कूलों में पठन.पाठन का काम बाधित हुआ है। स्कूल में बच्चे तो पहुंच रहे है। लेकिन शिक्षक नहीं रहने के कारण कुछ देर बाद वे अपने घरों को लौट जा रहे है।

67 हजार पारा टीचर्स हैं स्ट्राइक पर

परमानेंट करने व अन्य मांगों को लेकर राज्य के 67 हजार पारा टीचर्स पिछले कुछ दिनों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इस सिलसिले में 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस समारोह के दौराने इन्होंने जब मुख्यमंत्री को काला बिल्ला दिखाने का प्रयास किया था तो पुलिस के साथ इनकी झड़प हो गई थी। इस दौरान पारा टीचर्स को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज व आंसू गैस छोड़ने पड़े थे,जिसमें कई जख्मी हुए थे। इसके बाद पारा टीचर्स जहां स्ट्राइक पर चले गए, वहीं सरकार भी इनके खिलाफ कड़े एक्शन लेने की बात कही है।