-बिना किसी जांच के शहर में आ रहे पार्सल साबित हो सकते हैं खतरनाक

-हथियार, ड्रग्स और नकली नोट की तस्करी का आसान जरिया बन गए हैं कूरियर पार्सल

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खबर की हेडिंग पढ़ने के बाद आप चौंक गए होंगे। सोच रहे होंगे कि क्या ऐसा भी हो सकता है? जी हां, बिल्कुल ऐसा हो सकता है। देश और दुनिया से आने वाले पार्सलों की निगरानी लगभग नहीं के बराबर है। यह जानने के बावजूद कि बाहर से आने और यहां से जाने वाले पार्सल में आपत्तिजनक सामान होते हैं। खतरनाक हथियार, ड्रग्स और नकली नोट तस्करी का आसान जरिया बन गए हैं पार्सल। कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं। हाल में देश के कई शहरों विदेश से आने वाले पार्सलों में हथियार और ड्रोन जैसे खतरनाक सामान मिले हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने पार्सलों की निगरानी का आदेश दिया है। लेकिन इसका असर अपने शहर में नहीं है। जबकि हर किसी को पता है कि यह शहर बेहद संवेदनशील है।

सिर्फ रुपये चाहिए इन्हें

छोटे-बड़े सामानों को एक जगह से दूसरे तक पहुंचाने के लिए बनारस में दर्जनों कूरियर एजेंसी हैं। सिगरा, लंका, कैंट, मैदागिन, पहडि़या समेत कई स्थानों पर इनके ऑफिस मौजूद हैं। इनमें से कुछ स्टेट लेवल की तो कुछ इंटरनेशनल लेवल की है। इनमें नियमों का पालन बिल्कुल भी नहीं होता है। कोई भी व्यक्ति कहीं के लिए पार्सल बुक करा सकता है। कागजी कार्रवाई के लिए पार्सल भेजने वाले को केवल यह लिखना होता है कि पार्सल के अंदर क्या है। उसकी जांच नहीं की जाती है। भेजने वाले के नाम-पता की जांच भी नहीं जाती है। कूरियर एजेंसी सिर्फ इतना मतलब रखती हैं कि पार्सल का वजन कितना है और उसे निर्धारित स्थान पर भेजना का मूल्य कितना है?

कुछ भी भेज दो

-बनारस में मौजूद साढ़े तीन सौ छोटे-बड़े कूरियर ऑफिस से डेली दस हजार पार्सल डेली बाहर भेजे जाते हैं

-लगभग पांच हजार पार्सल डेली बनारस में देश के दूसरे शहरों और विदेशों से यहां आते हैं

-बनारस में कूरियर एजेंसीज में नियमों की जबरदस्त अनदेखी होती है

-कुछ एक को छोड़ दें तो लगभग सभी कूरियर ऑफिस में एक्सरे मशीन और स्कैनर नहीं हैं

-पार्सल के अंदर क्या भेजा जा रहा है इसकी जांच बिल्कुल भी नहीं की जाती है

-कोई भी अपनी और पार्सल में भेजे जाने वाले सामान की पहचान को छुपाते हुए कुछ भी भेज सकता है

-दुनिया का फेमस टूरिस्ट प्लेस होने की वजह से इस शहर का दुनिया भर के कनेक्शन है

-बनारस से पूजा-पाठ के सामान, बनारसी साड़ी, सिल्क के वस्त्र, रुद्राक्ष आदि की माला विदेशों में जाती है

-बिड्स, आर्टिफिशियल गहने आदि भी बनारस से विदेशों में बड़े पैमाने पर भेजे जाते हैं

-संगीत वाद्य, किताबें भी बनारस से दूर देशों को भेजी जाती हैं

-इनकी आड़ में कई बार ड्रग्स, हथियार, नकली नोट समेत कई आपत्तिजनक सामान भेजे जाते हैं

खतरनाक है लापरवाही

-आधा दर्जन बार आतंकी हमला झेल चुका शहर बेहद संवेदनशील है

-इंटेलिजेंस की ओर से लगातार चेतावनी दी जा रही है कि आतंकी वारदात की फिराक में है

-पड़ोसी जिले आजगमढ़, चंदौली, मिर्जापुर, भदोही में टेरेरिस्ट नेटवर्क की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों के पास है

-अपने मकसद को कामयाब करने के लिए विस्फोटक और खतरनाक हथियार जुटाने की फिराक में रहते हैं

-बिना जांच के कूरियर से आने वाले पार्सल के जरिए वो इन्हें जुटा सकते हैं

-नक्सलियों का बड़ा नेक्सस मिर्जापुर, सोनभद्र और चंदौली में है

-कई बार इन जिलों में खूनी खेल चुके नक्सलियों तक खतरनाक हथियार पार्सल के जरिए पहुंच सकते हैं

-बांग्लादेश और नेपाल के जरिए ड्रग्स और नकली नोट की खेप बनारस आती है

-इसमें लिप्त तस्करों के लिए पार्सल आसान जरिया हैं

कब खुलेगी आंख?

बनारस से तबले में छुपाकर थाईलैंड भेजी जा रही हेरोइन दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ी जा सकी। जांच में पता चला कि इसके पहले भी कूरियर के जरिए कई बार इसी तरह से ड्रग्स विदेश भेजी चा चुकी है। हाल में पितरकुंडा में एक घर में हुए विस्फोट में पांच लोगों की जान चली गयी। इस घर में पटाखे बनाने के लिए विस्फोटक कूरियर पार्सल के जरिए मंगाये जाते थे। इस तरह न जाने कितने खतरनाक सामान इस शहर में आए किसी को पता नहीं है।