गोद लेने के लिए उठे हजारों हाथ
उस मासूम के दोनों पैर टूट चुके हैं। दाहिने हाथ और सिर पर भी चोट लगी है। यह नन्ही मासूम ऋषिकेश के हॉस्पिटल में एडमिट थी। चाइल्ड हेल्पलाइन की नेहा शर्मा मंडे को उसे लेकर दून हॉस्पिटल पहुंची। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी के लोगों का भी सहयोग मिल रहा है। दून हॉस्पिटल में इलाजरत इस बच्ची को गोद लेने के लिए हजारों हाथ आगे आए हैं। अफसोस की बात तो यह है कि मां बाप से बिछड़ चुकी इस बच्ची को प्यार तो मिलेगा लेकिन मां-बाप शायद कभी नहीं मिल पाएगी। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से किरन उल्फत गोयल का कहना है कि जब तक बच्ची पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती तब तक गोद नहीं दिया जा सकता है.ð¤।