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-फीस पर लगी लगाम, तो वसूली का बदल दिया तरीका

-फाइनल एग्जाम की कॉपी दिखाने के लिए पैरेंट्स से ली जा रही मोटी फीस

prakashmani.tripathi@inext.co.in

ALLAHABAD: सरकार प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर रोक लगाने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार की तरफ से मसौदा भी तैयार है। सरकार के साथ ही लोगों को भी उम्मीद है कि इस अध्यादेश के बाद स्कूलों की मनमाने ढंग से फीस वृद्धि पर रोक लग सकेगी। इन सबके बीच स्कूल सरकार की नीति से आगे निकल गए। स्कूलों ने पैरेंट्स से पैसा वसूलने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इस बार एग्जाम के बाद कॉपियों को देखने के लिए पैरेंट्स से चार्ज वसूलने की व्यवस्था स्कूलों ने शुरू कर दी है।

नया हथकंडा

स्कूलों ने पैरेंट्स से वसूली का नया तरीका अख्तियार किया है। इसमें फाइनल एग्जाम के बाद बच्चों की कॉपियां दिखाने के नाम पर पैरेंट्स से वसूली की जाती है। इस बारे में अभिभावक एकता समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजय गुप्ता ने बताया कि सिटी के कई स्कूलों में इस मद के लिए अलग-अलग फीस निर्धारित की गई है। फीस 200 रुपए से लेकर 500 रुपए प्रति सब्जेक्ट तक रखी गई है। स्कूलों की दादागिरी के कारण ही पैरेंट्स इसका विरोध भी नहीं कर पाते हैं। इतना ही नहीं किसी से इस बारे में कुछ कहने से भी बच रहे हैं।

नहीं दे रहे रसीद

ऐसे कर रहे वसूली

-अगर किसी बच्चे के नंबर कम आए हैं तो वजह जानने स्कूल जाता है।

-स्कूल में उससे सब्जेक्ट के हिसाब से फीस जमा करने को कहा जाता है।

-पैरेंट्स की तरफ से जमा की गई फीस के आधार पर उतने विषय की कॉपियां दिखाने के लिए एक स्लिप पैरेंट्स को उपलब्ध करायी जाती है।

-खास बात यह है कि इस स्लिप में फीस का कोई जिक्र नहीं होता है।

-इसी स्लिप के आधार पर क्लास टीचर स्टूडेंट्स के फैमली मेंबर्स को उन विषयों की कॉपियां दिखाते है।

स्कूलों ने वसूली का नया तरीका खोज निकाला है। एग्जाम का रिजल्ट आने के बाद किसी भी विषय में कम नंबर आने पर अगर पैरेंट्स उस विषय की कॉपी देखना चाहते है तो उसके लिए उनसे फीस वसूली जाती है। अलग-अलग स्कूलों में इसके लिए अलग-अलग रेट निर्धारित है।

-विजय गुप्ता

प्रदेश अध्यक्ष, अभिभावक एकता समिति