21 मई को सफ़रीना निज़ाम और मुहम्मद निज़ाम ने अपनी 11 महीने की बेटी निया निज़ाम को एक खुले पैराशूट में अकेले पैरासेलिंग करने के लिए भेज दिया था.

इसके बाद एडक्कड़ पुलिस ने बाल न्याय क़ानून की धारा-23 के तहत सफ़ीना और मुहम्मद निज़ाम के साथ ही कार्यक्रम के आयोजकों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया है.

सफ़ीना मालाबार एयरो स्पोर्ट्स के पदाधिकारी सफ़र अहमद की बेटी हैं.

पूरे कार्यक्रम के दौरान बच्ची लगातार रोती रही. मामले की जांच शुरू होने के बाद एक डॉक्टर ने बच्ची की जांच की.

निया के एक रिश्तेदार सिराज अहमद ने कहा कि बच्ची को पिछले एक महीने से इस पैरासेलिंग कार्यक्रम के लिए तैयार किया जा रहा था और वह सिर्फ़ इसलिए रोई क्योंकि उसके चारों तरफ़ भीड़ इकट्ठी हो गई थी.

उन्होंने यह भी कहा कि उनके परिवार को पैरासेलिंग के लिए आयुसीमा की कोई जानकारी नहीं है क्योंकि बच्ची की मां सफ़ीना ने पहली बार इसका अनुभव सिर्फ़ दो साल की उम्र में लिया था.

जांच

"जब तक कार्यक्रम शुरू नहीं हुआ, तब तक मीडिया उन्हें प्रोत्साहित करता रहा और जैसे ही यह ख़त्म हो गया, प्रचार तुरंत नकारात्मक हो गया."

-सिराज अहमद, बच्ची के रिश्तेदार

सफ़ीना के सभी चार भाई-बहनों ने पैरासेलिंग बहुत कम उम्र में कर ली थी.

उन्होंने कहा कि जब तक यह कार्यक्रम शुरू नहीं हुआ, तब तक मीडिया उन्हें प्रोत्साहित करता रहा और जैसे ही यह ख़त्म हुआ प्रचार तुरंत नकारात्मक हो गया.

केरल के मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए एक केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

आयोग के सदस्य के ई गंगाधरन ने कहा कि यह सुनिश्चित करने की कोशिशें हो रही हैं कि ऐसी घटना फिर न हो.

राज्य मानवाधिकार आयोग के मुख्य जांच अधिकारी, एस श्रीजिथ पहले ही कार्यक्रम स्थल का मुआयना कर चुके हैं और इससे जुड़े लोगों से पूछताछ की है.

श्रीजिथ का कहना है कि आयोग की जांच व्यापक स्तर पर की जाएगी और इसमें बच्ची के अभिभावकों के साथ ही आयोजकों को भी शामिल किया जाएगा.

मुख्य जांच अधिकारी और राज्य के डीआईजी एस श्रीजिथ ने बीबीसी को बताया, "इस संस्था, मालाबार एयरो स्पोर्ट्स के बारे में अभी ज़्यादा जानकारी नहीं मिली है. हालांकि संस्था कहना है कि वह 'दि इंडियन माउंटेनियरिंग फ़ाउंडेशन' से संबद्ध है."

वह इसकी जांच के लिए केरल में इंडियन माउंटेनियरिंग फ़ाउंडेशन के प्रतिनिधियों से मिलने वाले हैं.

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