- अभिभावकों का आरोप कि उन्हें बिना बताए किया गया फैसला

- अभिभावकों ने किसी भी तरह का समझौता होने से किया इन्कार

BAREILLY:

निजी स्कूलों में फीस पर लगाम न लगाने का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित कॉम्पीटेंट स्कूल का मामला शांत होने की जगह और बिगड़ गया है। पेरेंट्स ने स्कूल पर आरोप लगाया है कि फीस को लेकर स्कूल की ओर से कोई भी समझौता नहीं किया गया है। एक या दो परेंट्स को छोड़कर किसी को भी फैसले के बारे में सूचना नहीं दी गई थी। इसको लेकर पेरेंट्स ने जमकर विरोध किया। बता दें कि फ्राइडे को स्कूल प्रबंधन और पेरेंट्स की बैठक के बाद सत्र 2017-18 की फीस माफ करने की बात कही गई थी।

सीजेएम कोर्ट में है मामला

पेरेंट्स का कहना है कि उनके बच्चों को स्कूल से बेइज्जत करके निकाला गया है। इसकी शिकायत जब डीआईओएस और डीएम से की तो उन्होंने कमेटी की दूसरी बैठक में फैसला करने को कहा था। अभिभावकों का कहना है कि मामला सीजेएम कोर्ट में है। जब तक कोर्ट कोई फैसला नहीं सुनाता तब तक किसी भी तरह का कोई फैसला नहीं होगा।

अभिभावक नहीं चाहते समझौता

बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि स्कूल की मनमानी फीस वृद्धि से पेरेंट्स बहुत हताश हो चुके हैं। अब वह स्कूल से किसी भी कीमत पर कोई समझौता नही करेंगे। जिला समिति या कोर्ट जो भी फैसला देगा, वहीं मानेंगे।

होता है सौतेला व्यवहार

कई पेरेंट्स का आरोप है कि एक ही स्कूल में दो तरह की फीस ली जा रही है। पेरेंट राम वर्मा का कहना है कि पहली शिफ्ट में उनके बेटे से 9 हजार रुपए फीस ली गई। जबकि दूसरे कुछ बच्चों से मात्र 27 सौ रुपए लिए गए। वहीं दूसरी शिफ्ट में उनसे 3 हजार रुपए फीस ली गई और दूसरे बच्चों से 12 सौ रुपए लिए।

बोले अभिभावक

जब हमें बुलाया ही नहीं गया तो स्कूल ने फैसला कैसे कर लिया, स्कूल ने कब पेरेंट्स के साथ फैसला किया इस बात की हमें कोई जानकारी ही नहीं है।

प्रेम शर्मा, पेरेंट

स्कूल जिस तरह के फैसले की बात कर रहा है। वो एकदम झूठी है। उन्होने हम लोगों में से ही एक दो लोगों को बैठाकर ही फैसला कर लिया क्या?

शिव कुमार पाठक, पेरेंट

मेरी बेटी को 27 नवम्बर को स्कूल से बाहर निकाल दिया गया था और उस दिन से आज तक उसे स्कूल में एंट्री नहीं मिली है। स्कूल में दो तरह की फीस भी ली जा रही है।

राम वर्मा, पेरेंट

पेरेंट्स का क्या है वो तो कुछ भी बोलते हैं। पेरेंट्स के बीच फैसला हो चुका है और वो मान भी गए है। यह वो पेरेंट्स है जो बिल्कुल फीस देना ही नहीं चाहते हैं।

सीमा सक्सेना, स्कूल प्रिंसिपल

अभिभावकों की बेसिक समस्या फीस थी। स्कूल की ओर से वो मान ली गई है। लेकिन इसके बाद जो पेरेंट्स इसका विरोध कर रहे है वह गलत हैं।

अंकुर सक्सेना, अध्यक्ष अभिभावक संघ

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फीस नहीं देने पर किया डिफाल्टर

जीआरएम स्कूल ने फीस जमा नहीं करने वाले स्टूडेंट्स को डिफाल्टर घोषित कर दिया है। वहीं स्कूल में एनुअल एग्जाम 25 फरवरी से शुरू हो रहे हैं। स्कूल के नोटिस बोर्ड पर मेंशन किया है कि जिन स्टूडेंट्स की फीस सबमिट नहीं हुई है वो डिफाल्टर स्टूडेंट्स परीक्षा में नहीं बैठ सकते हैं।