वो दिन भी क्या दिन थे
कुछ समय पहले तक जब पार्क में हरियाली थी तो एरिया के लोग समय निकालकर बैठते थे। बच्चे भी शाम को खेलने के लिए आते थे.  पर अब पार्क को असामाजिक तत्वों ने क?जा लिया है। यहां अब जुआ, शराब और सिगरेट पी जाती है।
जनकपुरी के लिए उजाड़ा
क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, साल 2012 में इसी पार्क में भव्य जनकपुरी का आयोजन किया गया था। जनकपुरी सजाने के लिए पार्क की हरियाली को हटा दिया गया। पार्क के बीचों बीच लगाई गई स्ट्रीट लाइट भी पार्क से गायब कर दी गई। जब आयोजन समाप्त हो गया तो किसी ने पार्क को फिर से हरा करने की नहीं सोची। अब आलम यह है कि पार्क के अंदर असामाजिक तत्वों का जमावाड़ा लगा रहता है।
गायब हो गए झूले
पार्क में हरियाली के साथ ही बच्चों के झूलने के लिए बनाए गए झूले भी थे। शाम को बच्चे इन पर खूब झूलते थे। पर अब केवल ये उनकी यादों में ही बसे हैं। पार्क से झूलों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। बच्चे अब उनको कोसते नजर आते हैं जिन्होंने उनके झूलों को उनसे छींन लिया।
अब नहीं होता 'उजालाÓ
पार्क के अंदर फील्ड में स्ट्रीट लाइट लगी हुई थी, जिसे आयोजन के दौरान उखड़वा दिया गया, तब से आज तक दिन छिपने के बाद पार्क की उजियारा किसी ने नहीं देखा। आज लोगों को पार्क के अंदर जाने से पहले सौ बार सोचने को विवश होना पड़ता है।
चोरी हो गई रेलिंग
पार्क की सुरक्षा में लगी रेलिंग की कहानी भी इन सबसे जुदा नहीं है। असामाजिक तत्वों व जानवरों को रोकने के लिए पार्क के चारों ओर लगाई गई रेलिंग एक-एक करके गायब होना शुरू हो गई है। हालत यह है कि पार्क के आधे हिस्से की रेलिंग तो अब दिखाई भी नहीं देती।
समर भी हो गई गायब
लोगों की माने तो आयोजन से पूर्व पार्क के अंदर एक समरसेबिल लगी हुई थी, जिससे पार्क की हरियाली को सींचा जा सके लेकिन आयोजन के दौरान पार्क की समर को निकालकर तीन समरसेबिल आयोजन के दौरान लगवाई गई। प्रजेंट पोजीशन में पार्क के अंदर एक भी समर का अता पता नहीं है।
अब तो गेट ही है 'टॉयलेटÓ
बताते हैं कि पार्क में मेन गेट के पास ही टॉयलेट बनाया गया था, जिसका सभी यूज करते थे लेकिन उसी जनकपुरी आयोजन में उस टायलेट को भी तोड़ दिया गया। उसके बाद से तो सभी का टॉयलेट घर पार्क का गेट ही बन गया है।
2003 में हुआ था पार्क का निर्माण
पार्क के बाहर लगी हुई पट्टिका के अनुसार, पार्क को सन 2003 में 6.73 लाख की कीमत से बनवाया गया था। जिसका इनॉग्युरेशन भाजपा नेता लालजी टंडन द्वारा कराया गया था।

इन्द्र विक्रम सिंह, नगर आयुक्त

मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। मंडे को समरसेबिल व लाइटों के बारे में जानकारी करता हूं। ठेकेदार यदि दोषी होगा तो एक्शन लिया जाएगा।

रवीन्द्र कुमार सेक्रेटरी एडीए
मेरे आने से पूर्व पार्क में जनकपुरी महोत्सव का आयोजन किया गया था। पार्क को डेवलप कराने के लिए ठेकेदार को लगाया गया है। यदि पार्क में विकास कार्य नहीं हुआ है तो मैं दिखवाता हूं।


श्रीनगर के पार्क में इन्क्रोचमेंट की कंप्लेन
ट्रांस यमुना एरिया की श्रीनगर कॉलोनी के पार्क में इन्क्रोचमेंट का मामला एडीए में तूल पकड़ गया है। कॉलोनी की महिलाओं ने सैटरडे को कंप्लेन करते   हुए पार्क को क?जा मुक्त कराने की मांग की। पार्क में इन्क्रोचमेंट की पहले भी कंप्लेन की गईं थी लेकिन एडीए ने कोई एक्शन नहीं लिया।
पहले की गई थी कंप्लेन
शिव शक्ति महिला मंडल की अध्यक्ष उर्मिला अग्रवाल ने सेक्रेटरी एडीए रवीन्द्र कुमार से कहा कि कॉलोनी के पार्क में इन्क्रोचमेंट की कंप्लेन पूर्व में एडीए सेक्रेटरी से की गई थी, इस पर सेक्रेटरी ने पार्क में चल रहे काम को रुकवाते हुए कंस्ट्रक्शन करने वालों को नोटिस दिया था।
मांगा गया है स्पष्टीकरण
इस मामले में सेक्रेटरी एडीए ने कहा कि इंस्ट्रक्शन करने वालों  से 30 दिसंबर तक स्पष्टीकरण मांगा गया है, आंसर न मिलने पर अतिक्रमण को तुड़वा दिया जाएगा। वैसे सिटी में अतिक्रमण करने वालों के हौसले बुलंद हैं।
रवीन्द्र कुमार ,एडीए सेक्रेटरी
सैटरडे को ट्रांस यमुना की श्रीनगर कॉलोनी की महिलाओं ने पार्क पर अवैध क?जा करने की कंप्लेन की थी, जिस पर उन्हें 30 दिसंबर को डिसीजन करने की बात कही है।