- करोड़ों खर्च कर बना मल्टी लेवल पार्किग

- मल्टी लेवल पार्किग बना घाटे का सौदा

- 26 दिनों में करीब 200 गाडि़यों की हुई इंट्री

- इंट्री व एग्जिट प्वाइंट पर हमेशा लगा रहता है जाम

PATNA : तामझाम के साथ शुरू हुआ पटना का मल्टी लेवल पार्किग 26 दिन में ही सफेद हाथी साबित हो रहा है। अब तक बमुश्किल 200 गाडि़यां ही पार्क हुई हैं। जबकि, 13.58 करोड़ की लागत से बने मल्टी लेवल पार्किग में एक बार 500 गाडि़यां पार्क की जा सकती है। पटनाइटस को जाम से छुटकारा दिलाने का दावा करने वाला यह मल्टी लेवल पार्किंग अपने मकसद में अब तक फेल रहा है।

24 घंटे सीसीटीवी की निगरानी वालीं इस पार्किग में ग्राउंड फ्लोर के साथ फ‌र्स्ट फ्लोर और सेकेंड फ्लोर पर भी गाडि़यां खड़ी की जा सकती हैं। सभी फ्लोर पर फुलप्रूफ सिक्यूरिटी के साथ टेक्नोलॉजी का भी उपयोग किया गया है।

इनकम 40 हजार, वेतन पर साठ हजार खर्च

बुडको (BUIDCo) के 2.16 एकड़ में बने इस थ्री फ्लोर पार्किग में गाडि़यां डेली या मंथली बेसिस पर रखी जा सकती हैं। इसमें 6 गार्ड के साथ कुल दस लोग काम करते हैं, जिनपर मासिक खर्च करीब 60 हजार रुपए हैं। जबकि, फिलहाल हर रोज केवल 8-9 गाडि़यां ही आ रही हैं जिनसे करीब 1300 रुपए डेली इनकम। यानी करीब 40000 हजार मंथली। इसके अलावा बिजली और अन्य खर्च भी जोड़ा जाए तो घाटा कई हजार तक पहुंच जाएगा।

गाडि़यां कम आने की वजह?

लोगों का कहना है कि एक तो स्टेशन के पास की ट्रैफिक व्यवस्था और इसके लिए लंबी दूर तय करना सबसे बड़ी समस्या है। छज्जू बाग के पास रहने वाले कारोबारी अतुल का कहना है कि आखिर सिर्फ गाड़ी पार्क करने के लिए कोई क्यों इतना लंबा रास्ता तय करेगा। और उस रास्ते पर भी हमेशा हेवी ट्रैफिक रहता है जिसमें फंसने का मतलब है अपना अच्छा खासा वक्त बर्बाद करना। बोरिंग रोड के संजीव कुमार ने कहा कि पार्किग के लिए हम इतनी मशक्कत क्यों करें। प्रशासन को इस पार्किग तक पहुंचने के लिए कोई आसान रास्ता तलाशना चाहिए।

गाड़ी पार्क करने के लिए तय करना पड़ता है लंबा रास्ता

पार्किग तक पहुंचने के लिए आपको डाकबंगला चौराहा और कोतवाली होते हुए बुद्ध मार्ग के रास्ते आना पड़ता है। या फिर स्टेशन से न्यू मार्केट के रास्ते जीपीओ गोलंबर होकर पहुंचना होता है। दोनों रास्ते हेवी ट्रैफिक और अक्सर जाम रहने वाले हैं। इनमें जाने का मतलब है कम से कम 30 मिनट से 50 मिनट तक का अतिरिक्त समय। स्टेशन के पास बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड और पुल का निर्माण भी इस इलाके में ट्रैफिक के लिए बड़ा चैलेंज है। इसके साथ स्टेशन की भीड़ और महावीर मंदिर के साथ मस्जिद के पास की भीड़ भी काफी ज्यादा होती है।

पार्किग में ये है परेशानी

ENTRY और EXIT प्वाइंट पर हमेशा लगा रहता है जाम

ENTRY और EXIT प्वाइंट पर ऑटो चालकों की मनमानी और पुलिस का ढीला रवैया

गाड़ी पार्क करने के लिए लगाना पड़ता है लंबा चक्कर

ENTRY प्वाइंट के रास्ते में अशोक सिनेमा के पास भी रहता है जाम

कंकड़बाग, राजेन्द्र नगर या पटना सिटी से आने लोगों को पार्किग तक पहुंचने के लिए लगाना पड़ता है लंबा चक्कर

पाटलिपुत्र, बोरिंग रोड या अन्य जगहों से आने वाली गाडि़यों को पार्किग से निकलने के बाद स्टेशन के पास ट्रैफिक से निपटने में होती है मुश्किल महावीर मंदिर के सामने ओवरब्रिज के निर्माण के कारण ट्रैफिक है अव्यवस्थित पार्किग और स्टेशन के बीच बिजी ट्रैफिक मल्टी लेवल पार्किग बनाने का उद्देश्य स्टेशन और उस इलाके में पार्किग की समस्या को दूर करना है। लेकिन यहां तक पहुंचने में लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। इसके लिए कोई अल्टरनेटिव व्यवस्था की जाएगी, ताकि लोग पार्किग तक आसानी से पहुंच सके और इस मल्टी लेवल पार्किग का सही उपयोग हो सके।

- आनंद किशोर, डिवीजनल कमिश्नर, पटना प्रमंडल

पार्किग तो काफी अच्छी बनी है, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए रास्ता काफी लंबा है। और हेवी ट्रैफिक वाला भी है। बुद्ध मार्ग में इंट्री प्वाइंट ऑटो वालों के कारण हमेशा जाम रहता है। बाहर निकलने वाले रास्ते पर भी अक्सर ऑटो और लोकल बस वाले रास्ता जाम किए रहते हैं। यानि वहां जाने का मतलब है अपना समय बर्बाद करना। प्रशासन को चाहिए कि कोई और रास्ता निकाले।

- अतुल कुमार, युवा उद्यमी, छज्जू बाग, पटना

इंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर ऑटो और बस वालों की मनमानी से इस पार्किग में गाडि़यां कम आ पा रही हैं। ट्रैफिक पुलिस अगर कड़ाई करे और इन रास्तों को खाली कराए तो बड़ी संख्या में गाडि़यां आ सकेंगी। हालांकि स्टेशन की तरफ पुल निर्माण और अशोक सिनेमा के पास हेवी ट्रैफिक से भी असर पड़ रहा है। लेकिन उम्मीद है कि धीरे-धीरे गाडि़यों की संख्या बढ़ेगी, क्योंकि लोगों को अपनी गाडि़यां पार्क करने के लिए इतनी साफ और सुरक्षित जगह नहीं मिलेगी।

- हैदर आलम खान, व्यवस्थापक, मल्टी लेवल पार्किग, पटना