-एडीए की धमकी से टेंशन में हैं सिविल लाइंस के बिजनेसमैन

-ज्यादातर के पास नहीं है पार्किंग का इंतजाम

ALLAHABAD: सिविल लाइंस एरिया में चलने वाले रेस्टोरेंट, कंपनी आउटलेट्स के साथ रिनाउंड बिजनेस शाप्स के ओनर इन दिनों टेंशन में हैं। कारण है, एडीए का आदेश। इस आदेश के अनुसार क्भ् दिन में सभी से पार्किंग का इंतेजाम करने को कहा गया है। इसके बाद सड़क पर गाडि़यां खड़ी करने पर कार्रवाई तेज हो जाएगी। वैसे तो एडीए का यह डिसीजन पब्लिक को परेशान करने वाला है। लेकिन, शाप ओनर्स का मानना है कि पब्लिक पर प्रेशर बढ़ा तो उनका ध्ाधा चौपट हो जाएगा। हालांकि वह लामबंद हो रहे हैं कि एडीए पहले पार्किंग की व्यवस्था दे फिर ऐसा कोई आदेश उन पर थोपे।

सिंगल, डबल नहीं, ट्रिपल लाइन

सिविल लाइंस एरिया में एमजी रोड के साथ ही सुभाष चौराहा से पत्थर गिरजा और सिविल लाइंस बस अड्डा वाली रोड काफी चौड़ी है। म्0 फिट चौड़ी सड़क के बाद दोनों तरफ अलग से सड़क का स्पेश दिया गया है ताकि बिजनेस सेंटर्स पर कोई असर न पड़े। इस फायदा उठाया शापिंग काम्प्लेक्स बनवाने वालों ने। उन्होंने पार्किंग प्लेस में भी दुकानें बनाकर किराए पर उठा दी। नतीजा पब्लिक सड़क पर अपने वाहन खड़े करने लगी। वर्तमान में स्थिति यह है कि फुटपाथ पर बाइकों का कब्जा होता है और सड़क पर कारों का। दोपहर और शाम को तो मेन सड़क पर पार्किंग बन जाती है। एक-दो नहीं तीन लेयर में। पीवीआर, बिग बाजार, रिलांयस बाजार, इंदिरा भवन में पार्किंग प्लेस उपलब्ध है। लेकिन, पांच-दस रुपया बचाने के चक्कर में पब्लिक रोड पर ही अपने वाहन खड़े करने को तरजीह देती है। इससे मॉल्स के सामने भी वाहनों की लम्बी कतार लग जाती है। माल की ओर से साफ-साफ नोटिस होने के बाद भी इसे कोई नोटिस नहीं लेता।

हम भी तो मजबूर हैं

आई नेक्स्ट ने पब्लिक से भी इस पर बात ही। उनका कहना था कि एडीए पहले खुद पार्किंग की व्यवस्था दे। इसके बाद सभी शापिंग काम्प्लेक्स में अंडरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था कराए। टैगोर टाउन से आए आनंद और उनकी पत्‍‌नी ने कहा, इस कड़ी धूप में पॉसिबल है कि हम अपनी गाड़ी पांच सौ मीटर दूर पार्क करें और पैदल सड़क पर घूमते रहें शापिंग के लिए या लंच एंज्वॉय करने जाएं। हम चाहते हैं कि ट्रैफिक ईजी मूव करे लेकिन, क्या यह सिर्फ हमारी जिम्मेदारी है?

पब्लिक अपना विहैबियर चेंज कर ले तो प्राब्लम अपने आप साल्व हो जाएगी। सिविल लाइंस में ही कई मॉल और बिल्डिंग्स ऐसी हैं, जहां पार्किंग उपलब्ध है। इसके बाद भी लोग सड़क पर वाहन पार्क करते हैं। इस आदत को बदलना होगा।

बृजेश उपाध्याय

बिजनेसमैन

एडीए सड़क किनारे पार्किंग बंद देगी तो पब्लिक के वाहन जाएंगे कहां। ऐसा तो होगा नहीं कि गाड़ी पार्क करके कस्टमर एक किलोमीटर पैदल चले। पार्किंग बंद करने से पहले पार्किंग के लिए जगह का इंतजाम करना चाहिए।

राजीव गुप्ता

बिजनेसमैन

सिविल लाइंस में सड़क पर कस्टमर से ज्यादा अधिकारियों के वाहन खड़े रहते हैं। सेल टैक्स डिपार्टमेंट के साथ ही इंदिरा भवन के अन्य डिपार्टमेंट के ऑफिसर दुकानों के बाहर वाहन पार्क करते हैं। एडीए अभियान चलाकर पार्किंग पूरी तरह से बंद कर देगा तो कम से कम, इस मनमानी से तो राहत मिलेगी।

संजीव दुबे

बिजनेसमैन

पार्किंग के लिए सख्त कदम उठाने की बात करने वाले अधिकारी, उस समय क्यों चुप रहते हैं जब बिना पार्किंग वाले बिल्डिंग और मॉल बन कर तैयार हो जाते हैं? सख्त कदम उठाने से पहले विकल्प तो दें।

पुनीत अग्रवाल

बिजनेसमैन

प्रस्तावित है मल्टी स्टोरी पार्किंग

एडीए ने सिविल लाइंस में ही मल्टी स्टोरी पार्किंग बनवाने का फैसला लिया है। इसके लिए आलमोस्ट हर जरूरी स्थान से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। इसके बाद भी अभी इस पर काम शुरू होने में अभी तीन महीने लग जाएंगे। शुरुआत का यह हाल है तो काम पूरा होने में कितना वक्त लग जाएगा? अंदाजा लगाया जा सकता है। तब तक पब्लिक के वाहन जाएंगे कहां?

क्या है एडीए का फैसला

एडीए की बोर्ड मिटिंग में तय हुआ है कि सिविल लाइंस एरिया में पार्किंग की व्यवस्था करने के लिए शॉप ओनर्स को क्भ् दिन का मौका दिया जाय। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गाडि़यां सड़क पर खड़ी होने से पब्लिक को पैदल चलने में भी दिक्कत आती है।

सिविल लाइंस में मूव करते हैं करीब ख्0 हजार वाहन

सिविल लाइंस एरिया वर्तमान समय में सबसे बड़ा ट्रेड सेंटर बनकर उभर रहा है। ज्यादातर शापिंग मॉल्स, अपार्टमेंट्स, मल्टी स्टोरी शापिंग काम्प्लेक्स, फूड प्लाजा, रेस्टोरेंट और होटल्स इसी एरिया में हैं। ज्यादातर मल्टीनेशनल कंपनियों के शो रूम और आउटलेट्स भी इसी एरिया में हैं। हाइ कोर्ट में काम से आने वालों का आना जाना भी इसी एरिया से है और वकीलों का भी। इससे यह एरिया ज्यादा प्रेशर झेल रहा है। पुराने शहर में शापिंग के लिए वाहन लेकर आना आलरेडी प्रतिबंधित है। ऐसे में सिटी की पब्लिक भी इस एरिया में ज्यादा आती है।

सिविल लाइंस पर एक नजर

औसतन प्रतिदिन यहां से ख्0 हजार वाहनों का आना-जाना होता है।

शाम को बढ़ जाता है रश, हजारों गाडि़यां होती हैं सड़क पर

किसी भी रेस्टोरेंट ने नहीं किया है पार्किंग का इंतेजाम

ज्यादातर कंपनी आउटलेट्स और शो रूम के साथ भी यही है दिक्कत

कुछ ही मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में है पार्किंग की व्यवस्था

यहां भी पब्लिक पैसा पे करके गाड़ी जमा करने में नहीं लेती है रुचि

एडीए में काम से आने वाले भी सड़क पर ही पार्क करते हैं गाडि़यां