-मेरठ-हापुड़ क्षेत्र के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने शून्यकाल में उठाया मामला, सीबीआई जांच की मांग

-सभी सियासी दलों ने जघन्य अपराध बताते हुए निंदा की

मेरठ: खरखौदा कांड की आंच मंगलवार को संसद तक पहुंच गई। मेरठ की एक लड़की के साथ मुजफ्फरनगर के मदरसे में सामूहिक दुष्कर्म एवं धर्म परिवर्तन के मामले पर यूपी सरकार तेजी से घिरती जा रही है। मेरठ-हापुड़ क्षेत्र के सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने लोकसभा में मामले को उठाते हुए न सिर्फ सीबीआई जांच की मांग की, बल्कि मदरसों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा दिया। तकरीबन सभी राजनीतिक दलों ने घटना की भ‌र्त्सना करते हुए दोषियों पर कड़ी कारवाई करने की अपील की है।

संसद में हंगामा

संसद के बाहर और भीतर खरखौदा कांड की गूंज को देखते हुए कई संगठनों ने भी तीखा विरोध जताया है। पीडि़ता के घर पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ राजनीतिज्ञों की चहलकदमी बनी रहीं। कोर्ट में बयान के बाद लड़कों को कड़ी सुरक्षा में उसके घर पहुंचाया गया। राजेन्द्र अग्रवाल ने संसद में मामले को उठाते हुए इसे देश को शर्मसार करने वाली घटना बताया। कहा कि 27 जुलाई को खरखौदा थाना क्षेत्र के एक गांव से लड़की का अपरहण हुआ, किंतु मामला 29 को दर्ज किया। तीन अगस्त को मदरसे से भागकर जान बचाकर भागने के बाद लड़की ने भयावह खुलासे किए हैं। मदरसे के हाफिज की सहायता से पांच दिनों तक लड़की को कैद में रखा गया और सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसकी गर्भनाल निकाल ली गई। लड़की ने खुलासा किया कि करीब अन्य पचास लड़कियां भी मदरसे में कैद हैं।

नेताओं ने की निदंा

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने घटना को भयावह बताते हुए दोषियों पर कड़ी कारवाई की मांग की। कहा कि सामूहिक दुष्कर्म, बलपूर्वक धर्म परिर्वतन एवं कैद रखना किसी भी स्तर पर क्षम्य नहीं है। केन्द्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने खरखौदा कांड को जघन्यतम कांड बताया। राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने सपा को घेरते हुए मेरठ की घटना को तुष्टीकरण का नतीजा बताया। शिवसेना सांसद संजय रारूत ने ऐसे मामले को निर्भया कांड की तरह देश का दर्द बताते हुए संसद में उठाने की बात कही। सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने गंभीर घटना बताते हुए निष्पक्षता से जांच कर दोषियों पर कड़ी कारवाई का आश्वासन दिया है।