-दो वार्र्डो की सीमा में पड़ने के कारण सिटी की कई सड़कें जर्जर

-पार्षद एक दूसरे पर डालते हैं जिम्मेदारी

GORAKHPUR: सिटी में दर्जनों ऐसी रोड्स है जिनका कोई पुरसाहाल नहींहै। ये दो वार्र्डो की सीमा में फंसकर रह गई हैं। यह सड़कें किसी वार्ड में न हो कर दो वार्डो की सीमा पर हैं। ऐसी सड़कों को बनाने के लिए कोई भी जहमत नहीं उठा रहा है। सड़कें न बनने के कारण पब्लिक परेशान हो रही है और जिम्मेदार एक दूसरे पर जिम्मेदारी का ठीकरा फोड़ रहे हैं। जब भी कभी पब्लिक शिकायत लेकर जाती है तो पार्षद एक ही जवाब देते हैं कि यह रोड दूसरे वार्ड में हैं।

वार्डो की सीमा निर्धारित करती है यह सड़क

सिटी में दर्जनों ऐसी सड़कें है जो दो वार्डो को अलग करती है। जर्जर हालत में पड़ी यह सड़कें इसलिए नहीं बन पाती क्योंकि नगर निगम में इसके लिए कोई प्रस्ताव नहीं देता है। महेवा फलमंडी के राजेश सिंह का कहना है कि इन सड़कों को लेकर जब भी किसी पार्षद के पास जाते हैं तो उन लोगों को एक ही जवाब रहता है कि यह सड़क मेरे वार्ड में नहीं हैं।

बन जाती तो पब्लिक को मिलती राहत

-वार्ड नं फ्फ् बेतियाहाता और वार्ड नं फ्0 महेवा मुंशी प्रेमचंद्र पार्क के आगे नाले पर की बगल वाली रोड दो साल से बनी ही नहीं।

- वार्ड नं म्9 महुईसुघरपुर और वार्ड नं ब्0 रुस्तमपुर को रानीबाग रोड अलग करती है। यह रोड भी इस समय गड्ढे में तब्दील हो गई है।

- वार्ड नं फ् जंगल तुलसीराम बिछिया पश्चिमी और वार्ड नं ख्ख् जंगल तुलसीराम बिछिया पूर्वी को अलग करने वाला ताड़ीखाना रोड जर्जर है।

- वार्ड नं ब्क् मिर्जापुर और वार्ड नं म्ब् बंसतपुर को अलग करने वाली रोड भी जर्जर हालत में पड़ी है।

अफसर कर सकते हैं चयनित

जिन सड़कों को कोई प्रस्ताव नहीं देता है उनके निर्माण के लिए प्रस्ताव अफसर स्वयं किसी योजना में बनवा सकते हैं। सोर्सेज की माने तो इस साल सीआरएफ योजना के तहत अभी तक एक भी सड़क निर्माण कार्य नहीं हुआ है। वहीं पार्षदों का कहना है कि कई सड़कें तो दो साल से सीआरएफ योजना में चयनित हो गई हैं, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।

हमने कई ऐसी सड़कों के निर्माण के लिए प्रस्ताव दिया है। सर्वे करके ऐसी सड़कों की सूची तैयार की जाएगी और मनोनीत पार्षद ऐसे सड़कों के निर्माण के लिए कार्य करेंगे।

शहीद अंसारी, मनोनीत पार्षद

ऐसी सड़कों को बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। कुछ सड़कों का टेंडर निकाल भी दिया गया है। जल्द ही काम भी शुरू हो जाएगा।

डॉ। सत्या पांडेय, मेयर

ऐसी रोड को निगम को स्वयं संज्ञान में लेकर निर्माण करावाना चाहिए। अफसरों की लापरवाही की देन है कि ऐसी सड़कें नहीं बन रही हैं। अगर मेरे पास प्रस्ताव आता है तो ऐसी सड़कों को विधायक निधि से बनाने के लिए कोशिश की जाएगी।

विजय बहादुर यादव,

विधायक गोरखपुर ग्रामीण