हेड पोस्ट आफिस में वेरीफिकेशन के लिए रोज पहुंचते हैं एक सैकड़ा लोग

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PRAYAGRAJ: पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन करने वालों को इतनी तो सुविधा मिल गयी कि उन्हें अब डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए किसी दूसरे शहर नहीं जाना है. हेड पोस्ट ऑफिस से ही उनका काम हो जायेगा. यहां बनाये गये सेंटर का नाम पासपोर्ट सेवा केन्द्र दिया गया है लेकिन यहां पब्लिक को मूलभूत सुविधा नहीं मिलती. तपती गर्मी में एक ग्लास पानी के लिए भी तरसना पड़ जाता है. यहां के कर्मचारियों के पास भी खरीदकर ही पानी पीने का आप्शन है.

नम्बर के चक्कर में रहते हैं भूखे-प्यासे

बुधवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने यहां का लाइव सीन देखा. टेम्प्रेचर दिन में 39 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच चुका है. इस गर्मी में भी वेरीफिकेशन के लिए आने वाले सभी को बैठने तक का इंतेजाम नहीं है. घंटो बैठकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. इस स्थान पर पानी उपलब्ध नहीं था और लोग बाहर इसलिए नहीं जा पा रहे थे कि उसी बीच उनका नम्बर आ गया तो छूट जाएंगे और फिर लास्ट तक वेट करना पड़ेगा.

रोज होती है नंबर के लिए बहस

पासपोर्ट सेवा केन्द्र पर नंबर को लेकर रोज बहस जैसी स्थिति होती है. इसके बाद भी यहां के लिए एक गार्ड तक तैनात नहीं किया गया है. केन्द्र इंचार्ज बृजेश कुमार तिवारी ने बताया कि केन्द्र पर एक भी सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं है. कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है जब कुछ लोग अपनी मनमानी करने के लिए माहौल बिगाड़ने के लिए भी तैयार हो जाते हैं. इस बारे में निदेशक हेड पोस्ट आफिस को लिखित में शिकायत दर्ज करायी गई है. इसके बाद भी अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी. सबसे अधिक परेशानी उस समय होती है, जब एक व्यक्ति के वेरीफिकेशन के लिए कई लोग पहुंच जाते हैं. यह स्थिति लगभग प्रतिदिन झेलनी पड़ती है. केन्द्र पर दो वेरीफाई अधिकारी का पद स्वीकृत है. तैनाती सिर्फ एक ही अधिकारी की है.

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लोगों का प्रतिदिन होता है वेरीफिकेशन

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सीएससी पर है वेरीफिकेशन पूरा करने की जिम्मेदारी

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वेरीफाई ऑफिसर की पोस्ट, तैनाती सिर्फ एक की

व्यवस्था का बुरा हाल

वेरीफिकेशन के लिए आने वाले लोगों के मुकाबले लिमिटेड लोगों के ही बैठने की व्यवस्था

एक एप्वाइंमेंट के लिए तीन से चार लोग पहुंचते हैं केन्द्र पर

सेक्योरिटी न होने से रोज होता है विवाद

यहां कॉमन पब्लिक की बात ही छोडि़ये कर्मचारियों के लिए भी नहीं है पानी की व्यवस्था

नंबर मिस हो जाने के डर से प्यासे ही पड़े रहते हैं वेरीफिकेशन के आवेदक