- वीआईपी ट्रेनों के पैसेंजर्स के लिए प्लेटफार्म सात पर लाखों खर्च कर बढ़ाई गई थीं सुविधाएं

- पैसेंजर्स को नहीं मिल रहा फायदा, प्लेटफार्म पर दिव्यांग यात्रियों के लिए बने टॉयलेट में ताला

-प्लेटफॉ‌र्म्स पर पैसेंजर्स के बैठने तक की व्यवस्था नहीं, घंटों सड़ा करता है ट्रेन से निकाला कूड़ा

KANPUR। रेलवे रोजाना अपने यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के बड़े-बड़े दावे करता है लेकिन इन दावों में दम कम और हवा ज्यादा है। ए ग्रेड रेलवे स्टेशनों में शामिल कानपुर सेंट्रल में यात्री मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं जबकि विभिन्न प्लेटफार्मो में पैसेंजर्स की सुविधाओं के नाम पर छह माह में लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसके बाद भी पैसेंजर्स को बैठने और टॉयलेट जैसी फैसिलिटीज नहीं मिल पा रही हैं। वीआईपी ट्रेनों के पैसेंजर्स को भी प्लेटफार्म पर चादर बिछाकर बैठना पड़ता है और टॉयलेट के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

टॉयलेट में विभाग का ताला

प्लेटफार्म सात में स्वर्ण शताब्दी के ठहराव के बाद दिव्यांग पैसेंजर्स की सुविधा के लिए टॉयलेट बनाए गए थे। जो तीन माह पहले ही पूरी तरह बन के तैयार हो गए। इसके बाद से यहां आज तक इंजीनियरिंग विभाग का ताला लटक रहा है।

नियमित नहीं हाेती सफाई

प्लेटफार्म छह-सात समेत सभी प्लेटफार्मो में हाल ही में पैसेंजर्स की सुविधा को देखते हुए लगाए गए यूरिनल की नियमित सफाई नहीं की जाती है। जिसकी वजह से यह काफी गंदे रहते हैं। गंदगी के चलते शताब्दी ट्रेन के पैसेंजर्स को काफी परेशानी होती है। बदबू की वजह से प्लेटफार्म पर भी पैसेंजर्स का खड़ा होना मुश्किल होता है। वहीं ट्रेनों से निकाला गया कूड़ा भी घंटों प्लेटफार्म पर ही पड़ा रहता है।

बैठने की नहीं बेहतर सुविधा

सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर पैसेंजर्स की सुविधा को देखते हुए सीटें लगवाई गई हैं। वहीं अधिकारियों का ध्यान प्लेटफार्म सात पर नहीं गया। जहां स्वर्ण शताब्दी के वीआईपी पैसेंजर्स का आवागमन है। ट्रेन लेट होने पर प्लेटफार्म पर पैसेंजर्स के बैठने को उचित सीटें नहीं लगी हैं।

'सेंट्रल स्टेशन में यात्री सुविधा बढ़ाने को लेकर लाखों रुपये खर्च हुआ है। इसके बावजूद अगर वह सुविधाएं यात्रियों को मुहैया नहीं हो रही हैं तो अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा। दिव्यांग टॉयलेट में किसके आदेश से ताला लगाया गया है। इसकी जानकारी भी की जाएगी.'

- गौरव कृष्ण बंसल, सीपीआरओ एनसीआर

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- प्लेटफार्म में बने यूरिनल काफी गंदे हैं। यहां पर पीएम के स्वच्छता अभियान की धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रही है। रेलवे अधिकारी का भी ध्यान यात्रियों की इस समस्या की ओर नहीं जाता है।

रिंकू कुमार

- प्लेटफार्म छह-सात, चार-पांच व दो-तीन प्लेटफार्म पर दिव्यांग यात्रियों की सुविधा के लिए टॉयलेट बनाए गए हैं। जिसमें रेलवे ने ताला लगा रखा है। ऐसी सुविधाओं का क्या मतलब बनता है। जिसका प्रयोग यात्री कर ही न सके।

शीलू सिंह

- प्लेटफार्म सात में रेलवे अधिकारियों ने स्वर्ण शताब्दी का स्टॉपेज कर दिया है, लेकिन सुविधाएं नहीं बढ़ाई है। बरसात में प्लेटफार्म की छत पर लगी टीनशेड से पानी टपकता है। जिससे यात्री भीग जाते हैं।

प्रकाश

- ट्रेन लेट होने पर यात्रियों को ट्रेन का इंतजार करना काफी मुश्किल होता है। प्लेटफार्म पर प्राप्त संख्या में सीटें नहीं लगी है। इसकी वजह से खड़े रह कर ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। इससे काफी समस्या होती है।

अरविंद कुमार

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भ्0 लाख रुपए यात्री सुविधाओं पर खर्च किए जा चुके हैं

फ् टॉयलेट दिव्यांग पैसेंजर्स के लिए बने, जो बंद पड़े हैं

फ् यूरिनल नार्मल पैसेंजर्स के लिए बनाए गए, जो गंदगी से पटे

7 नंबर प्लेटफार्म पर लिफ्ट तैयार होने के बावजूद शोपीस बनी हुई है