पब्लिक से game खेल रहे रेलवे कर्मचारी!

रेलवे साल में छह बार किराया बढ़ा देता है। आप बैलेंस भी वापस नहीं करोगे? भाई साहब, इनका रोज का यही ड्रामा है। दो तीन रुपए अगर बचते हैैं तो वापस ही नहीं करते। नीरज चौधरी रिजर्वेशन काउंटर पर हाथ में टिकट लिए कुछ इसी तरह की बात कर रहे थे। उनकी तरह कई और लोग भी थे। जब इस मामले की छानबीन की गई तो सामने आया एक बड़ा सच।

हो रहा है खेल

कई बार ऐसा होता है कि स्टेशन पर जनरल और रिजर्वेशन टिकट काउंटर पर हम टिकट खरीदने जाते हैं तो काउंटर पर बैठा कर्मचारी आपको बकाया चेंज वापस नहीं करता है। वो या तो खुले न होने की बात करते हैैं या कभी कहते हैं कि चेंज लेकर आओ टिकट ले जाओ। जिसके बाद चेंज की झंझट से बचने के लिए आप वो बकाया वापस नहीं लेते हैं। लेकिन आपको पता है कि कितने लोग इसी तरह चेंज छोडक़र चले जाते है।

नहीं रखते हैं चेंज

रेलवे रिजर्वेशन और जनरल काउंटर पर चेंज होता ही नहीं है। शायद इसीलिए कि पैसेंजर को वो रुपया लौटाना ही न पड़े। ये खासकर जनरल टिकट पर ज्यादा होता है। क्योंकि पैसेंजर को ट्रेन पकडऩे की जल्दी होती है। इस चक्कर में वो चेंज छोडक़र ही आगे बढ़ जाता है। कुछ ऐसे ही हालात रिजर्वेशन काउंटर के हैं। वहां भी पैसेंजर को चेंज को छोडक़र जाना पड़ता है। या फिर चेंज के लिए स्टेशन से बाहर निकलकर इंतजाम करना पड़ता है। जल्दबाजी में लोग रिजर्वेशन काउंटर पर रुपए भी छोड़ देते हैं।

चौंक जाएंगे आप

हम आपको बता दें कि जब आई नेक्स्ट ने इस पूरे खेल की छानबीन की तो चौंकाने वाले फैक्ट्स सामने आए। मेरठ सिटी स्टेशन पर जनरल टिकट काउंटर की बात करें तो डेली 15 हजार टिकट की सेल होती है। वहीं रिजर्वेशन टिकट काउंटर पर रोज 10 हजार टिकट सेल हो ही है। यानि स्टेशन से हर रोज 25 हजार लोग टिकट खरीद रहे हैं। अगर एक आदमी 3 रुपए एवरेज छोड़ रहा है तो डेली टिकट सेल पर 75 हजार रुपए एक्स्ट्रा कलेक्ट हो रहे हैं। आप गौर करें कि महीने में 22 लाख 50 हजार रुपए और साल में 2 करोड़ 70 लाख का एक्स्ट्रा कलेक्शन हो रहा है। ये रुपया न तो रेलवे के रिकॉर्ड में जाता है और पब्लिक को वापस मिलता है। आखिर, ये जाता कहां है?

'यहां का हाल काफी बुरा है। मेरे चार रुपए बकाया निकलते हैं। मैं एक रुपया चेंज देने को भी तैयार हूं ताकि वो पांच सिक्का या नोट दे सके, लेकिन पांच रुपए का चेंज देने से भी इंकार कर रहा है। अब चार रुपए की चेंज कहां से लेकर आऊं। मजबूरी में छोडऩे पड़ रहे हैं। इन्हें कितना भी कह लो ये लोग सुनते ही नहीं है.'

-  नीरज चौधरी

'क्या करूं चेंज ही नहीं है इनके पास इसलिए बाहर व्यवस्था करने जा रहा हूं चेंज की। इन्हें एक, दो, और पांच के सिक्के तो रखने ही चाहिए। कहा है सात रुपए चेंज लेकर आओ आपका टिकट यहीं है। अब मैं सात रुपए के लिए 17 मिनट बेकार करूंगा। देखता हूं मिल जाता है तो ठीक वरना सात रुपए छोड़ दूंगा.'

- कमल कुमार

'मेरे साथ तो ऐसा हर 15 दिन में ऐसा होता है। मैंने एक बार 25 रुपए यूं ही छोड़ दिए थे। अब ये कौन मान लेगा कि काउंटर पर 10-10 रुपए के नोट नहीं है। जब सामने ट्रेन खड़ी हो तो और जाने में 5 मिनट से भी कम समय हो तो आपके पास मानने के अलावा कोई चारा नहीं होता है। अब भी मैंने सात रुपए बकाया में 5 रुपए निकाल ही लिए। 2 रुपए अब भी छूट गए.'

- देवेंद्र कुमार

'आपने देखा होगा कि काउंटर पर मैं कितनी जिरह कर रहा था बैलेंस के लिए, लेकिन वो सुन ही नहीं रहा था। ये लोग जानबूझकर पैसेंजर चेंज नहीं देते हैं। अब पता नहीं ये बचा रुपया रिकॉर्ड में जाता है या इनके जेब में। हमारे पास तो चले ही गए.'

- कमल कुमार

स्टेशन पर जाने से पहले क्या करें

- अपनी जेब में 10 रुपए तक के चेंज जरूर लेकर जाएं।

- कोशिश करें टिकट काउंटर पर ज्यादा रुपए न दें। अगर कोई कर्मचारी वापस नहीं करता तो हायर ऑफिशियल से शिकायत करें।

- अगर आपको ट्रेन से कहीं जाना है तो घर से जल्दी निकलें ताकि जल्दी के चक्कर टिकट के ज्यादा रुपए न देने पड़े।

- अगर रिजर्वेशन कराने आएं हैं तो जल्दी न करें। लाइन में बारी आने के बाद ही टिकट लें और पूरा समय दें।

 फैट्स एंड फिगर

- सिटी रेलवे स्टेशन पर जनरल टिकट काउंटर हैं छह।

- इन पर रोजाना टिकट सेल होते हैं 15 हजार।

- इनकी कॉस्ट बनती है तकरीबन 3 लाख रुपए।

- जनरल काउंटर्स पर तीन शिफ्ट में होती है 13 कर्मचारियों की ड्यूटी।

- रिजर्वेशन टिकट काउंटर की संख्या है छह।

- यहां पर रोजाना सेल होते हैैं दस हजार टिकट।

- इनकी कॉस्ट बनती है तकरीबन पांच लाख रुपए।

- रिजर्वेशन काउंटर पर दो शिफ्ट में होती है 12 कर्मचारियों की ड्यूटी।

- टिकट काउंटर्स पर एवरेज हर पैसेंजर छोड़ देता है 3 रुपए।

- डेली कलेक्ट होते हैैं तकरीबन 75 हजार रुपए एक्स्ट्रा।

- ऐवरेज एक कर्मचारी के हिस्से में आते हैैं तीन हजार रुपए डेली।

- टिकट खिडक़ी पर तैनात कर्मचारियों को सालाना होती है लाखों रुपए की एक्स्ट्रा इनकम।

'पैसेंजर के साथ अक्सर ऐसा होता है कि चेंज न होने की वजह से वो काउंटर पर छोड़ जाते होंगे। लेकिन ज्यादा बड़ा अमाउंट नहीं होता होगा। कर्मचारी वो रुपया काउंटर क्लर्क को जमा करा सकता है। जो मिस्लेनियस में चला जाता है.'

- शैलेंद्र कुमार शर्मा, पीआरओ, नॉर्दन रेलवे