- रोडवेज बस स्टेशन पर तीन से से गुल है बिजली, पानी के लिए सूख रही पैसेंजर्स की हलक

- पथिक निवास में छह महीने से नहीं आ रहा पानी, हैंडपंप से मैनेजर भरकर चला रहा काम

- कई बार की गई अधिकारियों से शिकायत, कुंभकरण की नींद सो रहा निगम प्रशासन

GORAKHPUR: इस भीषण गर्मी और 40 डिग्री के तापमान में जहां लोग बेहाल हैं, वहीं रोडवेज बस स्टेशन पर पैसेंजर्स की हलक सूख रही है। उन्हें यहां पीने तक के लिए पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। इस भीषण गर्मी में उन्हें प्यास बुझाने के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है। रोडवेज बस स्टेशन पर पिछले तीन दिनों से बिजली और पानी की किल्लत हो गई है। निगम प्रशासन से शिकायत के बाद भी रोडवेज अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। हालत यह है कि इस चिलचिलाती धूप में बस स्टेशन पर पैसेंजर्स बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है।

तीन दिनों से गुल है बिजली

रोडवेज बस स्टेशन पर बिजली बीते तीन दिनों से गुल है। कर्मचारियों ने कई बार इसकी शिकायत भी अधिकारियों से की, लेकिन हालात जस के तस हैं। ऐसा भी नहीं है कि निगम कि बिजली कट गई है, बल्कि इसमें कुछ खराबी आ गई है, लेकिन जिम्मेदार इसे पिछले तीन दिनों में भी ठीक नहीं करा सके हैं। बिजली न होने से स्टेशन परिसर पर एक मात्र नल भी बंद हो गया। हैंडपंप पहले से ही खराब है, जिससे लोगों को इस गर्मी में पैसेंजर्स को या तो प्यासे सफर करना पड़ रहा है या फिर अपनी प्यास बुझाने के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है।

मैनेजर भर रहा पानी

इसमें सबसे खराब स्थिति तो रोडवेज बस स्टेशन पर बने पथिक निवास की है। यहां ठहरने वाले पैसेंजर्स को तो टॉयलेट, बाथरूम व नहाने तक के लिए बाहर से पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। इतना ही नहीं यहां पैसेंजर्स से मोटा किराया वसूला जा रहा है, लेकिन सुविधा के नाम पर उन्हें पानी तक के लिए तरसना पड़ रहा है। यहां तो स्थिति यह है कि यहां बीते छह महीने से पानी नहीं आ रहा, लेकिन इसका भी निगम के अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ता। कई बार शिकायत करने के बाद भी आज तक यहां पानी की व्यवस्था नहीं कराई जा सकी।

तीन में से दो हैंडपंप खराब

ऐसे तो रोडवेज बस स्टेशन पर पानी के लिए तीन हैंडपंप और एक आरओ वॉटर की व्यवस्था है, लेकिन इन तीन हैंडपंपों में दो हैंडपंप करीब साल भर से खराब पड़े हैं। ऐसे में सिर्फ एक हैंडपंप के सहारे यहां आने वाले सैकड़ों पैसेंजर्स का काम चल रहा है। इसी तरह पैसेंजर्स के ठहरने के लिए बने पथिक निवास में पैसेंजर्स को बाहर लगे इसी एक मात्र हैंडपंप से पानी भरना पड़ रहा है। इससे यहां आए दिन पैसेंजर्स व मैनेजर के बीच बवाल की स्थिति हो रही है।

जंग खा रहा आरओ सिस्टम

इतना ही नहीं पैसेंजर्स को स्वच्छ आरओ वॉटर के लिए यहां आरओ प्लांट की तो व्यवस्था की गई थी, लेकिन यह करीब एक साल से बंद कमरे में जंग खा रहा है। मजे की बात तो यह है कि आरओ सिस्टम खराब होने के बाद यहां पैसेंजर्स के पीने के लिए यहां लगे नल को सीधा टंकी से जोड़ दिया गया है। लिहाजा पेसैंजर्स को टंकी का गंदा पानी पीना पड़ रहा है। ऐसा नहीं है कि निगम प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं है। मगर सब कुछ जानने के बाद भी जिम्मेदार मौन धारण किए हुए हैं। कई बार इसकी शिकायत करने के बाद भी आज तक न ही आरओ सिस्टम की मरम्मत हुई और न ही खराब पड़े हैंडपंपों की।

इतनी गर्मी में जहां एक प्याऊ आदि लगाकर पीने के पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। मगर यहां तो पैसेंजर्स के पीने तक के लिए पानी नहीं है। जो है भी वो टंकी का गंदा पानी है, इसलिए बोतल का पानी खरीदकर प्यास बुझाई जा रही है।

विजय शंकर दूबे, पैसेंजर

पीने के लिए तो फिर भी पानी का बोतल खरीदा जा सकता है, लेकिन पथिक निवास में तो टॉयलेट व बाथरूम तक में पानी नहीं है। बाहर से पानी भरकर किसी तरह काम चलाया जा रहा है। इससे यहां ठहरने वाले पैसेंजर्स को काफी परेशानी हो रही है।

राज दूबे, पैसेंजर

कई महीने से यहां नल खराब पड़ा है। इसकी कई बार निगम प्रशासन से शिकायत की गई है, लेकिन अधिकारियों की ओर से इसपर कभी ध्यान नहीं दिया जा रहा। इससे आए दिन पैसेंजर्स बवाल कर रहे हैं। मजबूरी में मैं खुद बाहर से पानी भरकर दे रहा हूं।

आनंद कुमार- मैनेजर, पथिक निवास