यदि आप रेलवे से सफर करने की प्लैनिंग कर रहे या फिर बर्थ का रिजर्वेशन करा चुके हैं तो फिर अपने साथ सफर में दाना-पानी भी रख लीजिएगा। हां, समय भी पास में पर्याप्त रखिएगा। क्योंकि यदि इंडियन रेलवे के भरोसे रहेंगे तो फिर गर्मी में यह जर्नी आपके लिए किसी वनवास से कम नहीं होगी। ऐसा हम इसलिए बता रहे हैं कि लंबी दूरी की अधिकतर ट्रेन्स अपने निर्धारित समय से दो से लेकर बारह-चौदह घंटे नहीं बल्कि 24 घंटे तक लेट चल रही हैं। जिसे सुबह पहुंचना चाहिए वह आ रही शाम को, रात वाली सुबह में रेलवे स्टेशन पहुंच रही है। चाहे वह मुंबई, नई दिल्ली या फिर कोटा, अहमदाबाद से आने वाली ट्रेनें हो सभी की सभी विलंबित चल रही हैं। बहुत सी ट्रेन में तो पैंट्रीकार नहीं है, यदि है भी तो लेटलतीफी के चक्कर में खाना को इतना बार गर्म किया जा रहा है कि एक निवाला गले से उतरने से रहा। पैसेंजर्स फूड प्वॉइजनिंग के शिकार हो रहे हैं। रविवार को कोटा-पटना एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से 24 घंटे लेट रही।


एक दर्जन से अधिक ट्रेंस रही लेट

कैंट रेलवे स्टेशन से होकर गुजरने वाली एक दर्जन से अधिक ट्रेन्स रविवार को लेटलतीफी का शिकार रहीं। यही वजह रहा कि पैसेंजर्स लगातार टिकट कैंसिल कराकर बस से सफर करने के लिए बाध्य है।

 

कुछ यूं है लेट ट्रेंस की डिटेल

-अपने निर्धारित समय से हिमगिरी एक्सप्रेस आठ घंटे

-लिच्छवी एक्सप्रेस 15 घंटे

-दून एक्सप्रेस चार घंटे

-पंजाब मेल पांच घंटे

-डाउन विभूति एक्सप्रेस साढ़े पांच घंटे

-किसान एक्सप्रेस पांच घंटे

- गोंदिया एक्सप्रेस चार घंटे

-अप विभूति एक्सप्रेस आठ घंटे

-इंदौर पटना एक्सप्रेस सात घंटे -सारनाथ एक्सप्रेस पांच घंटे

-कोटा पटना एक्सप्रेस 24 घंटे

-बेगमपुरा एक्सप्रेस पांच घंटे

-उपासना एक्सप्रेस 11 घंटे

 

 

एक सप्ताह से चल रही ये ट्रेन्स लेट

-कोटा पटना एक्सप्रेस

-बेगमपुरा एक्सप्रेस

-इंदौर पटना एक्सप्रेस

- गोंदिया एक्सप्रेस

-लिच्छवी एक्सप्रेस

-पंजाब मेल

-फरक्का एक्सप्रेस

-सियालदह एक्सप्रेस

 

रेलवे की यह हालत सुधरने वाली नहीं है। पहले फॉग से ट्रेन्स लेट होती थी अब पता नहीं क्यों गर्मी में भी ट्रेनें लेट हो रही है। मंजिल तक जल्दी पहुंचने के लिए ट्रेन का सहारा लिया जाता है लेकिन यहां तो उल्टा हो रहा है।

संदीप कुमार, पैसेंजर

 

कोटा पटना ट्रेन से जाना है लेकिन अभी तक प्लेटफॉर्म पर ट्रेन पहुंची नहीं है। चार घंटे की देरी से पहुंचने का एनाउंस हो रहा है। यही तो इंडियन रेलवे का हाल है।

जय प्रकाश गोंड, पैसेंजर

 

रेलवे की कंडीशन सुधरने वाली नहीं है। सिर्फ ट्वीट करने भर से पैसेंजर्स को राहत नहीं मिलती। अभी और सुधार की गुंजाइश है।

खालिद वकार आबिद, पैसेंजर

 

हिमगिरी एक्सप्रेस के इंतजार में हूं, एंक्वायरी पर पता चला कि आठ घंटे लेट है। ऐसे में इस गर्मी में समय काटना बहुत मुश्किल हो रहा है।

कृष्ण कुमार रस्तोगी, पैसेंजर