- रोडवेज की पुरानी बसों में लगाया गया 'जुगाड़' वाला स्पीड कंट्रोल डिवाइस

- कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है ये 'खतरनाक डिवाइस'

-दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की पड़ताल में खुली रोडवेज के 'खेल' की 'पोल'

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KANPUR। रोडवेज की 'जुगाड़' टेक्नोलॉजी पर चल रही बसों में पैसेंजर्स की 'जिंदगी के साथ खिलवाड़' किया जा रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि रोडवेज बसों की स्टेयरिंग, ब्रेक से लेकर लाइटिंग सिस्टम सब के सब 'जुगाड़' से चल रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने रीडर्स की कम्पलेन पर रोडवेज डिपो का जायजा लिया तो 'हकीकत' सामने आ गई। आज आपका दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट आपको रोडवेज की जुगाड़ टेक्नोलॉजी से रुबरू कराने जा रहा है। जो कभी भी कहीं भी 'धोखा' देकर पैसेंजर्स के 'सफर का अंत' कर सकती है। सर्दियों के मौसम में ये टेक्नोलॉजी पैसेंजर्स के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं।

सुरक्षा पर भारी ये 'जुगाड़'

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने जब बस के ड्राइवर से जब रोडवेज की 'जुगाड़' टेक्नोलॉजी के बारे में पड़ताल की झकरकटी बस स्टेशन पर मौजूद ड्राइवर्स ने नाम न लिखने के भरोसे पर बताया कि बस के सभी पार्टस जुगाड़ टेक्नोलॉजी से चल रहे है। पैसेंजर्स व्हीकल में स्पीड कंट्रोल डिवाइस लगाने के नए आदेश के बाद रोडवेज ने पुरानी बसों में 'जुगाड़' टेक्नोलॉजी लगा दी है। वर्कशाप में बस के एक्सीलेटर के नीचे एक बोल्ट को वेल्डिंग कर दिया गया है। जोकि वाहन ओवर टेक करने में घातक साबित हो सकता है। जोकि आगे दबेगा ही नहीं तो फिर स्पीड नहीं बढ़ेगी? लेकिन ये बहुत खतरनाक है।

कोहरे में 'घातक' ये सफर

झकरकटी बस अड्डे पर खड़ी दर्जनों बसों की पड़ताल करने के दौरान सामने आया कि अधिकतर बसों में अभी तक फॉग लाइटें ही नहीं लगाई गई है। साथ ही दर्जनों बसों में वाइपर तक नहीं लगा है। यह दोनों की उपकरण कोहरे में सुरक्षित बस संचालन में काफी सहायक होती है। इसके बाद भी रोडवेज अधिकारियों ने अभी तक बसों में फॉग लाइटें व वाइपर लगाने की जरूरत नहीं समझा है।

मेंटीनेंस में होती लापरवाही

विकास नगर बस डिपो में कार्यरत एक ड्राइवर ने बताया कि रूट से आने के बाद ड्राइवर बसों का मेंटीनेंस देखने वाले फोरमैन को बस की सभी खामियों को बताता है। इसके बावजूद उन पर ध्यान नहीं दिया जाता है। कुछ खामियों को जुगाड़ से सही कर दिया जाता है। जोकि कुछ दिनों के बाद फिर खराब हो जाती है। उसने बताया कि मेंटीनेंस के लिए ज्यादा जोर देने पर ड्राइवरों को कई बार बस चलाने के लिए ही नहीं दी जाती है।

इस वर्ष हुई दुर्घटनाएं

1 जून को पनकी में पैसेंजर्स से भरी रोडवेज बस हुई दुर्घटनाग्रस्त, 2 की मौत

26 जून को कानपुर देहात में हुए रोडवेज बस एक्सीडेंट में 2 की मौत हुई

12 जुलाई को कानपुर देहात में एक्सीडेंट 2 पैसेंजर्स की मौत

1 अक्टूबर को इलाहाबाद में दुर्घटना 6 की मौत

6 नवंबर को पतारा घाटमपुर में बस एक्सीडेंट 6 पैसेंजर्स घायल

कोट

नई बसों में स्पीड कंट्रोल डिवाइस कंपनी से ही लग कर आ रही हैं। पुरानी बसों में स्पीड कंट्रोल डिवाइस लगवाई जा रही है। बसों में जुगाड़ वाले स्पीड कंट्रोल डिवाइस भी लगे हैं। इसकी जानकारी नहीं है। मामले की जांच करा कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

- अतुल जैन, आरएम रोडवेज कानपुर रीजन