- पुलिस की रिपोर्ट में तन्वी सेठ द्वारा दी गई जानकारी निकली फर्जी, भेजी रिपोर्ट

- नोएडा के पते की जानकारी भी छिपाई

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रुष्टयहृह्रङ्ख :

धार्मिक भेदभाव का आरोप लगा महज एक घंटे में पासपोर्ट हासिल करने वाली तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस और उनके पति अनस सिद्दीकी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पुलिस व एलआईयू के वेरिफिकेशन में सामने आया है कि उन्होंने पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन में झूठी जानकारी दी थी। पासपोर्ट अधिकारी व वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्र ने तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस के पासपोर्ट आवेदन पर जो तीन आपत्तियां दर्ज करायी थीं, वे सही पाई गई हैं। पता चला है कि दोनों पिछले एक साल से लखनऊ में नहीं बल्कि नोएडा में रह रहे हैं। वेरिफिकेशन के बाद लखनऊ पुलिस ने दोनों के खिलाफ सूचनाएं छिपाने की रिपोर्ट पासपोर्ट विभाग को दी है। अब पासपोर्ट विभाग दोनों को नोटिस जारी करने के साथ ही उनका पासपोर्ट सरेंडर करवाएगा। नोटिस का संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनका पासपोर्ट रद्द हो सकता है और उन पर जुर्माने की भी कार्यवाही हो सकती है।

पिता ने की तस्दीक

एलआईयू और कैसरबाग पुलिस मंगलवार को अमीनाबाद के उस पते पर पहुंची जिसे मोहम्मद अनस सिद्दीकी और तन्वी सेठ उर्फ सादिया ने पासपोर्ट आवेदन में दर्ज कराया था। यहां तन्वी उर्फ सादिया और मोहम्मद अनस नहीं मिले। मोहम्मद अनस के पिता डॉ। ए सिद्दीकी से एलआईयू और पुलिस ने तीन बिंदुओं पर पूछताछ की। डॉ। सिद्दीकी पहले तो तन्वी उर्फ सादिया व मोहम्मद अनस के लखनऊ निवासी होने की बात करते रहे लेकिन, जब उन्हें कुछ साक्ष्य दिखाकर पूछताछ की गई तो उन्होंने भी तस्दीक की कि दोनों नोएडा में रहते हैं। बताया जा रहा है पुलिस व एलआईयू उनके घर जाने से पहले अनस व तन्वी उर्फ सादिया की 1 से 14 जून तक की मोबाइल की सीडीआर व लोकेशन की डिटेल लेकर गई थी। जिसमें उनकी लोकेशन नोएडा में होने की पुष्टि होती थी।

पकड़ में आया झूठ

तन्वी उर्फ सादिया ने अपना कोई उपनाम न होने की बात कही और शादी के बाद सादिया नाम रखने की बात छिपाई। पासपोर्ट आवेदन में दिए गए हां या न के कॉलम को टिक नहीं किया। जबकि, निकाहनामा में उनका नाम सादिया अनस है। इसके अलावा नोएडा की एक कंपनी का काम लखनऊ में अपने घर पर रहकर करने की बात कही। नोएडा में जिस घर में रहकर वह नौकरी करती हैं वहां का पता छिपाया। जबकि, वह नोएडा के सेक्टर 76 स्थित जेएम अर्चित अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर बी-604 में किराये पर रहती हैं। उन्होंने पासपोर्ट आवेदन में रेंटल एग्रीमेंट का भी जिक्र नहीं किया। इसी तरह तन्वी जिस कंपनी में काम करती हैं उसकी जानकारी भी नहीं दी जबकि, वह नोएडा की आईटी सेक्टर की कंपनी बीटी ग्लोबल बिजनेस सर्विस लिमिटेड में वहीं रहकर नियमित रूप से काम कर रही हैं। इसके साथ ही मोहम्मद अनस सिद्दीकी ने पासपोर्ट आवेदन के समय खुद को लखनऊ का निवासी बताया था। हालांकि वह भी नोएडा में रहकर एक मल्टीनेशनल कंपनी में नियमित जॉब करते हैं।

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यह हो सकती है कार्रवाई

- पासपोर्ट एक्ट 1967 के तहत जानकारी छिपाए जाने पर तन्वी उर्फ सादिया और उनके पति को जारी किया गया पासपोर्ट सरेंडर करने की नोटिस दी जाएगी। इस नोटिस प्राप्ति का समय अधिकतम 30 दिन का होगा। नोटिस मिलने के एक सप्ताह के भीतर तन्वी उर्फ सादिया और मोहम्मद अनस सिद्दीकी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। दोनों को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। पासपोर्ट विभाग पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगा सकता है। इसके अलावा दोनों पर आजीवन पासपोर्ट बनाने का प्रतिबंध भी लग सकता है। जानकारी छिपाने के लिए पासपोर्ट विभाग पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करा सकता है।

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यह था मामला

मूल रूप से गोंडा निवासी तन्वी सेठ उर्फ सादिया ने अगस्त 2007 में अमीनाबाद, लखनऊ के रहने वाले मोहम्मद अनस सिद्दीकी से निकाह किया था। इसके लिए तन्वी सेठ ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया था और निकाहनामा में उनका नाम सादिया हो गया था। वह गत 20 जून को पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी के साथ पासपोर्ट कार्यालय पहुंची थीं। पति अनस के पासपोर्ट का जहां रिन्यूवल होना था, वहीं तन्वी सेठ उर्फ सादिया का नया पासपोर्ट बनना था। पासपोर्ट सेवा केंद्र के काउंटर ए और बी की प्रक्रिया के बाद काउंटर सी 5 पर बैठे वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्र ने तन्वी को दूसरा नाम सादिया होने के कारण उपनाम वाले कॉलम में भी टिक करने को कहा था। इस पर तन्वी उर्फ सादिया ने विरोध दर्ज करा दिया था कि वह अपना धर्म परिवर्तन के बाद का नाम नहीं जोड़ेंगी। विकास मिश्र ने उनके नोएडा की कंपनी में जॉब करने और वहां रहने पर भी सवाल किया था। इसके बाद तन्वी उर्फ सादिया ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट करके विकास मिश्र पर धार्मिक टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। इस आरोप पर अगले दिन एक घंटे में तन्वी उर्फ सादिया और उनके पति को गोमतीनगर कार्यालय बुलाकर पासपोर्ट दे दिया गया था। वहीं विकास मिश्र को नोटिस देकर उनका तबादला गोरखपुर कर दिया गया।

वर्जन

पुलिस वेरिफिकेशन की रिपोर्ट में दिए गए हर बिंदु का परीक्षण किया जाएगा। इसके अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी। मैं दिल्ली में हूं और लौटने पर रिपोर्ट देखूंगा। यदि जानकारियों को छिपाए जाने की पुष्टि होती है तो पासपोर्ट रद होगा।

पीयूष वर्मा, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी

वर्जन

पासपोर्ट सत्यापन के लिए जिस पते का आवेदन करते हैं, उस पर आखिरी के एक साल से रहना अनिवार्य होता है, लेकिन जांच में सामने आया है कि तन्वी उर्फ सादिया व उनके पति अनस सिद्दीकी वहां सालभर से नहीं रह रहे थे। छानबीन में उनका पता नोएडा में पाया गया है। रिपोर्ट भेज दी गई है। जो भी कार्रवाई करनी होगी पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारी करेंगे।

- दीपक कुमार, एसएसपी लखनऊ