- 8 महीने पहले खत्म हो चुका है जंक्शन पर मक्खी मारने का ठेका

-मक्खियों की भरमार के चलते यात्रियों को होती है परेशानी

BAREILLY:

बरेली रेलवे जंक्शन पर मक्खियों का आतंक काफी बढ़ गया है। मक्खि्यां मारने के लिए पेस्ट कंट्रोल (पेस्टिसाइट का छिड़काव) नहीं होने के कारण वेटिंग हॉल, प्लेटफार्म और खाने-पीने के लगे स्टॉल पर दिन भर मक्खियां भिनभिनाती रहती हैं। जिससे यात्रियों में मक्खी जनित बीमारियां का खतरा बढ़ गया है। वहीं आसपास हरदम मक्खियां भिनभिनाने से ट्रेन का इंतजार करना यात्रियों के लिए काफी मुश्किल हो जाता है।

नहीं होता है पेस्ट कंट्रोल

मक्खियों को मारने के लिए जंक्शन पर एक भी टाइम पेस्ट कंट्रोल नहीं है। जिसकी वजह से यात्रियों को मक्खियों से निजात नहीं मिल रही है। हालांकि, रेलवे ने दिल्ली की जिस टर्मिनिक्स एसआईएस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को मक्खियों को मारने का ठेका दिया था। लेकिन, कंपनी का ठेका खत्म हुए 8 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। तब से रेलवे ने टेंडर ही नहीं निकाला। जिसकी वजह से समस्या और बढ़ गई है।

कई बार लिखे लेटर

माक्खियों को मारने के लिए मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी राजीव कुमार श्रीवास्तव ने कई बार नॉर्दर्न रेलवे मुरादाबाद डीआरएम ऑफिस को लेटर लिख चुके हैं। लेकिन डीआरएम ऑफिस से अभी तक कोई रिस्पांस नहीं आया है। जबकि, पहले जिस कंपनी का ठेका था वह दिन में तीन समय पेस्ट कंट्रोल करती थी। सुबह, दोपहर और शाम को मक्खियों को मारने के लिए केमिकल का छिड़काव करती थी। लेकिन, ठेका खत्म होने के बाद पिछले 8 महीने से रेलवे अधिकारियों ने इस ओर कोई कदम नहीं उठाया।

बीमार होने का डर

बरेली जंक्शन से रोजाना 200 ट्रेनें अप-डाउन करती हैं। सिर्फ बरेली से ही रोजाना 30 हजार से अधिक यात्री गंतव्य स्थान को जाते-आते हैं। जो कि भूख-प्यास लगने पर स्टॉल से ही पानी और खाने-पीने की चीजें खरीदते हैं। जंक्शन पर भिनभिनाती मक्खियां खाने-पीने की चीजों पर बैठती हैं, जिसे खाने से लोगों को उल्टी, दस्त जैसी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

मक्खियों को मारने के लिए ठेका दिया गया था वह खत्म हो चुका है। नई कंपनी को ठेका देने के लिए डीआरएम ऑफिस को टेंडर निकालने के लिए लेटर लिखा गया है।

राजीव कुमार श्रीवास्तव, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, बरेली जंक्शन