एसडीसी सभागार में तीन दिवसीय पास्टर एंड लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू

विभिन्न चर्चो के बिशप, पुरोहित और पास्टर्स कर रहे हैं शिरकत

RANCHI : अगर परिवर्तन लाना चाहते हैं तो यह कलीसिया से ही संभव है। अच्छे पुलपिट(पादरी)से ही कलीसिया मजबूत होती है। इसके अनुयायी और अगुवा में परिवर्तन लाने की जरूरत है। सोमवार को पुरुलिया रोड स्थित एसडीसी सभागार में शुरु हुए 'पास्टर एंड लीडरशिप' ट्रेनिंग प्रोग्राम में गुड बुक्स के मैनेजिंग ट्रस्टी एके लामा ने ये बातें कही। ऑल चर्चेज कमिटी और गुड बुक्स एजुकेशन ट्रस्ट की ओर से आयोजित किए जा रहे इस प्रोग्राम का समापन बुधवार को होगा। उन्होंने तमाम पास्टर्स से कहा कि मसीही समुदाय पद, प्रतिष्ठा और संसाधनों से नहीं, बल्कि परमेश्वर के वचन से संतुष्ट होता है। जहां परमेश्वर का वचन नहीं है वहां अंधेरा ही अंधेरा रहता है।

समाज में बनाए रखें एकता

जीईएल चर्च के मॉडरेटर जोहन डांग ने कहा कि ईश्वर का पवित्र वचन हमें वरदान के रूप में मिला है। हम तमाम मसीही प्रभु के इन्हीं वचनों का प्रचार-प्रसार करते हैं। रांची महाधर्मप्रांत के बिशप तेलेस्फोर बिलुंग ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि समाज में एकता बनाए रखें। विनम्र भाव से एक दूसरे की बातों को सहन करें। सभी ºीस्तीय समुदाय के लोग एक ही प्रभु, एक ही विश्वास और एक ही बपतिस्मा से बने हैं। सभी का पिता एक है। प्रोग्राम में जीईएल चर्च के बिशप जॉनसन लकड़ा, चर्चेज ऑफ नॉर्थ इंडिया के छोटानागपुर डायसिस के बिशप बीबी बास्के, संत पॉल्स कैथेड्रल के पेरिस प्रीस्ट रेव्ह अरुण बरवा, दिल्ली से आए रिसोर्स पर्सन रिचर्ड मसीह सहित कई मसीही मौजूद थे।