-भाई ने 6 लोगों के खिलाफ नामजद दर्ज कराई रिपोर्ट, हत्यारे फरार

बरेली- कैंट की सदभावना कॉलोनी में हिस्ट्रीशीटर पाताराम की हत्या विवेक जट्टा और बंटू यादव ने अपना वर्चस्व कायम करने के लिए की है। दोनों रिटायर्ड फौजी के बेटे हैं। पाताराम का कुछ महीने पहले इन दोनों से झगड़ा हुआ था, जिसमें पाताराम ने बंटू को अधमरा कर दिया था। स्वर्ण टावर होटल में भी पाताराम का बंटू के दोस्त से झगड़ा हुआ था। इसी का बदला लेने और अपना बर्चस्व बनाने के लिए पाताराम की हत्या कर दी गई। पाताराम के भाई ने विवेक जट्टा, बंटू यादव समेत 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज करायी है, जिसमें दो को हत्या की साजिश के तहत आरोपी बनाया है। पुलिस ने जिस मकान में मर्डर हुआ, उसके मालिक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, लेकिन न तो हत्यारोपी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं और न ही पाताराम की स्कार्पियो मिली है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सीने में 3 और सिर में 2 गोली मारना आया है।

जट्टा और बंटू ने की हत्या

पाताराम के भाई लालाराम ने कैंट थाना में एफआईआर में आरोप लगाया है कि उसके भाई को सदभावना कॉलोनी निवासी हिम्मत सिंह ने फोन करके बुलाया था। वहां पर सदभावना कॉलोनी निवासी बंटू यादव पुत्र श्रीपाल, लक्ष्मीनगर कॉलोनी निवासी विवेक उर्फ जट्टा पुत्र वीरपाल यादव और लखौरा निवासी बंटी ने मिलकर गोली मारकर पाताराम की हत्या कर दी। हत्या की साजिश बारी नगला कैंट निवासी नवल सिंह और छिलौरा निवासी रक्षपाल ने की है। इसमें बंटू और हिम्मत सिंह का घर वारदात स्थल से बिल्कुल पास में है। जट्टा का घर भी पास की कॉलोनी में है।

तो क्या कार में रह गया हथियार

पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर संजय वाल्मीकि व एक अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। संजय वाल्मीकि के मकान में ही पातराम की गोलियों से छलनी कर हत्या की गई थी। संजय ने बताया कि वह दिल्ली से बरेली आया था। जब वह नटराज टॉकिज के पास था, कि तभी उसके किसी परिचित का फोन आया कि पाताराम, हिम्मत की छत से होते हुए, उसके घर में पहुंचा और वहां उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बताया जा रहा है कि पाताराम का तमंचा कार में रहता था। वह बिना तमंचे के पैदल उतरा होगा, जिसके चलते उसे मार दिया गया, वर्ना वह खुद किसी पर फायर कर जान ले लेता।

जनप्रतिनिधि के भाई ने दी सूचना

पाताराम की हत्या की सूचना पुलिस को स्थानीय जनप्रतिनिधि के भाई के जरिए मिली। जनप्रतिनिधि ने इंस्पेक्टर को बताया कि वीरांगना चौक पर पाताराम का मर्डर हो गया है। उस वक्त इंस्पेक्टर वहीं थे, जिस पर उन्होंने मर्डर से इनकार कर दिया। उसके बाद इंस्पेक्टर चौबारी की ओर गए तो वहां पर भी लोगों ने पाताराम की हत्या के बारे में बताया। कुछ देर बाद पाताराम के परिजन मिले, जिसके बाद पुलिस उनके साथ ही मौके पर पहुंची तो वहां उसकी लाश मिली थी।