-बचने के लिए खुद को कमरे में भी किया था बंद

-मेन हत्यारोपी जट्टा और बंटू फरार, 4 हिरासत में

बरेली- जिस कुख्यात अपराधी हिस्ट्रीशीटर पाताराम से लोग खौफ खाते थे, उस पाताराम को अपनी जिंदगी बचानी मुश्किल हो गई। जब उसे बदमाशों ने गोली मारी तो उसने भागकर खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। उसने इसी दौरान अपने भतीजे को भी फोन कर गोली मारने के बारे में बताया, लेकिन बदमाशों के सिर पर खून सवार था। उन्होंने दरवाजा तोड़कर कमरे में घुसकर पाताराम को छलनी कर दिया और फिर उसकी मौत कंफर्म करने के लिए उसे बाहर तक घसीटकर लाए और फिर उसी की कार से फरार हो गए। पुलिस अभी तक मुख्य नामजद हत्यारोपियों विवेक उर्फ जट्टा और बंटू यादव को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पुलिस ने 4 युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, जिसमें दो नामजद होंगे।

6 आरोपी हैं नामजद

बता दें कि बभिया के हिस्ट्रीशीटर पाताराम की फ्राइडे शाम को सदभावना कॉलोनी में संजय दीवान के मकान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दूसरे दिन पाताराम के भाई लालाराम ने विवेक उर्फ जट्टा, बंटू यादव, बंटी, नवल, रक्षपाल और हिम्मत सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है। पुलिस ने बंटी और हिम्मत सिंह और संजय को दूसरे दिन ही हिरासत में ले लिया था। उसके बाद पुलिस ने दो अन्य युवकों को हिरासत में लिया है। पुलिस की अभी तक जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं।

फोन पर सुनी गोलियों की तड़तड़ाहट

पुलिस को गोलियां चलने की सूचना एक जनप्रतिनिधि के द्वारा मिली थी। जब पुलिस ने पूछताछ की और सर्विलांस का सहारा लिया तो सामने आया कि पाताराम के मोबाइल से 5 बजकर 36 मिनट पर उसके भतीजे देवेंद्र को कॉल गई थी। इसी दौरान पाताराम का मर्डर हुआ था। जब पुलिस ने भतीजे देवेंद्र से पूछताछ की तो उसने बताया कि चाचा ने फोन पर कहा था कि उसके गोली लग गई है और वह लाल फाटक के पास है। उसके बाद फोन गिर गया था और गोलियां चलने की आवाजें आयी थीं।

सीसीटीवी फुटेज में दिखी कार

पुलिस को एक बैंक की सीसीटीवी फुटेज भी मिली है, जिसमें पाताराम की कार साढ़े 5 बजे के बाद उमरसिया की ओर जाती नजर आयी है। कार में दो ही परछाई नजर आ रही हैं। दोनों की मोबाइल की लास्ट लोकेशन बदायूं रोड पर निकली है। उसके बाद दोनों के फोन स्विच ऑफ जा रहे हैं। पुलिस जांच में आया है कि वह बदायूं या शाहजहांपुर में छिपे हो सकते हैं। वह कार क्यों लेकर गए हैं, इसका भी पता नहीं चल सका है। क्या कार में रुपए थे या फिर कोई और सामान था।

अकाउंट में रुपए ट्रांसफर कराने का प्रयास

पुलिस की जांच में आया कि जट्टा ने मोहल्ले के एक रिटायर्ड फौजी के बेटे को फोन किया था। वह युवक बरेली कॉलेज से बीए का स्टूडेंट है। जट्टा ने उससे मोहल्ले के एक दुकानदार से बात कराने के लिए बोला था। उसने दुकानदार से बात कराई थी और दुकानदार ने उसे 10 हजार रुपए दिए थे। जट्टा उस युवक से कहा था कि वह रुपए उसके अकाउंट में किसी तरह से ट्रांसफर कर दे। पुलिस ने युवक व उसके एक अन्य दोस्त को पूछताछ के लिए उठा लिया है।

आखिर बुलेट क्यों फेंकी गई

पुलिस की जांच में आया कि पातराम को 6 गोलियां मारी गई थीं और पुलिस को मौके से 5 बुलेट भी मिली थीं, लेकिन यह बुलेट अलग-अलग जगह पर पड़ी थीं, ऐसे में पुलिस को समझ नहीं आ रहा है कि यह बुलेट वहां कैसे पहुंची। इसके पीछे क्या मकसद है।