- अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज को खर्चा जानने का है अधिकार

- कई बार अस्पताल प्रशासन बिल न देने पर मरीज को नहीं करते डिस्चार्ज

Meerut। कई अस्पताल बिलिंग को लेकर मरीज को बंधक बना लेते हैं। इसको लेकर कई बार अस्पताल में तोड़फोड़ हंगामा जैसी घटना होती हैं। लेकिन बिलिंग को लेकर डॉक्टर मरीज को बंधक नहीं बना सकते हैं। मरीज को अपने इलाज व खर्च की जानकारी लेने का अधिकार हैं। यदि कोई डॉक्टर इसकी सूचना नहीं देता है मरीज उसकी शिकायत डीएम अथवा सीएमओ से कर सकता है।

उपचार मरीज का अधिकार

उपचार मरीज का जन्मसिद्ध अधिकार है। लिहाजा किसी भी मरीज को डॉक्टर बंधक नहीं बना सकता है। मरीज के पास इलाज का खर्च है या नहीं, पर वह इलाज करा सकता है। डॉक्टर इस बात पर मरीज को इलाज करने से इंकार नहीं कर सकता है।

यह है अधिकार

- मरीज का इलाज के दौरान प्रतिदिन का खर्चा जानने का अधिकार है।

- बॉम्बे हाईकोर्ट ने बंधक बनाने को गैर कानून कारावास बताया है

- बिल में किसी प्रकार की असहमति होने पर मरीज को शव या फिर बाहर जाने से नहीं रोक सकते।

- मरीज के इलाज व खर्च की जानकारी लिखी होनी चाहिए।

- इससे मरीज को इलाज व खर्च को जाने में आसानी होगी।

- अस्पताल प्रशासन यदि ऐसी कोई बात करता है तो उसकी शिकायत मरीज डीएम अथवा सीएमओ से कर सकता है।

वर्जन

कहीं पर ऐसा नियम नहीं है कि मरीज के बिलिंग न करने पर उसको बंधक बनाया जाए। यदि कोई ऐसा करता है तो गलत बात है। इलाज कराना मरीज का अधिकार है। अस्पताल प्रशासन की डयूटी है कि वह मरीज को प्रतिदिन के खर्च के बारे में बताए।

डॉ। वाईपी सिंह सीएमओ