RANCHI: सरकार रिम्स को राज्य के प्राइवेट हॉस्पिटलों से आगे ले जाना चाहती है ताकि मरीजों को वहीं पर सारी सुविधाएं मिल जाएं। वहीं इलाज के लिए उन्हें अन्य राज्यों का रुख न करना पड़े। लेकिन यहां तो लाख कोशिशों के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। अब मेडिसीन वार्ड में एडमिट एक मरीज की किसी ने 14 घंटे सुध नहीं ली। इस चक्कर में मरीज की मौत हो गई। यह आरोप परिजनों ने ड्यूटी में तैनात नर्स के खिलाफ लगाया है। वहीं इस मामले में प्रबंधन से लिखित कंप्लेन भी की गई है। इतना ही नहीं, परिजन इस मामले को लेकर प्राइम मिनिस्टर आफिस में भी कंप्लेन करने की तैयारी में हैं। हालांकि, घटना की जानकारी मिलने के बाद डीएस संजय कुमार वार्ड पहुंचे और मामले को सुलझाने का प्रयास किया।

कार्डियो से मेडिसीन में शिफ्ट

प्रह्लाद महथा को पिछले शनिवार को कार्डियोलॉजी में इलाज के लिए एडमिट कराया गया था। जहां से इलाज कराने के बाद डॉक्टर ने उन्हें लीवर की समस्या बताते हुए मेडिसीन वार्ड में इलाज के लिए रेफर कर दिया। 23 फरवरी को उन्हें डॉ उमेश प्रसाद की यूनिट में एडमिट कर दिया गया। जहां डॉक्टरों ने इलाज शुरू करने को कहा। इसके बाद परिजन शनिवार शाम 6 बजे से ही ड्यूटी नर्स के पास चक्कर लगाते रहे, लेकिन उन्होंने परिजनों की एक न सुनी। वहीं बार-बार जाने पर परिजनों से नर्स ने यहां तक कह डाला कि वार्ड में और भी मरीज हैं।

परिजन लगाते रहे गुहार, नहीं पसीजा नर्स का दिल

परिजन अभिनव की मानें तो ड्यूटी में तैनात नर्स का बिहेवियर भी गलत था। जब डॉक्टर थे तो उनका बिहेवियर ठीक था। लेकिन डॉक्टर के जाते ही वह खुद मालकिन बन गई। इसके बाद तो हमलोग बार-बार मरीज को देखने की मिन्नत करते रहे। लेकिन ड्यूटी में तैनात नर्स का दिल नहीं पसीजा। वहीं रविवार सुबह भी नर्स देखने तक नहीं आई। इस बीच सुबह 8 बजे उसकी मौत हो गई।