- पूर्वाचल के इकलौते मेडिकल कॉलेज बीआरडी का हाल

- सिर्फ यहीं होता है जापानी इंसेफेलाइटिस का इलाज

- दूषित पानी के चलते ही होती है जापानी इंसेफेलाइटिस की बीमारी

-इंसेफेलाइटिस व अन्य बीमारी के गंभीर मरीज भर्ती हैं।

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में शुद्ध पेयजल का संकट उत्पन्न हो गया है। इसी का नतीजा है कि पानी के लिए मरीज के साथ आए तीमारदार व अन्य लोगों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। यहां की स्थिति से वाकिफ हेल्थ एंप्लाइज और मरीज पेयजल से परहेज करते हैं। ट्रामा सेंटर के बाहर लगी पानी की टोटियां टूट चुकी है। जहां उसे पेशाब का अड्डा बन गया है। जहां एक व्यक्ति इत्मीनान से पेशाब कर रहा था, लेकिन उसे बोलने वाला कोई नहीं था। वहीं अन्य स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था है लेकिन वहां गंदगी का अंबार लगा है। मेडिकल कॉलेज के वॉटर कूलर पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। इससे पानी ठंडा नहीं निकलता है। यह दिखावे के लिए रखा गया है। मगर यह सच है कि व्यवस्था में जबरदस्त खोट है। साथ ही करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी इस वार्ड में अलग से अव्वल दर्जे का फिल्टर नहीं लग पाया है।

पानी से उठती है बदबू

मेडिकल कॉलेज में शुद्ध पेय जल की व्यवस्था नहीं है। जहां फिल्टर लगे है वहा नीचे पसरी गंदगी बीमार बनाने के लिए काफी है। यही नहीं वाटर कूलरों पर काई की मोटी परत जमी हुई है। अधिकतर तीमारदार का कहना है कि पानी से बदबू भी आती है। ट्रामा सेंटर के बाहर और पर्ची काउंटर के पास पीने के पानी की बनी टकियों का उचित रख-रखाव नहीं होने के नाते उसमें लगी टोटियां गायब हो चुकी है।

कहां से मिलेगा पानी

ट्रामा सेंटर से 50 वर्षीय एक महिला पानी के लिए इधर-उधर भटक रही थी। इस बीच वह रास्ते में रोककर पूछा कि बाबू पीने का पानी कहा मिलेगा। गर्मी व तेज धूप की वजह से उसका चेहरा लाल था। पानी के बिना गला सुख रहा था लेकिन उसे पेयजल की समस्या से घंटों जूझना पड़ा। इसके बाद वह थकहार कर रेस्टोरेंट की ओर रुख कर लिया। इसके बाद यहां पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई।

फैली है गंदगी

इंसेफेलाइटिस व अन्य बीमारी के गंभीर मरीज भर्ती हैं। देखा जाए तो एडमिट मरीज व तीमारदार के लिए कॉलेज कैंपस में तीन वाटर फिल्टर लगे हैं। एक गार्जियन फार्मेसी के ठीक बाहर, दूसरी पर्ची काउंटर के पास और तीसरी रैन बसेरा के पास के वॉटर कूलर के आसपास नीचे फैली गंदगी की वजह से खड़ा होना मुश्किल हो जाता है।

पीने के पानी का जिस स्थान पर व्यवस्था की गई है। उन जगह पर टूटी हुई टोटियों को तत्काल बदलवाया जाएगा। साथ ही पुराने वाट कूलर के स्थान पर नये वॉटर कूलर लगवाए जाएंगे। जिससे मरीजों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा सके। इसके लिए जिम्मेदार से बात कर ली गई है। जल्द से जल्द समस्या दूर कर ली जाएगी।

डॉ। एमक्यू बेग, एसआईसी नेहरू चिकित्सालय