- टाटा वार्ड में पेशेंट को खाने के लिए मिलता है सड़ा फल

- वार्ड व उसके आस-पास लगा है गंदगी का अंबार

- बेड पर चलते रहते हैं कॉकरोच, कोई सुनने को तैयार नहीं

PATNA: टाटा वार्ड में हालत ऐसी है कि पेशेंट इलाज के दौरान और भी बीमार हो जाएंगे। पेशेंट को खाने में खराब सड़े फल दिया जा रहा है और वार्ड में गंदगी इतनी कि पेशेंट और उनके रिलेटिव परेशान हैं। दूसरी ओर, स्ट्राइक के कारण डॉक्टर को बुलाकर लाना पड़ रहा है। फतुहा से आई 70 साल की पेशेंट देवंती देवी को सांस की तकलीफ है और ब्ल्ड की कमी है। उनके बेड के आस-पास गंदगी पसरा हुआ है। वार्ड के गेट के पास ही एक बड़ा कूड़ादान रखा है, जिसकी दुर्गध से सब परेशान हैं। उनके बेटे उमा शंकर प्रसाद ने बताया कि हमने यहां के अधिकारियों से इसकी शिकायत की, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। मैं जब से यहां आया हूं, परेशान ही हूं।

चावल-दाल भी घटिया

मेडिकल सुपरिटेंडेंट के तमाम वादों के बावजूद यहां स्थिति बद से बदतर है। पेशेंट को हर दिन फल मिलता है, लेकिन कोई खाने लायक नहीं रहता है। यही वजह है कि यहां पेशेंट के रिलेटिव को बाहर से फल व खाने का सामान लाना पड़ता है। आई नेक्स्ट ने पड़ताल में पाया कि अगर किसी के साथ कोई नहीं है, तो भी वह फल को खाने की बजाय फेंक रहा है। दूसरी ओर, पेशेंट या रिलेटिव के लिए दिया जाने वाला खाना चावल, दाल भी बेहद घटिया किस्म का होता है।

खाना मत खाइए, खराब है

पूर्णिया से आए कुमुद रंजन से बताया कि वाइफ का लीवर खराब है। यहां तो हद है खाना देने वाला ही कहता है कि खाना मत खाइए। वही दे रहा है और वही ऐसा कहता भी है। आखिर इलाज का मतलब गंदगी में रहना तो नहीं है। हमने कहा कि पेशेंट अंडा नहीं खाती है, तो उसने कहा कि यहां दूध वगैरह नहीं मिलेगा आपको।

हमने यहां के अधिकारियों से इसकी कंप्लेन की, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। डॉक्टर भी समय पर नहीं आते हैं। मां को दूसरी जगह इलाज कराउंगा।

-उमाशंकर प्रसाद, फतुहा

यहां गंदगी और बदबू जबरदस्त है। वार्ड से सटे टॉयलेट से कॉकरोच पेशेंट के बेड़ तक आ जाते हैं। अगर पता होता औरंगाबाद में ही मां का इलाज करा लेता।

अखिलेश कुमार, औरंगाबाद