- KGMU में पिछले दो महीने से चल रही जीवन रक्षक दवाओं की कमी

- मुफ्त में मिलने वाली दवाएं भी बाहर से खरीद रहे मरीज

- समय से नहीं हो पाई मेडिसिन परचेज कमेटी की बैठक

LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के मरीजों पर दवाओं की कमी भारी पड़ रही है। ट्रॉमा सेंटर से लेकर मेडिसिन, सर्जरी, पल्मोनरी मेडिसिन, क्वीनमेरी तक में जीवन रक्षक दवाओं का पिछले दो महीने से चल रहा अकाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। रेजीडेंट डॉक्टर सभी मरीजों के परिजनों को पर्ची थमाकर बाहर से दवा लाने को कहा रहे हैं। जो दवा नहीं लाया उसका इलाज मुश्किल हो रहा है। यह स्थिति एक दो नहीं पिछले दो माह से जारी है। फिर भी केजीएमयू प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।

रोज हो रहा झगड़ा

केजीएमयू के मेडिसिन विभाग और आर्थोपेडिक व सर्जरी विभाग में रोजाना मरीजों का रेजीडेंट डॉक्टर्स के साथ झगड़ा हो रहा है। मेडिसिन में दो दिन पहले एक मरीज के अटेंडेंट ने सत्ता की पहुंच का हवाला देते हुए सरकारी सप्लाई में आने वाली दवा की मांग की और न देने पर रेजीडेंट डॉक्टर्स पर दवा चोरी करने और मुख्यमंत्री शिकायत की भी धमकी दी। दो रेजीडेंट्स के साथ उनकी हाथापाई भी हुई, लेकिन डॉक्टर्स कुछ नहीं कर सके क्योंकि सप्लाई में दवाएं ही नहीं आ रही हैं।

मेडिसिन डिपार्टमेंट का भी बुरा हाल

सीरियस पेशेंट्स वाले डिपार्टमेंट मेडिसिन में जीवन रक्षक दवाएं पिछले दो महीने से गायब हैं। यही हाल सर्जरी, पल्मोनरी मेडिसिन, आर्थोपेडिक्स, पीडियाट्रिक्स का है। मरीजों को सामान्य दवाएं भी बाहर से लानी पड़ रही हैं। इन डिपार्टमेंट में डिपार्टमेंट में भी डॉक्टर बेसिक एंटीबायोटिक्स सेफ्ट्रीक्जोन, एम्पिसिलीन, मेट्रनिडाजोल, पिप्रासिलीन, लेसिक, सिप्रोफ्लोजिन को भी बाहर से मंगा रहे हैं। यही नहीं आईवी फ्ल्यूड, पैरासीटामाल इंजेक्शन, पेन किलर्स और इमरजेंसी ड्रग्स जैसे डोपामीन, नार एड्रिनलिन, एट्रोपिन के साथ ही अन्य जरुरी दवाएं मरीजों को नहीं दी जा रही है।

दो महीने से नहीं हो रही सप्लाई

दरअसल, केजीएमयू में पिछले दो महीनों से एंटीबायोटिक सहित अन्य जरुरी दवाओं की सप्लाई ही नहीं की जा रही है। विभागों से रोजाना भेजे जा रहे इंडेंट में नॉट अवेलेबल लिखकर वापस कर दिया जा रहा है। इसकी शिकायत कई बार सीएमएस से विभिन्न विभागाध्यक्षों ने की लेकिन हालत जस की तस है।

सभी विभागों में किल्लत

मेडिसिन से लेकर पल्मोनरी मेडिसिन, सर्जरी, क्वीनमेरी लगभग सभी विभागों में दवाओं की किल्लत जारी है। न्यूरोलॉजी विभाग के एक रेजीडेंट की मानें तो स्टोर से क्00 टेबलेट्स के लिए इंडेंट भेजा जाता है, जबकि आते भ् या क्0 हैं। यही दवा मरीजों को दी जाती है। जिन मरीजों को दवा नहीं मिल पाती उनके लिए बाहर से दवा मंगाना मजबूरी है।

नहीं हो रही आपूर्ति

केजीएमयू के सूत्रों की मानें तो मेडिसिन सप्लायर्स दवाएं ही नहीं सप्लाई कर रहे हैं। जिसके कारण एक दो दिनों में समस्या और अधिक बढ़ सकती है। हॉस्पिटल प्रशासन की इसमें सबसे अधिक लापरवाही है सबय से परचेज कमेटी की न तो बैठक हुई और नही आर्डर कि गए। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। सबसे अधिक समस्या एंटीबायोटिक दवाओं की है। पिछले स्टाक में जो था उसी में से सभी विभागों को थोड़ी थोड़ी दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

दवाओं की कोई किल्लत नहीं है। सभी मरीजों को दवाएं दी जा रही हैं।

- प्रो। एससी तिवारी,

सीएमएस, केजीएमयू।