RANCHI: रिम्स में मरीजों की डायट पर डाका डालने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पहले कम भोजन व सड़ा-गला फल परोसने का मामला और अब तो स्टाफ दूध भी लेकर अपने घर जा रहे है। जी हां, मरीज का दूध बोतल में भर कर स्टाफ घर ले जा रहे हैं। मामले में डीएस डॉ वसुंधरा ने जांच करने की बात कही है।

वार्ड से पहले खेल

हास्पिटल के किचन स्टोर में सुबह-सुबह फल और दूध की डिलीवरी होती है। दूध और फलों का वजन करने के बाद ही वार्ड में मरीजों को बांटने के लिए भेजा जाता है। लेकिन, इससे पहले ही स्टाफ बोतलों में दूध भरकर रख लेते हैं। इसके बाद वार्ड जाने के दौरान इसे लेकर अपने परिजनों या अन्य किसी के हाथों घर भेज रहे हैं। किसी को भनक तक नहीं लग रही।

डीएस को जाता है सैंपल

किचन से हर दिन मरीजों को दिए जाने वाले नाश्ता व खाना का सैंपल डीएस के पास भेजा जाता है। लेकिन मरीजों को दिए जाने वाले नाश्ता और खाना उस सैंपल से बिल्कुल अलग होता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से हास्पिटल में मरीजों के निवाले पर डाका डाला जा रहा है। ऐसे में रिम्स प्रबंधन अगर किचन में और स्टोर में सीसीटीवी लगा देता है, तो किचन में होने वाली चोरियों पर रोक लगाई जा सकती है। साथ ही किचन में हर एक्टिविटी पर भी नजर रखी जा सकेगी।

क्या कहते हैं मरीज

हमलोगों को तो इस बारे में जानाकारी नहीं है कि कितना नाश्ता और क्या खाना मिलेगा। जो मिल जाता है, वो रख लेते हैं। अब हर चीज के लिए लड़ाई तो नहीं कर सकते न।

सरजू

इलाज के लिए आए हैं, तो कुछ भी कहना ठीक नहीं लगता। स्टाफ जो देते है, वह मरीज को खिला देते हैं। लेकिन दूध कम मिल रहा है। अब इसके लिए भी किचकिच करना अच्छा नहीं लगता।

संजू

अब सरकारी हास्पिटल में मरीज का इलाज हो जाए, वही बहुत है। चूंकि इलाज में काफी खर्च हो जाता है। इन सबके अलावा खाना भी मिलता है, तो ठीक ही है।

राजेंद्र

रात में भी चावल

किचन में रोटी बनाने वाली मशीन पिछले कई दिनों से खराब है। इस वजह से केवल डायबिटीज के मरीजों के लिए ही रोटी बनाई जा रही है। बाकी के मरीजों को रात में भी खाने में चावल ही परोसा जा रहा है। ऐसे में मरीज मजबूरी में चावल खा रहे हैं। लेकिन इससे प्रबंधन को कोई लेना-देना नहीं है। बताते चलें कि हास्पिटल में फिलहाल क्क्00 मरीज भर्ती हैं, उनमें से केवल क्00 मरीजों के लिए ही रोटी बनाई जा रही है।

स्टाफ खराब कर रहे मशीन

किचन में रोटी मशीन खराब पर डायटीशियन मिनाक्षी का कहना है कि मशीन की हमेशा सर्विसिंग होती रहती है। ऐसे में मशीन को खराब करने में स्टाफ्स की मिली भगत है। ये लोग रोटी वाली प्लेट खराब कर देते हैं, तो कभी उस पर रोटी की जगह पत्थर रख देते हैं। इससे मशीन खराब हो जाती है। कई बार तो ये लोग रात में मशीन को चालू करके छोड़ भी देते हैं। इस वजह से भी मशीन में प्रॉब्लम हो जाती है।