Disease ने फैलाया पैर

इनकी जगह अब डायबिटीज, हार्ट डिजीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे लाइफस्टाइल रिलेटेड डिजीज ले रहे हैं। पिछले कुछ सालों के दौरान सिटी में भी इन डिजीज ने तेजी से अपना पैर फैलाया है।

Change हो रही बीमारियां
2001 के दौरान कंट्री के टोटल बर्डेन ऑफ डिजीज में टीबी, डायरिया, एड्स, चाइल्डहुड डिजीज, मलेरिया और अन्य वेक्टर बोर्न डिजीज का करीब 20 परसेंट शेयर था पर अब ये बर्डेन लाइफस्टाइल रिलेटेड डिजीज पर शिफ्ट होने लगे हैं। कार्डियोवस्कुलर डिजीज, कैंसर, डायबिटीज जैसी बीमारियां अब लाइफ के लिए सबसे बड़ा थ्रेट बनने लगी है। हाल ही में जारी किए गए ग्लोबल डिजीज बर्डेन स्टडी के अनुसार 1990 में जहां हाई ब्लड प्रेशर टॉप टेन किलर्स की लिस्ट में फोर्थ प्लेस पर आता था वहीं 2010 में यह लिस्ट में दूसरे स्थान पर आ गया है।

Heart disease बन रहा खतरा
2001 में कार्डियोवस्कुलर डिजीज का कंट्री के टोटल बर्डेन ऑफ डिजीज में 10 परसेंट शेयर था पर आज ये सबसे तेजी से फैलती जा रही डिजीज बन गई है। ब्रह्मïानंद हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ परवेज आलम ने बताया कि 2015 में वल्र्ड के वन थर्ड हार्ट पेशेंट इंडिया में होंगे वही 2020 में वल्र्ड के आधे हार्ट पेशेंट हमारे देश में होंगे। उन्होंने बताया कि सिटी में भी हार्ट पेशेंट्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल के ओपीडी में हर महीने 16 से 17 सौ पेशेंट आ रहे हैं।

Young generation पर है risk
डॉ परवेज आलम ने बताया कि हार्ट डिजीज का सबसे ज्यादा रिस्क यंगस्टर्स में है। कंडीशन इतनी वर्स हो रही है की यंग एज के लोगों को बायपास सर्जरी जैसे ट्रीटमेंट से गुजरना पड़ रहा है। डॉ परवेज आलम ने हाल ही में सिटी में एक 28 वर्षीय युवक की बायपास सर्जरी की। उन्होंने कहा कि हार्ट डिजीज के टोटल पेशेंट्स में करीब 40 परसेंट यूथ हैं।

Diabetes बन रहा epidemic
लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों में डायबिटीज सबसे आगे है। आईसीएमआर के एक सर्वे के अनुसार स्टेट में करीब एक मिलियन लोग डायबिटीज की प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं, वहीं 1.5 मिलीयन लोग प्री-डायबिटीक डिसऑर्डर के शिकार है। फिजीशियन डॉ अशोक ने बताया कि पिछले कुछ सालों में सिटी में भी डायबिटीज पेशेंट्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। करीब 40 परसेंट हार्ट डिजीज के केसेज के जिम्मेदार भी डायबिटीज होती है।

Worse हो रही condition
डायबिटीज, आइसेमिक हार्ट डिजीज (आइएचडी), हायपरटेंशन, कैंसर और स्ट्रोक डिजीज कंट्री में होने वाले 42 परसेंट डेथ्स की वजह बनती है। हेल्थ डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक प्रति एक हजार आबादी में डायबिटीज का प्रिविलेंस 62.47 है, वहीं आइएचडी, हायपरटेंशन और स्ट्रोक का प्रिविलेंस 37, 159.46 और 1.54 है। देश में कैंसर के भी करीब 25 लाख मामले हैं।

इनसे बचना जरूरी है
तेजी से बढ़ रहे इन बीमारियों के लिए डॉक्टर लाइफस्टाइल को जिम्मेदार ठहरा रहे हंै। डॉ परवेज आलम ने कहा कि हार्ट डिजीज के      ज्यादातर मामलों में अनहेल्दी डायट, फिजीकल एक्टिविटी की कमी और मेंटल स्ट्रेस मेन रीजन है। डॉ अशोक ने कहा कि जंक फूड, स्मोकिंग और अल्कोहल के बढ़ते इस्तेमाल ने कंडीशन को और भी वर्स कर दिया है।

'हार्ड डिजीज बड़ी प्रॉब्लम बनती जा रही है। 40 परसेंट पेशेंट्स यूथ हैैं। इसकी सबसे बड़ी वजह अनहेल्दी लाइफस्टाइल है.'
-डॉ परवेज आलम, कार्डियोलॉजिस्ट, ब्रह्मïानंद हॉस्पिटल

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in