- जिला अस्पताल में न कूलर न एसी, पंखे दे रहे गर्म हवा

- भीषण गर्मी में मरीजों की बढ़ी परेशानी

- वार्ड के बरामदे में भर्ती मरीजों को सिर्फ हाथ के पंखे का सहारा

GORAKHPUR: गर्मी का पारा चढ़ते ही जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों की परेशानी भी बढ़ गई है. 43 डिग्री के आसपास पहुंचे टेंप्रेचर के बीच अस्पताल के इमरजेंसी, मेल, फीमेल, आर्थो वार्ड में कूलर व एसी की व्यवस्था नहीं होने से भर्ती मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वार्डो में लगे पंखे गर्म हवा फेंक रहे हैं तो वहीं बरामदे में भर्ती 20 से 30 मरीजों को गर्म हवा परेशान कर रही है. जिला अस्पताल प्रशासन की ओर से गर्मी से राहत दिलाने के लिए वार्डो में कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं. कुछ पंखे लगे हैं तो वह भी दुरुस्त तक नहीं कराए गए हैं जिसके चलते मरीज व तीमारदार गर्मी झेलने को मजबूर हैं.

305 बेड वाले जिला अस्पताल में रोजाना 2000 से 2500 मरीजों की ओपीडी होती है. वहीं 100-150 मरीज प्रतिदिन भर्ती किए जा रहे हैं. अस्पताल के इमरजेंसी, मेल, फीमेल आर्थो वार्ड, न्यू बिल्डिंग के मेडिसीन वार्ड, चिल्ड्रेन वार्ड, सर्जिकल वार्ड में कूलर और एसी नहीं लगाए गए हैं. वार्डो में सीधे गर्म हवा पहुंच रही है. इस दशा में भर्ती मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. जबकि पिछले साल डीएम द्वारा वार्डो का मुआयाना किया गया था और एसी व कूलर की व्यवस्था करने की बात की गई. खुली खिड़कियों में शीशा लगाने के लिए भी कहा गया था लेकिन समय बीतने के साथ अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं की जा सकी है. अन्य वार्डो में कूलर की व्यवस्था नहीं करने से यहां पर भर्ती मरीजों को भीषण गर्मी के बीच हीटस्ट्रोक होने का खतरा मंडरा रहा है.

बर्न वार्ड में लगे एसी भी नहीं कर रहे काम

जिला अस्पताल के बर्न वार्ड में लगे सभी एसी चालू तो हैं लेकिन हवा के नाम पर शोपीस बने हुए हैं. ठंडी हवा नहीं देने से इससे मरीजों को राहत नहीं मिल रही है. भीषण गर्मी के बीच एसी लगे होने के बाद भी मरीजों की सांसत बढ़ी हुई है.

कोट्स

दोपहर 12 बजे के बाद तो यहां पंखे इतनी गर्म हवा फेंकते हैं कि अस्पताल में ठहरना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में गर्मी के मौसम को देखते हुए अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम नहीं किया गया है.

- शर्मीली, खोराबार

सुबह 9 बजे से तेज गर्मी शुरू हो जाती है. इसके बाद शाम तक गर्मी के चलते वार्ड में मरीजों को परेशानी होती है. कूलर और एसी की व्यवस्था नहीं होने की वजह से मरीजों को दिनभर गर्म हवा का सामना करना पड़ता है.

- विजय कुमार, बड़हलगंज

यहां पर पंखे लगे हुए हैं लेकिन दोपहर में गर्म हवा के चलते मरीजों को काफी दिक्कत होती है. पसीने से मरीज बेहाल हो जाते हैं तो खिड़की के पास बैठ जाते हैं फिर भी गर्मी से छुटकारा नहीं मिलता.

- धर्मेद्र, खजनी

वार्ड में चारों तरफ से खिड़कियां खुली हुई हैं. जो पंखे लगाए गए हैं वह एक बेड छोड़ कर लगे हुए हैं. दोपहर होते ही गर्म हवा आने लगती है. हाथ का पंखा ही सहारा बनता है.

- सुरेश निषाद, खजनी

वर्जन

अस्पताल के वार्डो में कूलर और एसी लगाने के लिए इंजीनियर को प्रस्ताव बनाने के लिए निर्देश दिया गया था. लेकिन आचार संहिता की वजह से काम रुक गया है. जल्द ही प्रपोजल बनाकर शासन को भेजा जाएगा. हाल में ही पंखों को ठीक कराया गया है. जो बेकार हो चुके हैं उन्हें बदला जाएगा.

- डॉ. आरके गुप्ता, एसआईसी, जिला अस्पताल