तेजी से बढ़ रहे हैं दिमागी टीबी के मरीज, डॉक्टरों ने दी होशियार रहने की सलाह

गर्मी में फैलता है संक्रमण, बच्चों को बचाकर रखना जरूरी

ALLAHABAD: गर्मी का मौसम आते ही मासूमों की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। पीलिया, डायरिया, वायरल फीवर के अलावा अब दिमागी टीबी ने बच्चों को चपेट में लेना शुरू कर दिया है। चिल्ड्रेन हॉस्पिटल समेत शहर के तमाम हॉस्पिटल्स में इस बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। डॉक्टरों ने इस मौसम में बच्चों को संक्रमण से बचाने की सलाह दी है। उनका कहना है कि मरीजों से मासूमों को दूर रखने में ही भलाई है। खासकर शुरुआती लक्षणों की जानकारी होना बेहद जरूरी है।

ग्रामीण और मलिन बस्तियों में अधिक चांसेज

गर्मी का मौसम आते ही तमाम खतरनाक बीमारियां बाहे फैलाए सामने नजर आने लगती हैं। इनमें से खतरनाक बीमारियों में एक दिमागी टीबी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इस बीमारी में तेज बुखार के साथ बच्चा बेहोश होने लगता है और हालत गंभीर हो जाती है। शुरुआत में माता-पिता बीमारी की गंभीरता को समझ नही पाते और बाद में इलाज कठिन हो जाता है। ग्रामीण इलाकों समेत शहर की मलिन बस्तियों में इस बीमारी के फैलने के अधिक चांसेज होते हैं। डॉक्टर कहते हैं कि कमजोर, कम वजन और कुपोषित बच्चों में दिमागी टीबी का संक्रमण तेजी से फैलता है। इसलिए इलाज के साथ अच्छे खानपान की भी जरूरत होती है।

लंबे बुखार को मत करिए नजरअंदाज

करेली की रहने वाली चार साल की नाजिया को पिछले दस दिनों से बुखार आ रहा था। माता-पिता ने पड़ोस के झोलाछाप डॉक्टर से दवा लेकर उसे खिलाई। इससे उसे हल्का आराम हुआ। लेकिन फिर तेज बुखार ने बच्ची को अपनी चपेट में ले लिया। उसे नजदीक के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जांच में पता चला कि उसे दिमागी टीबी हुई है। उसका इलाज चल रहा है। वहीं कोरांव का छह साल का विवेक भी दिमागी टीबी से ग्रसित हो चुका है। चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में इस बीमारी से आधा दर्जन बच्चे भर्ती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी का संक्रमण तेजी से फैलता है। बच्चों को बीमार व्यक्तियों से दूर रखने में ही भलाई है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण बच्चों में यह बीमारी फेफड़े और रक्त से होते हुए शरीर के विभिन्न अंगों खासकर सीधे दिमाग में फैल जाती है। दिमागी टीबी से पीडि़त बच्चे में मंदबुद्धि, बहरा होने, अंधा होने अथवा अन्य अंगों से कमजोर होने का खतरा बढ़ जाता है। गर्मी में बच्चों में डिहाइड्रेशन व बुखार आदि की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चा कमजोर हो जाता है और उसकी प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने लगती है।

लक्षण और बचाव

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- 15 दिन से तेज बुखार आ रहा है तो बच्चे की तत्काल जांच कराएं।

- बच्चों को साफ और घर का बना भोजन दें। बाजार की वस्तुओं से उसे दूर रखें।

- पीने का पानी शुद्ध होना चाहिए। नल से आने वाले पानी को उबालकर ही पीने को दें।

- अगर बच्चे का वजन तेजी से कम हो रहा है तो उसकी जांच कराएं।

- पैदा होने के एक साल के अंदर बच्चे को बीसीजी का टीका अवश्य लगवाएं। इससे टीबी का खतरा कम हो जाता है।

-टीका लगवाने के कुछ दिनों बाद यदि बांह में निशान न दिखाई दे तो दोबारा टीका लगवाएं।

गर्मी का मौसम बच्चों के लिए कई संक्रमित बीमारियों की सौगात लेकर आता है। ऐसे में माता-पिता को होशियार हो जाना चाहिए। अगर लंबे समय तक बुखार आ रहा है तो बच्चे की जांच अवश्य कराएं। टीबी के कीटाणु खून के जरिए दिमाग में पहुंचकर उसकी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।

डॉ। मनीष राज चौरसिया, चाइल्ड स्पेशलिस्ट