विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर कोर्ट ने उठाए सवाल

PATNA: एक्स सीएम नीतीश कुमार और उनके चहेतों को पटना हाईकोर्ट के आदेश से बड़ा झटका लगा है। जेडीयू एमएलए राजेश्वर राज की पीआईएल पर हाईकोर्ट ने कहा है कि जब सीएम जीतन राम मांझी मौजूद हैं, तो ऐसे में विधायक दल के नेता के रूप में नीतीश कुमार को मान्यता देना गलत है। सीएम जीतन राम मांझी के समर्थकों व काराकाट से एमएलए राजेश्वर राज ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुने जाने को चुनौती दी थी। इसमें कहा गया था कि नीतीश कुमार दोबारा विधायक दल के नेता नहीं चुने जा सकते हैं। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार केवल सीएम को है। कोर्ट ने मामले में क्8 फरवरी तक स्टे लगा दिया है।

हाइकोर्ट का ऑर्डर आने दीजिए। मैंने अभी नहीं देखा है।

केशरीनाथ त्रिपाठी, गवर्नर, बिहार

अदालत के फैसले पर कुछ नहीं कहूंगा, पर पार्टी संविधान में अध्यक्ष को हर तरह का प्रावधान है।

शरद यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

विधानसभा की कार्यवाही कार्य संचालन नियमावली व संविधान से चलती है और विधानसभा ने संवैधानिक नियम से निर्णय लिया है । मैंने पूर्ण रूप से सही निर्णय लिया है।

उदय नारायण चौधरी, अध्यक्ष, विधानसभा

हाईकोर्ट के आदेश से संविधान की रक्षा हुई है। नीतीश कुमार ने हमेशा उदय नारायण चौधरी की कुर्सी का इस्तेमाल किया है।

मंगल पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीयू