अभी पिछले ढाई महीनों की बात करें तो पटना में ही कई लाशें बिछी हैं जो कहीं न कहीं गैंगवार या वर्चस्व कायम करने का नतीजा है। पांच मार्च को ही राजीव नगर इलाके में कुएं में एक लाश मिली। उसके सिर पर बुरी तरह चोट के जख्म थे। पुलिस ने पड़ताल शुरू की आखिरकार नौ मार्च को उसकी पहचान कुख्यात अपराधी रौशन के रूप में हुई। पुलिस ने भी माना कि यह आपसी गैंगवार का नतीजा था जिसमें माल के बंटवारे को लेकर रौशन की हत्या की गयी.

फेंक जाते हैं लाशें
इधर कुछ महीनों की बात करें तो ऐसी कई वारदातें हुई जिसमें लाश मिलने के बाद पहचान होती है। जब पुलिस पड़ताल शुरू करती है तब पता चलता है कि मारा गया व्यक्ति अपराधी था और जेल की हवा खा चुका है। एक सप्ताह पहले ही शाहपुर के गंगहारा में एक युवक को बाइक पर सवार कुछ लोगों ने फेंक दिया। आसपास मौजूद लोगों ने जब उसे देखा तो पता चला कि वह पास का ही रहने वाला रामाशीष उर्फ आशीष शर्मा है। पुलिस की मानें तो उसपर भी आम्र्स एक्ट से लेकर रंगदारी तक के मामले दर्ज थे। वर्ष 2011 में वह जेल की सैर कर चुका है। हालांकि घर वालों ने उसकी हत्या का नेम्ड एफआईआर किया है.

पंगा लेने की सजा मौत
पटना सिटी इलाके में अजय वर्मा गिरोह की तूती बोलती है। किसी ने अजय को जवाब देने की कोशिश की तो हर्जाना अपनी जान चुका कर देना पड़ता है। पिछले 22 जनवरी को पीरबहोर थाना क्षेत्र में मो। कलाम की हत्या कर दी गयी। उसने अपने अपराधी साथी छोटू के साथ मिलकर अजय वर्मा के घर पर गाली गलौज किया था। हाल क्या हुआ सब के सामने है। अजय के गुर्गे साहेब ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी। लाश को गंगा में फेंक दिया। साहेब ने खुद पुलिस को कनफेशन में इसका खुलासा किया। इधर 14 अक्टूबर 11 को सीपीडब्लूडी आफिस में इंजीनियर के चैम्बर के घुसकर ठेकेदार बंसत सिंह को गोली मार दी गयी थी। इसमें शंभू मंटू गिरोह के हाथ होने की बात सामने आयी.

जलता रहा है कदमकुआं एरिया
गैंगवार का ही नतीजा रहा कि कदमकुआं थाना क्षेत्र में दो कुख्यातों पर एक बार नहीं दो बार हमले हुए। आखिकार जान से हाथ धोना पड़ा। बम और गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा गया था। पिछले साल कदमकुआं सब्जी मंडी के पास शाम में अपराधियों ने कुख्यात संग्राम सिंह को गोलियों से भून डाला। हत्या होने के कुछ महीने पहले अपराधियों ने उसके घर के पास ही गोली और बम से हमला किया था, जिसमें वह बच गया था। अपने जमाने का कुख्यात संग्राम के विरोधियों को आशंका थी कि वह पुलिस का मुखबिर बन गया है। नाला रोड के पास ही एक सैलून दुकान में बैठे दीनानाथ क्रांति को गोली मारकर हत्या कर दी गयी। अपराधियों ने दहशत फैलाने के लिए जमकर बम भी चलाया था.

मुन्ना को भी मौत
मुन्ना को अत्याधुनिक हथियारों से छलनी कर दिया गया। कंकड़बाग आटो स्टैण्ड के पास उसपर गोलियां बरसाई गयीं। मुन्ना वहीं ढेर हो गया। उसे कई गोलियां लगीं। मारने वाले एक को तो दबोच लिया गया मगर उस कांड में शमिल कुख्यात गुड््डू मुम्बईया समेत एक अन्य अब भी फरार है। मुन्ना अपराधी प्रवृति का था और अपने साथियों की नजर मेंं वह भी पुलिस का आदमी बन चुका था। उसकी इंफार्मेशन पर पुलिस ने कई अपराधियों को दबोचा भी था। मुन्ना केबल चलाने का बिजनेस कर रहा था। मुन्ना की हत्या भी गैंगवार का नतीजा था.

वर्चस्व में भी गयी जान
पिछले साल 27 जुलाई को ट्रांसपोर्टर व श्रीकृष्णा रथ के मालिक रविकांत चौधरी की हत्या मीठापुर बस स्टैंड में गोली मारकर कर दी गयी। इसमें मंटू ट्रैवेल्स के मालिक कुंदन सिंह, उसके बेटे मंटू, रिश्तेदार कृपा शंकर सिंह सहित चार को नेम्ड किया गया। कुंदन और कृपाशंकर की अरेस्टिंग के बाद मामला वर्चस्व का ही निकला। कृपाशंकर ने पुलिस के सामने हत्या करने की बात स्वीकार की। इसी वर्चस्व की लड़ाई में पिछले साल ही 16 अप्रैल को पवन नाम के खलासी को बस से खींचकर गोली मारी दी गयी।

जनवरी 12 से अबतक
5 जनवरी- दानापुर - लक्ष्मी बिगहा में सुधीर की मिली लाश, कुछ समय पहले ही जेल से निकला था.
22 जनवरी- पीरबहोर -मो। कलाम को किडनैप कर हत्या। पुलिस ने बताया अपराधी.
5 मार्च - राजीव नगर- कुएं से कुख्यात रौशन की मिली लाश, 25 फरवरी को जेल से निकला था.
12 मार्च - शाहपुर -रामाशीष उर्फ आशीष शर्मा की लाश फेंकी हुई मिली। पिछले साल ही जेल से छूटा था.

पहले भी गैंगवार में गई जान
-पूर्व मंत्री बृजबिहारी की आईजीआईएम में गोली मारकर हत्या.
-दानापुर के सत्यनारायण सिन्हा की गोली मारकर हत्या.
- कंकड़बाग आटो स्टैंड के पास कुख्यात मुन्ना को गोलियों से भून डाला.
-कदमकुआं सब्जी मंडी के पास संग्राम सिंह की गोली मारकर हत्या.
-नाला रोड में दीनानाथ की क्रांति सैलून में ही गोली मारकर हत्या.

Active gangs-affected areas
बिन्दू सिंह- बिहार के कई जिले सहित झारखण्ड के कुछ इलाके, जेल से सक्रिय, कुछ महीने पहले ही झारखण्ड पुलिस रिमांड पर ले गयी थी.
पिन्टू सिंह -शहर के कई इलाके,  पुलिस की गिरफ्त में, गुर्गे सक्रिय.
शंभू-मंटू गिरोह- पटना सहित कई डिस्ट्रिक्ट में सक्रिय, पकड़ से दूर.
रीतलाल यादव - दानापुर सहित कई इलाके- इलेक्शन लडऩे को किया सरेंडर, गुर्गे एक्टिव.
छोटू डोम- पटना सहित कई डिस्ट्रिक्ट, जेल में चेले से जो चाहे करा ले.
अजय वर्मा -पटना सिटी का इलाका, पकड़ से दूर.
शंकर वर्मा- पटना सिटी का इलाका, गिरफ्त से दूर.
रवि गोप - पटना के कई थाना क्षेत्र, खासकर नाला रोड इलाके में रंगदारी, गिरफ्त से दूर.
शौकत मियां - पटना सहित कई इलाके- अभी अंडरग्राउंड.