एनसीआरबी की रिपोर्ट में हुआ है खुलासा

- आई नेक्स्ट ने पहले ही बताया था कि रात से अर्ली मॉर्निग तक की हालत खराब

- आए दिन हो रही है एक्सीडेंट की घटना, इन हादसों पर किसी का लगाम नहीं

PATNA: पटना में जब सूर्य की लाली निकलती है, उस समय एक मौत होती है। रोड एक्सीडेंट की खबरें आई नेक्स्ट लगातार उठाते रहा है। देर रात से लेकर सुबह के नौ बजे तक रफ्तार से चल रही गाडि़यों पर किसी का लगाम नहीं रहता है। लिहाजा, बेरोक-टोक चलने वाली इन गाडि़यों के नीचे हर दिन एक मौत की वारदात हो रही है। आई नेक्स्ट की रिपोर्ट 'किलर ऑवर' की सच्चाई पर नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो 2013 ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि कर दी है। एनसीआरबी की रिपोर्ट में पूरे बिहार में होने वाली एक्सीडेंट की वारदात सहित पटना में होने वाली हर घंटे के मौत के आंकड़े को दिखाया गया है। एनसीआरबी 2013 की रिपोर्ट के हिसाब से अप्रैल, मई और जून में सबसे अधिक रोड एक्सीडेंट बिहार में हुआ है। आंकड़े के मुताबिक 29,995 एक्सीडेंट की वारदात दर्ज की गई है। इसके जनवरी, फरवरी मार्च में 2407 एक्सीडेंट का मामला दर्ज है। पूरे साल बिहार में एक्सीडेंट की 20198 वारदात दर्ज है।

सुबह तीन से नौ बजे तक 3177 एक्सीडेंट

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक सुबह तीन बजे से नौ बजे तक 3177 एक्सीडेंट की वारदात सामने आयी है। इसमें 1622 हादसे रात तीन से छह बजे तक और 1555 एक्सीडेंट सुबह छह बजे से नौ बजे तक का दर्ज किया गया। ये सभी मामले ट्रेफिक थानों से ली गयी है। यही नहीं, पटना में होने वाले रोड एक्सीडेंट में पटना में 2013 में रोड एक्सीडेंट में 356 मौत हुई है इसमें 280 पुरुष और 76 महिलाएं शामिल थी, साथ ही एक्सीडेंट में कुल 301 पुरुष, 299 महिलाएं घायल हो चुकी है।

सुबह हो या शाम, पैदल चलना भी मुश्किल

गाडि़यों से होने वाली एक्सीडेंट का परसेंटेज तो काफी है, लेकिन रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि किस तरह गाडि़यों की बढ़ती तादात के बाद अब पैदल चलना भी पटनाइट्स के लिए मुश्किल बना हुआ है। दो सौ के आसपास पैदल चलने वाले एक्सीडेंट की चपेट में एक साल में आ रहे है। ये गंभीर मामले हैं, जिसमें लोगों को कई दिनों तक हॉस्पिटल में रहना पड़ता है। एक्सीडेंट के आंकड़े में मौत का परसेंटेज भी काफी है। बिहार में दर्ज 10,198 एक्सीडेंट के मामले बिहार में 4989 लोगों की मौत हुई है।

एक्सीडेंट से अधिक लापरवाही से मौत

ट्रैफिक पुलिस, अस्पताल और एंबुलेंस के आंकड़े बताते हैं कि एक्सीडेंट के बाद के पांच से दस मिनट में जमकर लापरवाही बरती जाती है। आसपास गुजरने वाले लोग देखकर छोड़ देते हैं। एंबुलेंस को खबर करने और अस्पताल तक लेकर आने में काफी वक्त लग जाता है। इस दौरान मौत की घटना बढ़ जाती है।

एक्सीडेंट से जुड़े मिथ्य नहीं बदले

- अमूमन लोग एक्सीडेंट केस को देखकर इग्नोर कर देते हैं। उन्हें डर रहता है कि पुलिस केस में फंस जाएंगे।

- पुलिसिया पूछताछ से बचने के लिए कई दफा अस्पताल के गेट पर ही छोड़कर चले जाते हैं।

- अपनी गाडि़यों पर लेकर चलने से डरते हैं।

- घायल व्यक्ति को उठाने और एंबुलेंस को कॉल करने में लापरवाही करते हैं। कई दफा वो भी नहीं करते हैं।

- भीड़ जमा हो जाती है, पर उसे उठाकर ले जाने का साहस किसी में नहीं होता।

एक्सीडेंट के मामले में बदले हैं नियम

- एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति को पुलिसिया पूछताछ से पहले ट्रीटमेंट जरूरी।

- घायल को लेकर आने वालों के साथ किसी भी तरह की पूछताछ नहीं की जाएगी।

- अगर वो बताना चाह रहे हैं, तो फिर उससे बात की जाएगी।

- बेवजह परेशान करने पर वो सीनियर ऑफिसर्स के पास कंप्लेन कर सकते हैं।

शहर में रोड एक्सीडेंट की वजह

- तेज रफ्तार और सड़कों पर लाइट की अरेंजमेंट न होना।

- भारी वाहन की रफ्तार पर किसी की नजर न रखना।

- शहर के बीचों बीच भारी वाहनों की स्पीड लिमिट नहीं होना।

2013 के मंथली आंकड़े

जनवरी, फरवरी, मार्च : 2407 एक्सीडेंट

अप्रैल, मई, जून : 29995 एक्सीडेंट

जुलाई, अगस्त, सितंबर : 2375 एक्सीडेंट

अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर : 2321 एक्सीडेंट

स्टेट में एक्सीडेंट की टाइमिंग

रात 3 से 6 बजे तक : 1622 हादसे

सुबह 6 से 9 बजे तक : 1555 एक्सीडेंट

सुबह 9 से 12 बजे तक : 1500 एक्सीडेंट

दोपहर 12 से 3 बजे तक : 1369 एक्सीडेंट

दिन के 3 से 6 बजे तक : 1455 एक्सीडेंट

रात 6 से 9 बजे तक : 1337 एक्सीडेंट

रात के 9 से 12 बजे तक : 720 एक्सीडेंट

(10,198 एक्सीडेंट के मामले बिहार में दर्ज किए गए हैं, जिनमें 4989 लोगों की मौत हुई है.)

पटना में एक्सीडेंट के केस

- 2013 में रोड एक्सीडेंट के कुल 899 मामले दर्ज किए गए हैं।

- 65.9 मामले में एक व्यक्ति की हो रही है मौत।

- 2013 में रोड एक्सीडेंट में 356 मौत हुई है, जिसमें 280 पुरुष और 76 महिलाएं शामिल थीं।

- एक्सीडेंट में घायल कुल 301 पुरुष, 299 महिलाएं शामिल हैं।

पटना में एक्सीडेंट से होने वाली मौत

थ्री व्हीलर से एक्सीडेंट : 40

टू व्हीलर से एक्सीडेंट : 30

जीप से एक्सीडेंट : 70

कार से एक्सीडेंट : 32

ट्रक लारी से एक्सीडेंट : 80

ऑटो से एक्सीडेंट : 58

पटना में एक्सीडेंट की टाइमिंग

रात 12 से 3 बजे के बीच 70 मौत

रात 3 से सुबह 6 बजे के बीच 200 मौत

सुबह छह से 9 बजे के बीच 144 मौत

सुबह 9 से दोपहर 12 तक 40 मौत

दोपहर 12 से 3 बजे तक 60 मौत

रात 6 से 9 बजे के बीच 95 मौत

रात 9 12 बजे के बीच 65 एक्सीडेंट

बिहार में एक्सीडेंट से होने वाली मौत

ट्रक और लारी की एक्सीडेंट - 1015 मौत

बस से हुई एक्सीडेंट में - 741 मौत

ऑटो से हुई एक्सीडेंट में - 438 मौत

जीप से हुई एक्सीडेंट में - 477 मौत

कार से हुई एक्सीडेंट में - 525 मौत

टू व्हीलर से हुई एक्सीडेंट में -701 मौत

साइकिल से हुई एक्सीडेंट में - 42 मौत

पैदल चलने वालों को पीछे से हुई एक्सीडेंट में 200 मौत

थ्री व्हीलर से हुई एक्सीडेंट में - 231 मौत

(ख्0क्फ् में क्0क्98 मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें ब्989 यानी ब्8.9 परसेंट ने अपनी जान गंवा दी.)