- 29 नवंबर को होने वाली बोर्ड की मीटिंग में पक्ष के सामने विपक्षी काउंसलर्स के साथ कमिश्नर भी करेंगे शिरकत

- डिप्टी मेयर और काउंसलर नहीं जाएंगे, तो सदस्यता हो सकती है रद्द

PATNA : पांच महीने बाद एक बार फिर से 72 वार्ड के तमाम काउंसलर्स मेयर-डिप्टी मेयर व कमिश्नर एक साथ बोर्ड की बैठक में शामिल होने वाले हैं। इसको लेकर तैयारी जोर-शोर से चल रही है। पक्ष-विपक्ष के अब तक के इस खेल पर अब विराम लग जाएगा, पर बोर्ड की इस बैठक में आने के लिए दोनों तरफ की ओर से मोर्चा बंदी भी की जा रही है। साथ ही दंडाधिकारी की नियुक्ति सहित तमाम ऑफिशियल और पॉलिटिकल अरेंजमेंट भी किया जा रहा है। 29 नवंबर को एसकेपुरी सामुदायिक भवन में आयोजित इस बोर्ड की बैठक का मुख्य एजेंडा डेंगू रहेगा। तीन बार के बोर्ड की बैठक के बाद इस बार एक बार फिर से फागिंग को लेकर जबाब मांगा गया है।

विपक्ष आने को है तैयार

अब तक पक्ष के रहते विपक्ष आने को तैयार नहीं था, लेकिन इस बोर्ड की बैठक में विपक्ष खुद आने की तैयारी में जुटा हुआ है। निगम लॉ के अनुसार अगर कोई काउंसलर तीन बार बोर्ड की बैठक में शामिल नहीं होता है, तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी। इसमें डिप्टी मेयर से लेकर तमाम विपक्षी काउंसलर हैं। इसलिए इस बोर्ड की बैठक में विपक्ष अपनी पूरी ताकत के साथ आने की तैयारी में है। वहीं, पक्ष चाह रहा है कि अगर विपक्ष नहीं आए, तो उसकी सदस्यता पर ही सवाल उठाया जा सकता है।

The other side

मेयर व कमिश्नर के बीच बंट गया बोर्ड

पांच महीनों से जब से दुबारा इलेक्शन के बाद मेयर की जीत हुई, तब से विपक्ष ने उन्हें अपना मेयर मानने से इंकार कर दिया और इसको लेकर हाईकोर्ट तक से गुहार लगा ली। जब नतीजा कुछ नहीं बन पाया, तो पांच महीने से लगातार मेयर और कमिश्नर के बीच पूरा बोर्ड बंट गया। हाल तो यह हो गया कि मेयर के रहते हुए डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में दीवाली के दौरान विपक्षी ने बोर्ड की बैठक तक बुला ली।

इस बार मेयर विकास के कार्यो में बाधा नहीं बनेंगे। अगर वो विकास कार्यो की बात करेंगे, तो हर काउंसलर उनके साथ पब्लिक की परेशानी पर बात करेगा।

रूप नारायण मेहता

डिप्टी मेयर, पटना नगर निगम