PATNA: टाटा सूमो, बोलरो और अल्टो जैसी चोरी की गई गाडि़यों को कोई और नहीं, बल्कि सहरसा का रहने वाला गौतम कुमार भगत खरीदता था। जो अब पटना पुलिस की गिरफ्त में है। इसके शह पर ही शातिर चोरों का गैंग पटना की सड़कों से पलक झपकते फोर व्हीलर गाडि़यों को गायब कर देता था। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद गौतम से लंबी पूछताछ हुई। बताया जाता है कि ये लंबे समय से चोरी की गई गाडि़यों की खरीद-बिक्री का धंधा करता आ रहा है। इसके बारे में कभी पुलिस को पता नहीं चला। सहरसा और खगडि़या सहित पूरे कोशी के क्षेत्र को इसने अपना ठिकाना बना रखा था। पुलिस सोर्स की मानें तो चोरी की गाडि़यां खरीदने के बाद पहले उसे दूर-दराज के इलाके में स्थित अपने अलग-अलग गैराज में शिफ्ट करा देता था।

- भ्0 हजार में सूमो और बोलेरो

पटना से चोरी की गई जो भी गाडि़यां गौतम के पास पहुंचती थीं, उनका रेट पहले से ही तय रहता था। पुलिस की मानें तो ठिकाने पर पहुंचते ही शातिर चोरों से गौतम भ्0 हजार रुपए में टाटा सूमो और और बोलेरो जैसी गाडि़यां खरीदता था। जबकि मारूति अल्टो व उस जैसी अन्य गाडि़यों को फ्0 हजार रुपए में खरीद लेता था। इस तरह से उसने अब तक चोरी के कई फोर व्हीलर खरीदे और फिर उसे ऊंचे दामों खुद ठिकाने लगा दिया।

- नॉर्थ ईस्ट को बना रखा था ठिकाना

असम और नागालैंड जैसे नार्थ ईस्ट के तहत आने वाले स्टेट को गौतम कुमार भगत ने अपना ठिकाना बना रखा था। जक्कनपुर थाने के एसएचओ की मानें तो चोरों से गाड़ी खरीदने के बाद गौतम नॉर्थ ईस्ट के शहरों में गाडि़यों को बेचा करता था। जिस सूमो व बोलेरो को वो भ्0 हजार में खरीदता था, उसे वो उंची कीमतों पर ठिकाने लगाता था। सोर्स बताते हैं कि बेचने से पहले वो अपने गैराज में गाडि़यों का नंबर प्लेट बदल दिया करता था और उनके कलर भी चेंज कर दिया करता था।

- तुरंत पकड़ लेते हैं एनएच का रास्ता

बात अगर शातिर चोरों की करें तो इनकी प्लानिंग भी बेहद पुख्ता होती थी। पुलिस की जांच में ये बात सामने आई है कि जिन शातिर वाहन चोरों को खगडि़या और पटना से पकड़ा गया, वो पहले से ही पूरी प्लानिंग सेट करके रखते थे। गाड़ी चोरी करते ही चंद मिनटों में वो नेशनल हाइवे का रास्ता पकड़ लेते थे। गाड़ी की स्पीड इतनी होती थी कि फ्-ब् घंटे में ये गौतम के बताए ठिकाने पर पहुंच जाते थे। फिलहाल पुलिस टीम गौतम के नॉर्थ ईस्ट कनेक्शन को खंगाल रही है।